‘हिंदुआ सूरज’ के नाम से विख्यात महाराणा प्रताप सिंह से क्यों भय खाता था मुगल बादशाह अकबर? दिवेर के युद्ध में छिपी है कहानी मोही के युद्ध को लेकर ‘अकबरनामा’ में अबुल फजल लिखा है, “राणा के आदमियों ने मोही पर हमला करके फसलें बर्बाद करना शुरू कर दिया। उस समय कुँवर मान सिंह कच्छवाहा मेवाड़ के पहाड़ी इलाकों में …
Read More »Maharana Pratap: The battle of Haldighati
Maharana Pratap: The battle of Haldighati – Mewar is a region that defies conventional ideas and modern beliefs. Its people are proud. People may wonder why so, but a peek into Mewar’s history and a visit to the area will give all the answers one needs. This land in the Aravalli range of Rajasthan has seen people who gladly embraced …
Read More »ताजमहल: जानिए कब और कैसे बना Taj Mahal
’18 साल का वैवाहिक जीवन, 14 बच्चे, 15वें प्रसव के दौरान 37 की उम्र में मुमताज की मौत’: जानिए कब और कैसे बना ताजमहल 10 सालों तक शाहजहाँ, मुमताज की हड्डियों अथवा कंकाल को लेकर ही यहाँ से वहाँ घूमता रहा होगा। मुमताज की कब्र है कहाँ इसको लेकर पुख्ता जानकारी खुद पुरातत्व विभाग के पास ही नहीं है। देश …
Read More »हिन्दू-सिख इतिहास 3: हिन्दू योद्धाओं ने की थी सिख गुरुओं की रक्षा
हिन्दू योद्धाओं ने की थी गुरुओं की रक्षा, औरंगजेब से जा मिला था सिख गुरु का बेटा: हिन्दू राजा ने दान की हवेली, तब बना गुरुद्वारा बँगला साहिब हिन्दुओं ने तो हमेशा सिख गुरुओं का साथ दिया, उनका आदेश माना और उनकी सहायता की। लेकिन, सिखों में ही कुछ ऐसे लोग हो गए थे जिन्होंने अपनी ही कौम के खिलाफ …
Read More »हिन्दू-सिख इतिहास 1: गुरु नानक से गुरु ग्रन्थ साहिब तक
पिता से अलग रास्ते चले थे गुरु नानक के बेटे: ‘भक्ति आंदोलन’ से निकला था सिख धर्म, गुरु ग्रन्थ साहिब में हिन्दू संतों की रचनाएँ भक्ति युग के कवियों कबीर, नामदेव और रैदास की रचनाएँ हमें पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब में मिलती हैं। ये सभी हिन्दू कवि व संत थे, सिख नहीं थे। सिखों में सिमरन और सेवा का महत्व …
Read More »हिन्दू-सिख इतिहास 2: गुरु गोविंद सिंह थे मूर्तिभंजक
‘वो दुष्ट पहाड़ी राजा मूर्तिपूजक, मैं मूर्तिभंजक हूँ’: गुरु गोविंद सिंह ने की थी मुगलों को गद्दी दिलाने में सहायता – किताबों में पूरा इतिहास बहादुर शाह ने कवि नंदलाल के माध्यम से गुरु से सहायता माँगी और उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। उन्होंने भाई धर्म सिंह के साथ 200-250 लड़ाकू सिखों का एक जत्था बहादुर शाह की सहायता के …
Read More »पृथ्वीराज चौहान और अजमेर के ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती
‘हमने पिथौरा को जिंदा दबोच इस्लामी फौज को सौंप दिया’: ‘गरीब नवाज’ ने क्यों लिया था पृथ्वीराज चौहान की हार का श्रेय? MA अकबर की पुस्तक के अनुसार, मोईनुद्दीन चिश्ती को निजामुद्दीन औलिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा सूफी संत माना गया लेकिन उसने अजमेर के आनासागर झील को अपवित्र कर दिया था। उसने अल्लाह और पैगम्बर की मदद से …
Read More »जब शिवाजी के 300 मराठों ने 1 लाख की फ़ौज को हराया
वो शिवा जिसने शिवाजी की जान बचाने के लिए ख़ुद का बलिदान दिया जैसा कि योजना बनाई गई थी, शिवा काशिद पकड़े गए और उन्हें बीजापुरी कैंप में ले जाया गया। वे चाहते ही थे कि शिवाजी की जान बचाने के लिए उन्हें पकड़ लिया जाए। इस बलिदान ने पीछे हटते मराठा बल को कुछ साँस लेने का मौका दिया। …
Read More »शिवाजी की तलवार का इंग्लैंड कनेक्शन
सिर्फ 2000 सैनिकों से साम्राज्य खड़ा करने की कहानी जब शिवाजी महाराज ने बतौर शासक अपना जीवन शुरू किया, तब उनके पिता ने उनके लिए सिर्फ़ 2000 सैनिक छोड़े थे। उन्होंने इस संख्या को बढ़ाकर 10,000 कर डाला। वे कभी अपने सैनिकों को शहीद होने के लिए नहीं उकसाते थे। बल्कि… शिवाजी की तलवार का इंग्लैंड कनेक्शन निडर, पराक्रमी, कुशल, …
Read More »छत्रपति शिवाजी के प्रमुख युद्ध
अफजल को मारा, शाहिस्ता को हराया और औरंगज़ेब को नाकों चने चबवाया अफजल खान और प्रतापगढ़ में बीजापुरी सेना की पराजय के बाद, शिवाजी ने बीजापुरी क्षेत्र में गहरी पकड़ जारी रखी। कुछ दिनों के भीतर, मराठों ने पन्हाला किले (कोल्हापुर शहर के पास) पर कब्जा कर लिया। इस बीच, नेताजी पालकर के नेतृत्व में एक और मराठा बल, बीजापुर …
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