एक बंजारा था। वह बैलों पर मेट (मुल्तानी मिट्टी) लादकर दिल्ली की तरफ आ रहा था। रास्ते में कई गांवों से गुजरते समय उसकी बहुत-सी मेट बिक गई। बैलों की पीठ पर लदे बोरे आधे तो खाली हो गए और आधे भरे रह गए। अब वे बैलों की पीठ पर टिके कैसे? क्योंकि भार एक तरफ हो गया। नौकरों ने …
Read More »गूंगी: गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानी
गूंगी: गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कहानी – टैगोर के १५० वें जन्मदिन के अवसर पर उनके कार्यों का एक (कालनुक्रोमिक रबीन्द्र रचनाबली) नामक एक संकलन वर्तमान में बंगाली कालानुक्रमिक क्रम में प्रकाशित किया गया है। इसमें प्रत्येक कार्य के सभी संस्करण शामिल हैं और लगभग अस्सी संस्करण है। २०११ में, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने विश्व-भारती विश्वविद्यालय के साथ अंग्रेजी …
Read More »रबीन्द्रनाथ टैगोर की श्रेष्ठ कहानियों में से एक: अनमोल भेंट
रबीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा के संस्करण की उत्पत्ति का श्रेय दिया जाता …
Read More »आत्मविश्वास का रहस्य: आत्मविश्वास बढ़ाने पर प्रेरणादायक बाल-कहानी
सुमन दसवीं कक्षा का छात्र था। आज जब वह स्कूल से घर वापस लौटा तो देखा कि उसके बड़े भैया संजय जो कि एयरफोर्स में थे, एक महीने की छुट्टियों पर घर आए हुए थे। उसके भैया संजय का सिलैक्शन कोई तीन साल पहले इंडियन एयरफोर्स में हो गया था। ट्रेनिंग के बाद उनकी नियुक्ति असम में हुई थी। इस …
Read More »नन्हे छोटू की बड़ी कहानी: मानवाधिकार पर बाल-कहानी
सर्दी की छुट्टियाँ आ गई थी और रिमझिम के तो खुशी के मारे पैर ज़मीन पर ही नहीं पड़ रहे थे। उसके पापा उसे उसकी बेस्ट फ्रैंड स्वाति के घर छोड़ने के लिए तीन दिन के लिए तैयार हो गए थे। रिमझिम और स्वाति एक दूसरे के साथ जी भर कर मस्ती करना चाहती थी, इसलिए दोनों ही बहुत खुश …
Read More »