घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में स्थित है। भगवान भोलेनाथ का यह सिद्ध मंदिर शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर वेरूळ नामक गांव में है। इस ज्योतिलिंग को घुष्मेश्वर भी कहा जाता है। शिव महापुराण में भगवान शिव के इस 12वें तथा अंतिम ज्योतिर्लिंग का उल्लेख है। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर: Name: Shri Grishneshwar Jyotirlinga Temple / Grushneshwar Location: Verul …
Read More »श्री डुल्या मारुति मंदिर, गणेशपेठ, पुणे, महाराष्ट्र
श्री डुल्या मारुति मंदिर: आज हम आपको पुणे के गणेशपेठ में स्थापित हनुमान मंदिर के बारे में बारे में बताने जा रहे है, जो लगभग 300 साल पुराना अति भव्य और प्राचीन है। मंदिर में स्थापित बजरंगबली की प्रतिमा को साधारण से एक काले पत्थर पर अंकित किया गया है। मंदिर में स्थापित हनुमान जी के इस रूप को डुल्या मारुति …
Read More »Famous Ganesha Temples In India: Temples Dedicated to Ganesha
Famous Ganesha Temples In India: There are many temples in the country of Parvati Nandan Ganapati, who has his own glory. Somewhere, only by bowing before Ganapati, the wishes are fulfilled, and somewhere, by asking for forgiveness of his mistakes, Ganeshji fulfils all the wishes of the mind. So let us show you 8 Ganpati temples in India. 8 Lord …
Read More »कैलाश मन्दिर एलोरा: संभाजीनगर, महाराष्ट्र
कैलाश मन्दिर एलोरा – महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले में प्रसिद्ध ‘एलोरा की गुफ़ाओं’ में स्थित है। यह मंदिर दुनिया भर में एक ही पत्थर की शिला से बनी हुई सबसे बड़ी मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर को तैयार करने में क़रीब 150 वर्ष लगे और लगभग 7000 मज़दूरों ने लगातार इस पर काम किया। पच्चीकारी की दृष्टि से …
Read More »श्री अष्टविनायक गणेश मंदिर, पुणे, महाराष्ट्र
हम ने आज तक आपको ऐसे कई मंदिरों के बारे में बताया है जिनके रहस्य और इतिहास बहुत अद्भुत है। आज भी आपको ऐसे ही मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो बहुत प्राचीन है। साथ ही इनका इतिहास और पौराणिक महत्व भी कुछ अलग। हम बात कर रहे हैं अष्टविनायक के बारे में। बता दें कि अष्टविनायक …
Read More »शनि शिंगणापुर, अहमदनगर, महाराष्ट्र
शनि शिंगणापुर, अहमदनगर, महाराष्ट्र: लोक मान्यता है कि शिंगणापुर में देवता हैं लेकिन मंदिर नहीं। घर है लेकिन दरवाजे नहीं। भय है पर शत्रु नहीं। इन सब से हटकर शिंगनापुर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां घरों में किवाड़ नहीं होते और शनिदेव स्वयं अपने भक्तों के घरों की रक्षा करते हैं। चारों धाम भ्रमण करने पर भी …
Read More »नासिक, महाराष्ट्र
मान्यताओं के अनुसार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के दौरान नासिक के पास स्थित तपोवन नामक स्थान पर ठहरे थे। यहीं लक्ष्मण ने शूर्पणखा की नाक काटी थी और इसलिए इस जगह का नाम नासिक पड़ा, जोकि एक नाक का ही अनुवाद रूप है। 150 ईसा पूर्व के प्रसिद्ध दार्शनिक प्लोतेमी ने भी नासिक का उल्लेख किया …
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