रक्तदान है महादान: रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या …
Read More »कुँआरी मुट्ठी: कन्हैया लाल सेठिया वीर रस कविता
War has an important role in Nation building. A nation that has not experienced war becomes weaker. War ensures peace. This is the perspective on war provided by the well-known poet Kanhaiyalal Sethia. कुँआरी मुट्ठी: कन्हैया लाल सेठिया युद्ध नहीं है नाश मात्र ही युद्ध स्वयं निर्माता है, लड़ा न जिस ने युद्ध राष्ट्र वह कच्चा ही रह जाता है, …
Read More »बुद्ध और नाचघर: हरिवंशराय बच्चन
हरिवंश राय श्रीवास्तव “बच्चन” हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के प्रख्यात अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उन्होने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में …
Read More »उदास सांझ: कठोर कठिन थके हुए जीवन पर कविता
As the sun sets and darkness prepares to engulf the world, a strange depression some times sets in our thoughts. In this lovely poem Maitreyee Ji has drawn a shabda chitra of this sense of restlessness. उदास सांझ: मैत्रेयी अनुरूपा दिनभर तपा धूप में थक कर‚ हो निढाल ये बूढ़ा सूरज‚ बैठ अधमरे घोड़ों पर – जो डगमग गिर गिर …
Read More »वीर शिवाजी: छत्रपति शिवाजी पर वीर रस कविता
वीर शिवाजी भोसले का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले सेनापति थे और उनकी माता जीजाबाई एक धार्मिक महिला थीं। मां से ही शिवाजी को धर्म और आध्यात्म की शिक्षा मिली थी। वीर शिवाजी बचपन से ही सामंती प्रथा के खिलाफ थे और मुगल शासकों द्वारा प्रजा के प्रति क्रूर …
Read More »खण्डकाव्य चंद्रशेखर आजाद कुछ चुनिंदा अंश: श्रीकृष्ण सरल
श्रीकृष्ण सरल उन भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय क्रांतिकारियों पर अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें पन्द्रह महाकाव्य हैं। सरल जी ने अपना सम्पूर्ण लेखन भारतीय क्रांतिकारियों पर ही किया है। उन्होंने लेखन में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सर्वाधिक क्रांति-लेखन और सर्वाधिक महाकाव्य (पन्द्रह) लिखने का श्रेय सरलजी को ही जाता है। 1 जनवरी 1919 …
Read More »कदम मिलाकर चलना होगा: अटल की देशभक्ति कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे राजनेता के साथ ही बहुत अच्छे कवि भी थे। संसद से लेकर अन्य मौकों पर अपनी चुटीली बातों को कहने के लिए अक्सर कविताओं का इस्तेमाल करते थे। उनका मौकों के हिसाब से कविताओं का चयन उम्दा रहता था, जिसको अक्सर विरोधी भी सराहा करते थे। कदम मिलाकर चलना होगा: अटल …
Read More »झुक नहीं सकते: अटल बिहारी वाजपेयी की यादगार कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की आधारशिला माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने न केवल एक बेहतरीन राजनेता बल्कि एक अच्छे कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में नाम कमाया बल्कि एक शानदार वक्ता के रूप में भी लोगों का दिल जीता। अटल …
Read More »मेरा परिचय: अटल जी की हिंदुत्व पर देश प्रेम कविता
महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज जितने साहित्य के मर्मज्ञ थे, उतने ही ज्योतिष शास्त्र में भी पारंगत। गुरुवार को अटलजी के निधन के साथ महाकवि की भविष्यवाणी भी सच साबित हो गई। दरअसल, नीरजजी ने नौ साल पहले 2009 में यह भविष्यवाणी की थी कि मेरे और अटलजी के निधन में 30 दिन से ज्यादा का अंतर न रहेगा। हुआ भी …
Read More »कर्मवीर: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
Here is an old classic written by Ayodhya Singh Upadhyaya Hariaudh. Hariaudh Ji (born 1865, died 1947) was one of the earliest poets of modern Hindi. Here he gives a evergreen prescription for success in life. कर्मवीर: अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ देख कर बाधा विविध बहु विघ्न घबराते नहीं रह भरोसे भाग के दुख भोग पछताते नहीं काम कितना ही …
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