“How imposing and magnificent is this idol of Lord Ganpati” little Rohan asked his mother without moving his eyes from the imposing statue of Lord Ganesha. “Yes of course son. It is indeed quite splendid” his mother Kamla answered while mopping the floor. “Oh mother at least give it a glance” little Rohan insisted. Kamla turned her head and looked at the …
Read More »मन्नत की दीवाली: अनाथालय के बच्चों के साथ दीवाली का त्योहार
मन्नत की दीवाली: मैं आपसे कब से कह रही हूँ, पर आप मुझे इस दिवाली पर नई पेंसिल, नए पेन और नया बस्ता दिलवा ही नहीं रही है… मन्नत ने गुस्से से अपनी माँ से कहा। माँ भी दिवाली नज़दीक आने के कारण घर की साफ़ सफ़ाई कर रही थीI सुबह से लगातार काम करते हुए वो भी बुरी तरह …
Read More »दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: शिक्षाप्रद कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: “ऑनलाइन शॉपिंग का क्या बुखार चढ़ा है तुम्हें”? रोहित आशीष के कमरे में घुसता हुआ बोला। “हा हा… कितने आराम से सभी चीज़े घर बैठे मिल जाती है और वो भी बहुत सस्ती” आशीष हँसते हुए बोला। दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: मंजरी शुक्ला “वो तो ठीक है, पर इसका मतलब ये तो नहीं कि तू पेन …
Read More »दिवाली की सच्ची रोशनी: प्रेरक लघुकथा विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की सच्ची रोशनी: पुराने समय की बात है। महीप नगर में रतनचंद और माणिकदत्त नामक दो व्यापारी रहते थे। दोनों ही नगर के सबसे अमीर व्यक्ति थे। वहां के राजा महीपाल बड़े ही न्यायप्रिय एवं प्रजा बत्सल थे। राजा को तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का विशेष शौक था। एक बार दिवाली के समय उन्होंने घोषणा करवाई कि दिवाली …
Read More »दिवाली के दिए: दिल छू लेने वाली कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली के दिए: पखवाड़े बाद दिवाली थी। सारा शहर दीवाली के स्वागत में रोशनी से झिलमिला रहा था। कहीं चीनी मिटटी के बर्तन बिक रहे थे तो कहीं मिठाई की दुकानो से आने वाली मन भावन सुगंध लालायित कर रही थी। दिवाली के दिए उसका दिल दुकान में घुसने का कर रहा था और मस्तिष्क तंग जेब के यथार्थ का बोध …
Read More »चूहों की दिवाली: चतुर चूहों की चटपटी कहानी
चूहों की दिवाली: जब से चूहों को पता चला था कि दिवाली आने वाली है तो उनमें कानाफूसी शुरू हो गई थी। सबने मिलकर एक शाम को एक मीटिंग करने का निश्चय किया। छोटा चूहा, मोटा चूहा, लम्बा चूहा, नाटा चूहा, कोई भी नहीं छूटा… सब भागते हुए मीटिंग अटेंड करने जा पहुँचे थे। मीटिंग की राय देने वाले नाटू चूहे की तो ख़ुशी …
Read More »बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी
बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी – बहुत सारे पटाखे, मिठाई और नए नए कपड़े चाहिए मुझे इस दिवाली पर… कहता हुआ नन्हा बिट्टू पैर पटककर माँ के सामने जमीन पर ही लोट गया। उसकी मम्मी ने अपनी हँसी को दबाते हुए कहा – “हाँ – हाँ, सब ले आयेंगे”। यह सुनकर बिट्टू बड़े ही लाड़ से माँ के गले में …
Read More »नन्हे पेड़ की दिवाली: पेड़ों में दिवाली के उत्साह पर मंजरी शुक्ला की कहानी
नन्हे पेड़ की दिवाली: दिवाली आने वाली थी और सबसे मज़ेदार बात ये थी कि इस साल पेड़ सबसे ज़्यादा खुश थे। छोटे पेड़ बड़े पेड़ों से पूछा करते थे कि दिवाली आने में कितने दिन बचे हैं और बड़े पेड़ मुस्कुराते हुए कहते की दिन भर में पचास बार पूछने से दिवाली जल्दी नहीं आ जाएगी। सबसे ज़्यादा हैरान …
Read More »दिवाली पर प्रेरणादायक कहानी: फैली रोशनी
दिवाली पर प्रेरणादायक कहानी: फैली रोशनी – दीपावली की रात जगमगा रही थी। सभी बच्चे गली-मोहल्लों में बम-पटाखे फोड़ रहे थे। राहुल की दीदी अनु गली में फुलझड़ियां चलाती हुई खुशी से चिल्ला रही थी, लेकिन राहुल का मन कहीं और था। मम्मी ने पूछा, “राहुल बेटा, जाओ तुम भी दीदी के साथ आतिशबाजी जला लो। तुम्हारा मन नहीं कर …
Read More »अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद कहानी सोने के पत्तों की
अनोखा दशहरा: बहुत समय पहले की बात हैं। उदयपुर राज्य में एक राजा राज्य करता था माधोसिंघ। उसके दिमाग में रह रह कर तरह तरह के फ़ितूर आते रहते थे। इस कारण कभी तो उसकी हरकतों पर लोग हँसते हँसते लोटपोट हो जाते तो कई बार उसे सबके साथ इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता पर वो अपनी पुरानी गलतियों से …
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