अहिल्याबाई होलकर (31 मई 1725 – 13 अगस्त 1795), मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध महारानी तथा इतिहास-प्रसिद्ध सूबेदार मल्हारराव होलकर के पुत्र खण्डेराव की धर्मपत्नी थीं। उन्होने माहेश्वर को राजधानी बनाकर शासन किया। अहिल्याबाई ने अपने राज्य की सीमाओं के बाहर भारत-भर के प्रसिद्ध तीर्थों और स्थानों में मन्दिर बनवाए, घाट बँधवाए, कुओं और बावड़ियों का निर्माण किया, मार्ग बनवाए-काशी विश्वनाथ …
Read More »स्वामी विवेकानंद जी की कविता: सागर के वक्ष पर
सागर के वक्ष पर: स्वामी विवेकानंद जी नील आकाश में बहते हैं मेघदल,श्वेत कृष्ण बहुरंग,तारतम्य उनमें तारल्य का दीखता,पीत भानु-मांगता है विदा,जलद रागछटा दिखलाते।बहती है अपने ही मन से समीर,गठन करता प्रभंजन,गढ़ क्षण में ही, दूसरे क्षण में मिटता है,कितने ही तरह के सत्य जो असम्भव हैं –जड़ जीव, वर्ण तथा रूप और भाव बहु।आती वह तुलाराशि जैसी,फिर बाद ही …
Read More »काली माता: स्वामी विवेकानंद की कविता
काली माता: स्वामी विवेकानंद छिप गये तारे गगन के,बादलों पर चढ़े बादल,काँपकर गहरा अंधेरा,गरजते तूफान में, शतलक्ष पागल प्राण छूटेजल्द कारागार से–द्रुमजड़ समेत उखाड़कर, हरबला पथ की साफ़ करके।शोर से आ मिला सागर,शिखर लहरों के पलटतेउठ रहे हैं कृष्ण नभ कास्पर्श करने के लिए द्रुत,किरण जैसे अमंगल कीहर तरफ से खोलती हैमृत्यु-छायाएँ सहस्रों,देहवाली घनी काली।आधिन्याधि बिखेग्ती, ऐनाचती पागल हुलसकरआ, …
Read More »झाँसी की रानी: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस कविता
झाँसी की रानी: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस कविता – Subhadra Kumari Chauhan has authored a number of popular works in Hindi poetry. Her most famous composition is Jhansi Ki Rani, an emotionally charged poem describing the life of Rani Lakshmi Bai. The poem is one of the most recited and sung poems in Hindi literature. This and her …
Read More »विद्रोह: प्रसिद्ध नारायण सिंह जी की भोजपुरी कविता
विद्रोह: प्रसिद्ध नारायण सिंह – I recently visited Jhansi and as I am a great admirer or Rani Laxmibai, I went to see her palace, Jhansi Fort and museum. In the museum, I found a very nice poetry book related to the first freedom fight of India in 1857. In this book I found a truly remarkable poem in Bhojpuri, …
Read More »करवा चौथ: भारतीय सुहागिन का त्यौहार
करवा चौथ: भारतीय सुहागिन का त्यौहार – सुहाग का यह व्रत हर साल कार्तिक के पवित्र महीने में संकष्टी चतुर्थी के दिन यानी कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तिथि को किया जाता है। सुहागनें इस दिन सुबह ब्रह्ममुहूर्त में सरगी खाकर व्रत अरंभ करती हैं। व्रत पूरे दिन का होता। रात में चांद को छन्नी से देखकर व्रत का समापन किया जाता …
Read More »Navratri Bhajans: Navratri Bhakti Sangeet
Navratri Bhajans: Navratri Bhakti Sangeet – There are two Navratri celebrations in India. The first Navratri is called the Chaitra Navratri and the second is called Ashwin Navratri. The first one is celebrated in the month of March- April and the second is celebrated in the month of September – October according to the Gregorian calendar. The celebrations of both these …
Read More »Navratri Fast: Vrat Procedure For Households
Navratri Fast: Vrat Procedure For Households – Navratri literally means ‘nine nights’ and during these nine days which mark the celebration of Durga Puja in India, different incarnations of the Goddess Shakti, Adi Shakti, or the original creator, observer and destroyer of the universe, are worshiped. The festival is an integral part of the Hindu tradition and different regions in the …
Read More »Navratri Poems For Students And Children
Navratri Poems For Students And Children: Navratri is a nine-day grand celebration in India. During these days, devotees observe fasts and worship Goddess Durga. On this occasion several kinds’ of Jagraate, community poojas, community feasts and celebrations are organized in various parts of the country. In Hindus, this festival is given immense importance and treated as a festival of the …
Read More »गणपती बाप्पा मोरया: गणपति विसर्जन पर फ़िल्मी भजन
गणपती बाप्पा मोरया भजन: हरिहरन गणपती बाप्पा मोरया भजन, पुढच्या वर्षी लवकर या (गणपती बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ गणपती बाप्पा मोरया, अगले बरस तू जल्दी आ) मेरे मन मंदिर में तुम भगवान रहे मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे मेरे घर में कितने दिन मेहमान रहे हो… मेरे दुःख से तुम कैसे अनजान रहे (गणपती बाप्पा …
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