अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए। सुबह दस बजे कैंप की ठंडी जमीन पर जब सिराजुद्दीन ने आंखें खोलीं और अपने चारों तरफ मर्दों, औरतों और बच्चों का एक उमड़ता समुद्र देखा तो उसकी सोचने-समझने की शक्तियां …
Read More »सआदत हसन मंटो की लोकप्रिय कहानी हिंदी में: लाइसेंस
अब्बू कोचवान बड़ा छैल-छबीला था। उसका तांगा-घोड़ा भी शहर में नंबर वन था। वह कभी मामूली सवारी नहीं बिठाता था। उसके लगे-बंधे गाहक थे, जिनसे उसको रोजाना 10-15 रुपए वसूल हो जाते थे, जो उसके लिए काफ़ी थे। दूसरे कोचवानों की तरह उसे नशा-पानी की आदत नहीं थी, लेकिन साफ़-सुथरे कपड़े पहनने और हर वक़्त बांका बने रहने का उसे …
Read More »अनकहा सच: नाजायज रिश्तों की जायज कहानी
कितनी बार अपनी पसंदीदा नीली कलम उठाई और डायरी के बीच में फँसा दी। भूरे ज़िल्द की डायरी के सफ़ेद पन्नों ने जैसे अपनी उम्र पूरी कर ली हो और हल्की पीली चादर तान कर सोने जा रहे हो। तकदीर का खेल पर पन्नों के बीच छुपकर भला कहाँ चैन पाता है, वो तो आज़ाद होकर सबको अपनी उँगलियों पर …
Read More »देव-कन्या: नर्स और मरीज की एक प्रेरणादायक कहानी
“लगता है जिन्दगी और मौत के बीच का फासला बहुत कम है…!” “ऐसा मत बोलो… जन्म हो या मृत्यु, जो कुछ ऊपर वाले ने लिख दिया वह होना तय है, घबराने से कुछ नहीं मिलता! जिन्दगी के साथ सुख-दुःख तो लगे ही रहते हैं।” “और तो कुछ नहीं, बस छोटी का विवाह मेरे सामने हो जाता फिर भले ही चला …
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