भारत देश में इतने मंदिर है कि इनकी गिनती करना बड़ा ही मुश्किल है। समय-समय पर हम आपको कई ऐतिहासिक मंदिरों के बारे में जानकारी प्रदान करते रहते हैं। हमेशा की तरह आज भी हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि शिव और उनके ससुराल से जुड़ा है इसके निर्माण के पीछे की …
Read More »दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
भारत के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (Mahakaleshwar Jyotirlinga) उज्जैन शहर में स्थित है। उज्जैन की पश्चिम दिशा में शिप्रा नदी प्रवाहमान है। जहां हर बारह वर्ष में कुंभ का मेला लगता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा में भूमिगत पानी का स्रोत धार्मिकता बढ़ाता है। इसी कारण उज्जैन शहर धार्मिक नगरी के रूप में ज्यादा प्रसिद्ध …
Read More »चूड़ामणि देवी मंदिर, चुड़ियाला गांव, रुड़की, उत्तराखंड
उत्तराखंड में एक ऐसा अनोखा मंदिर है जहां से चोरी करने पर हर शख्स की मनोकामना पूरी होती है। रुड़की के चुडिय़ाला गांव स्थित प्राचीन सिद्धपीठ चूड़ामणि देवी मंदिर में पुत्र प्रप्ति की इच्छा रखने वाले दंपति माथा टेकने आते है। यहां पर मान्यता है कि जिन्हें पुत्र की चाह होती है वह जोड़ा मंदिर में आकर माता के चरणों …
Read More »चामुंडा नंदीकेश्वर मंदिर, कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश
श्री चामुंडा नंदीकेश्वर मंदिर हिमाचल प्रदेश में स्थित लगभग 2000 मंदिरों में से एक धर्मस्थल तथा शक्ति धाम होने के साथ ही ऐसी नैसर्गिक प्राकृतिक सुंदरता से ओत-प्रोत मंदिर है जिसके आसपास के कुदरती नजारों को शब्दों में बयां करना कठिन है। धौलाधार पर्वतमाला की गोद में कांगड़ा घाटी की पहाड़़ी ढलानों पर झर-झर बहते अनेकों प्राकृतिक चश्मों में घिरी …
Read More »बृहदेश्वर मंदिर, तंजावुर, तमिलनाडु: द्रविड़ वास्तुकला का बेहतरीन उदाहरण
तंजावुर का बृहदेश्वर मंदिर: नींव नहीं फिर भी सब कुछ भव्य-विशाल, 200 फुट की ऊँचाई और 81000 किलो का पत्थर बृहदेश्वर मंदिर की वास्तुकला न केवल विज्ञान और ज्यामिति के नियमों का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है, बल्कि इसकी संरचना कई रहस्य भी उत्पन्न करती है। मंदिर का निर्माण द्रविड़ वास्तुशैली के आधार पर हुआ है। तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित बृहदीश्वर …
Read More »ब्रज के महादेव मंदिर: आश्वेश्वर, रंगेश्वर और गोपेश्वर महादेव मंदिर
देश भर में भगवान शंकर के ऐसे कई नामचीन मंदिर हैं, जिनके बारे में बताने की किसी को ज़रूरत नहीं। वो अपने आप में इतने प्रसिद्ध हैं कि उनकी प्रसिद्ध पर किसी को प्रकाश डालने की कोई ज़रूरत नहीं है। लेकिन क्या आपको पता है कि आज भी कई ऐसे भी मंदिर हैं, जिन से जुड़ा इतिहास लोगों से रूबरू …
Read More »भीमाकाली मंदिर शक्तिपीठ, सराहन, हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश के सराहन में भीमाकाली मंदिर अवस्थित है। देवी सती का बायां कान इस स्थान पर गिरा था इसलिए यह स्थान शक्तिपीठ कहलाता है। मान्यता है की इस मंदिर का निर्माण लगभग 800 वर्ष पूर्व हुआ था। दन्त कथा के अनुसार, देवी भीमाकाली महान हिंदू ऋषि ब्रह्मगिरी के लकड़ी के स्टाफ में सबसे पहले दिखाई दी। भीमाकाली मंदिर परिसर …
Read More »तीन तीर्थों का संगम है: बिजेथुआ महाबीरन, सुल्तानपुर
[content_block id=48 slug=ads1]उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के कादीपुर स्थित बिजेथुआ महाबीरन वह स्थान है जहां कालिनेमि का वध किया गया था। यह वधस्थली आज पर्यटन केंद्र सहित तीर्थस्थल तीन तीर्थों का संगम है। यहां से प्रयाग, काशी और अयोध्या की समान दुरी है। कालिनेमी का उल्लेख रामचरित मानस के लंका कांड, अध्यात्म रामायण के युद्ध कांड के सर्ग छः व …
Read More »बलभद्र मंदिर, धौलरा गांव, रादौर, हरियाणा
[content_block id=48 slug=ads1] रादौर के गावं धौलरा में स्थित प्राचीन भगवान बलभद्र के मंदिर के प्रति हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य पड़ोसी राज्यों के लोगो की भी गहरी आस्था है। इस मंदिर की मान्यता है की निसंतान लोग अगर यहां सच्चे दिल से मन्नत मांगते हैं तो उन्हें संतान प्राप्ति होती है। मंदिर के इतिहास के बारे में एक श्रद्धालु …
Read More »बादामी गुफा मंदिर, बादामी, बागलकोट जिला, कर्नाटक
भारत देश में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक और प्रसिद्ध गुफाएं हैं, जिनका रहस्य आज तक कोई सुलझा नहीं पाए। आज हम आपको ऐसी ही एक गुफा के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने अंदर कितने रहस्य और सुंदरता को समेटे हुए हैं। इस गुफा के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते हैं कि ये गुफा कहां और …
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