Tag Archives: Human Behaviour Hindi Poems

चारु चंद्र की चंचल किरणें: मैथिलीशरण गुप्त की लोकप्रिय हिंदी कविता

Maithili Sharan Gupt Classic Hindi Poem Panchvati चारु चंद्र की चंचल किरणें

चारु चंद्र की चंचल किरणें: Here is an excerpt from the famous poem Panchvati by Maithili Sharan Gupt. The description is of the cottage in Panchvati forest that was the abode of Ram, Laxman and Sita during the terminal year of their 14 years banvas. As Ram and Sita sleep inside, Laxman is on guard outside. This poem further goes on …

Read More »

जनसंख्या: Hindi Poem about Over Population

Hindi Poem about Over Population जनसंख्या

भारत की अनेक समस्याओं का कारण यहाँ की तेजी से बढती हुई Population है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि इसे सख्या विस्फोट की संज्ञा दी जाती है। अर्थशारित्रयों का मत है कि भारत के लिए इस बढती हुई जनसंख्या की जरूरतो को पूरा करने के लिये पर्याप्त साधन नहीं हैं। आज हमारी जनसख्या लगभग एक अरब पाच करोड …

Read More »

मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत की कविता

मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत

मैं सबसे छोटी होऊं: प्रस्तुत कविता के रचयिता सुमित्रानंदन पंत जी हैं। इस कविता का मुख्य केन्द्र एक छोटी बच्ची हैं। छोटी बच्ची चाहती है की उसका बचपन हमेशा ऐसे ही बना रहे। उसे उसकी माँ का प्रेम ऐसे ही मिलता रहे। कविता में पन्त जी ने बाल सुलभ चेष्टाओं का सुंदर वर्णन किया है। इस कविता में सहज रूप …

Read More »

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत – वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया …

Read More »

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना – Love is not easy. Emotional turmoil and tiffs take their toll. Heightened sensitivity and expectations cause misunderstandings with which the lovers have to deal with constantly. Talking the problems over is not great help because language is too crude a medium to communicate feelings. Here are some suggestions… समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना प्रिये यह अनमनापन …

Read More »

उर्वशी (नर प्रेम – नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

उर्वशी (नर प्रेम - नारी प्रेम): रामधारी सिंह दिनकर

रामधारी सिंह दिनकर साहित्य के वह सशक्त हस्ताक्षर हैं जिनकी कलम में दिनकर यानी सूर्य के समान चमक थी। उनकी कविताएं सिर्फ़ उनके समय का सूरज नहीं हैं बल्कि उसकी रौशनी से पीढ़ियां प्रकाशमान होती हैं। रामधारी सिंह ‘दिनकर’ (जन्म: 23 सितंबर, 1908, बिहार; मृत्यु: 24 अप्रैल, 1974, तमिलनाडु) हिन्दी के प्रसिद्ध लेखक, कवि एवं निबंधकार थे। ‘राष्ट्रकवि दिनकर’ आधुनिक …

Read More »

नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

नया सूरज लायेंगे: कोरोना व ठंड से घर में बंद बचपन

कोरोना व ठंड में दबा बचपन: कोरोना कॉल में घर पर रह कर बच्चे चिड़-चिडे़ हो गए हैं। 6 से 12 साल के बच्चों पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है। बच्चों में भी डिप्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं। खेलकूद बंद होने से बच्चों की दिनचर्या बदली है। बच्चों के बर्ताव में बदलाव दिख रहा है। स्कूल न …

Read More »

जयद्रथ वध: राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त

जयद्रथ वध: राष्ट्र कवि मैथिली शरण गुप्त

जयद्रथ वध: मैथिली शरण गुप्त जी के काव्य में मानव-जीवन की प्रायः सभी अवस्थाओं एवं परिस्थितियों का वर्णन हुआ है। अतः इनकी रचनाओं में सभी रसों के उदाहरण मिलते हैं। प्रबन्ध काव्य लिखने में गुप्त जी को सर्वाधिक सफलता प्राप्त हुई है। मैथिली शरण गुप्त जी की प्रसिद्ध काव्य-रचनाएँ – साकेत, यशोधरा, द्वापर, सिद्धराज, पंचवटी, जयद्रथ-वध, भारत-भारती, आदि हैं। भारत …

Read More »

रक्तदान है महादान: Hindi Poem on Blood Donation

Motivational Hindi Poem on Blood Donation रक्तदान है महादान

रक्तदान है महादान: रक्तदान जीवनदान है। हमारे द्वारा किया गया रक्तदान कई जिंदगियों को बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं। अनायास दुर्घटना या …

Read More »

जसोदा हरि पालनैं झुलावै: सूरदास

जसोदा हरि पालनैं झुलावै - सूरदास

जसोदा हरि पालनैं झुलावै: सूरदास – गोस्वामी हरिराय के ‘भाव प्रकाश’ के अनुसार सूरदास का जन्म दिल्ली के पास सीही नाम के गाँव में एक अत्यन्त निर्धन सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके तीन बड़े भाई थे। सूरदास जन्म से ही अन्धे थे, किन्तु सगुन बताने की उनमें अद्भुत शक्ति थी। 6 वर्ष की अवस्था में ही उन्होंने अपनी …

Read More »