रूपनगढ़ की राजकुमारी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा – ‘अपनी कन्या को शाही बेगम बनने के लिये तुरंत दिल्ली भेज दो!’ औरंगजेब के इस संदेश के साथ दिल्ली से एक सेना भी रूपनगढ़ के राजा विक्रम सोलंकी के पास पहुँची। अनेक राजपूत नरेशों ने अपनी कन्याएँ दिल्ली को भेज दी थीं। विरोध करने में केवल सर्वनाश ही था। कोई …
Read More »बीकानेर की वीरांगना: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
बीकानेर की वीरांगना: अपने सतीत्व और पतिव्रता – धर्म की रक्षा करना ही भारतीय स्त्रियों के जीवन का एक अनुपम और पवित्र आदर्श रहा है। उनके सतीत्व के वज्राघात से बड़े-बड़े साम्राज्यों की नींव हिल उठी, राजमुकुट धूलि में लोटने लगे, मानव – वेषधारी दानवों की दानवता और व्यभिचारमूल्क अत्याचार का अन्त हो गया। किरण देवी या राजरानी किरण देवी …
Read More »शिलाद पत्नी दुर्गावती: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
शिलाद पत्नी दुर्गावती: ‘हम लोगों ने खुन की नदी बहा दी थी, महाराज!’ खिन्न सैनिक ने कहा। ‘पर महाराज को बहादुरशाह के क्रूर सैनिकों ने बंदी बना लिया।’ सैनिक ने सिर निचा कर लिया। ‘बहादुरशाह तो हुमायूँ का एक छोटा सरदार है’ राय ने दुर्ग की अधिपति शिलाद के छोटे भाई लक्ष्मण ने रोष के साथ उत्तर दिया। ‘यदि स्वयं …
Read More »महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा
महाराणा प्रताप की रानी: वीर राजपूत नारी की लोक कथा – वर्ष 1576 ई० में हल्दी घाटी का विकट युद्ध हुआ। यदि राणा चाहते तो अपने भाले की नोक से बाबर के घर का चिराग गुल कर देते, शहजादा सलीम के हाथी पर चेतक अपने अगले चरण रख चुका था। राजपूतों ने बड़ी वीरता दिखायी, मान का अभिमान विजयी हुआ। …
Read More »वीर राजपूत नारी कृष्णा की लोक कथा
मेवाड़ के महाराजा भीमसिंह की पुत्री कृष्णा अत्यन्त सुन्दरी थी। उससे विवाह करने के लिये अनेक वीर राजपूत उत्सुक थे। जयपुर और जोधपुर के नरेशों ने उससे विवाह करने की इच्छा प्रकट की थी। मेवाड़ के महाराणा ने सब बातों को विचार करके जोधपुर नरेश के यहाँ अपनी पुत्री की सगाई भेजी। जब जयपुर के नरेश को इस बात का …
Read More »“अभी दिल्ली दूर है” की कहावत और हजरत निज़ामुद्दीन औलिया
मध्यकाल में दिल्ली ही नहीं बल्कि सारे भारत के जनजीवन पर सूफियों का बड़ा प्रभाव था। यद्यपि सुलतान इसलाम के पालक और संरक्षक थे, मुल्लों और कठमुल्लों के बहकावे मे आ कर हिंदू प्रजा पर मनमाने अत्याचार भी करते थे। लेकिन सुलतान के अधिकांश अमीरों, विशेषतः आम जनता का सूफीमत की ओर अधिक झुकाव था। सूफी धर्म भारत के अद्वैतवाद …
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