मैया मोरी मैं नहिं माखन खायो: सूरदास हिन्दी साहित्य में भक्तिकाल में कृष्ण भक्ति के भक्त कवियों में अग्रणी है। महाकवि सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं। उन्होंने श्रृंगार और शान्त रसों का भी बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। उनका जन्म मथुरा-आगरा (Uttar Pradesh, India) मार्ग पर स्थित रुनकता नामक गांव में हुआ था। कुछ लोगों का …
Read More »नाम बड़े हस्ताक्षर छोटे: काका हाथरसी
काका हाथरसी (वास्तविक नाम – प्रभुलाल गर्ग, जन्म: 18 सितंबर, 1906, हाथरस, उत्तर प्रदेश; मृत्यु: 18 सितंबर, 1995) भारत के प्रसिद्ध हिन्दी हास्य कवि थे। उन्हें हिन्दी हास्य व्यंग्य कविताओं का पर्याय माना जाता है। काका हाथरसी की शैली की छाप उनकी पीढ़ी के अन्य कवियों पर तो पड़ी ही थी, वर्तमान में भी अनेक लेखक और व्यंग्य कवि काका …
Read More »मंगल भवन अमंगल हारी: रविंदर जैन का भक्ति गीत
Geet Gaata Chal is a Hindi film released in 1975. Produced by Tarachand Barjatya for Rajshri Productions, the film is directed by Hiren Nag. The film stars Sachin, Sarika, Madan Puri, Padma Khanna and Leela Mishra. The songs written and composed by Ravindra Jain. The movie is a remake of 1965 Bengali movie Atithi. मंगल भवन अमंगल हारी: जसपाल सिंह …
Read More »मन को वश में करो, फिर चाहे जो करो: रमानाथ अवस्थी
रमानाथ अवस्थी का जन्म फतेहपुर, उत्तरप्रदेश में हुआ। इन्होंने आकाशवाणी में प्रोडयूसर के रूप में वर्षों काम किया। ‘सुमन- सौरभ, ‘आग और पराग, ‘राख और शहनाई तथा ‘बंद न करना द्वार इनकी मुख्य काव्य-कृतियां हैं। ये लोकप्रिय और मधुर गीतकार हैं। इन्हें उत्तरप्रदेश सरकार ने पुरस्कृत किया है। मन की चंचलता सर्व विदित है। अध्यात्म सागर पर भी कई बार …
Read More »मिठाई: ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता
भारतीय मिठाई पर ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाइयाँ बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को ‘हलवाई’ कहते हैं। भारत की संस्कृति …
Read More »चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता
चश्मा (Glasses या eyeglasses या spectacles) आँखों के सुरक्षा या उनकी क्षमता को बढ़ाने वाले उपकरण हैं जो काँच या कठोर प्लास्टिक के लेंसों से बने होते हैं। ये लेंस धातु या प्लास्टिक के एक ढाँचे (फ्रेम) में मढ़े हुए होते हैं। चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता दादा जी जब चश्मा लगाते, तभी वह अखबार पढ़ पाते। मुन्ना …
Read More »कोरोना: Chinese वायरस कोरोना पर हिंदी कवितायेँ
चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना वायरस महामारी के बाद अमेरिका ने वायरस के वुहान की लैब में तैयार किए जाने के आरोप लगाए थे, लेकिन चीन ने उन्हें खारिज कर दिया था। अब एक चीनी वायरोलॉजिस्ट (विषाणु विशेषज्ञ) ने दावा किया है कि कोरोना वायरस वुहान की एक लैब में ही तैयार किया गया था और उनके पास …
Read More »राह कौन सी जाऊं मैं: अटल जी की चिंतन पर कविता
There are dilemmas in life at every step. What to do? Which alternative to choose? And there are no authentic and correct answers. We must nonetheless make a choice. राह कौन सी जाऊं मैं: अटल बिहारी वाजपेयी चौराहे पर लुटता चीर‚ प्यादे से पिट गया वजीर‚ चलूं आखिरी चाल कि बाजी छोड़ विरक्ति रचाऊं मैं‚ राह कौन सी जाऊं मैं? …
Read More »आओ फिर से दिया जलाएँ: अटल की प्रेरणादायक कविता
राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ वाजपेयी एक अच्छे कवि और संपादक भी थे। वाजपेयी ने लंबे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर-अर्जुन आदि पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन किया। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में एक ब्राह्मण परिवार में 25 दिसंबर, 1924 को इनका जन्म हुआ। पुत्रप्राप्ति से हर्षित पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी को तब शायद ही अनुमान रहा होगा कि आगे चलकर उनका यह नन्हा बालक …
Read More »जीवन बीत चला: अटल की संघर्षमय ज़िन्दगी पर कविता
अपने जीवन में अटल बिहारी ने 27 से ज्यादा कविताएं लिखी हैं। आज उनके निधन पर नजर डालिए उन कविताओं पर जो उन्हें अमर बनाती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी ने एक कविता लिखी थी – दूध में दरार पड़ गई – ये कविता काफी लोकप्रिय हुई। उन्होंने इस कविता में देश की समस्या पर चिंता जताई। उनकी कविता कदम से कदम मिलाकर चलना …
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