‘हिंदुआ सूरज’ के नाम से विख्यात महाराणा प्रताप सिंह से क्यों भय खाता था मुगल बादशाह अकबर? दिवेर के युद्ध में छिपी है कहानी मोही के युद्ध को लेकर ‘अकबरनामा’ में अबुल फजल लिखा है, “राणा के आदमियों ने मोही पर हमला करके फसलें बर्बाद करना शुरू कर दिया। उस समय कुँवर मान सिंह कच्छवाहा मेवाड़ के पहाड़ी इलाकों में …
Read More »भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु: शहीद दिवस पर देश कर रहा नमन (23 मार्च)
‘बहरों को सुनाने के लिए ऊँची आवाज़ की ज़रूरत’: ब्रिटिश सरकार को नाकों चने चबवा दिए थे भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु, शहीद दिवस पर देश कर रहा नमन एसेंबली में बम फेंकने के लिए भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त को आजीवन कारावास की सज़ा मिली। वहीं, सैंडर्स की हत्या के लिए भगत सिंह, राजगुरू और सुखदेव को फाँसी की …
Read More »Nathuram Godse’s Final Statement
Nathuram Godse’s Final Statement: “On January 13, 1948, I learnt that Gandhiji had decided to go on fast unto death. The reason given was that he wanted an assurance of Hindu-Muslim Unity… But I and many others could easily see that the real motive… [was] to compel the Dominion Government to pay the sum of Rs 55 crores to Pakistan, …
Read More »Maharana Pratap: The battle of Haldighati
Maharana Pratap: The battle of Haldighati – Mewar is a region that defies conventional ideas and modern beliefs. Its people are proud. People may wonder why so, but a peek into Mewar’s history and a visit to the area will give all the answers one needs. This land in the Aravalli range of Rajasthan has seen people who gladly embraced …
Read More »Sardar Vallabhbhai Patel Speech: Busts myth ‘Muslims chose India’
Sardar Vallabhbhai Patel Speech: ‘Myth-making‘ is an intrinsic feature of the establishment of any Republic. In order to legitimise its existence and its hold over power, the ruling establishment of every country creates certain myths that helps it further entrench itself in the corridors of power and justify its ideology. A similar phenomenon has also been observed with the establishment …
Read More »Maharaja Duleep Singh: Last king of Sikh empire
Read how Maharaja Duleep Singh – son of Maharaja Ranjit Singh, last king of Sikh empire, was converted to Christianity and ‘lost’ the Kohinoor to British It is believed that when Duleep Singh surrendered the Sikh empire to the British, he also surrendered the Kohinoor diamond. However, the reality was far from what people believed. The diamond was taken away …
Read More »लाइफ ऑफ़ बैरिस्टर वीर विनायक दामोदर सावरकर
लाइफ ऑफ़ बैरिस्टर सावरकर: भारत माता के सर्वोत्तम पुत्रो में से एक वीर विनायक दामोदर सावरकर जी का जन्म दिवस (28 May, 1883 – 26 February, 1966) था, जिनको आज लोग, ‘वीर सावरकर’ के नाम से उद्बोधित करते है। सावरकर जी उन स्वतंत्रता सेनानियों और क्रांतिकारियों में से है, जिनके योगदान को, कांग्रेस की सरकारों और वामपंथी इतिहासकारो द्वारा स्वतंत्रता …
Read More »छोटे साहिबजादों के साथ वजीर खान की क्रूरता
‘हम मृत्यु से नहीं डरते, कभी नहीं छोड़ेंगे अपना धर्म’: साहिबजादों के साथ वजीर खान की क्रूरता, चल बसी थीं माता गुजरी देवी भी उसने दोनों साहिबजादों के समक्ष शर्त रखी कि वो इस्लाम अपना लें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। वजीर खान ने उन दोनों को ज़िंदा दीवार में चुनवाने का आदेश दिया। दोनों छोटे बच्चों …
Read More »हिन्दू-सिख इतिहास 3: हिन्दू योद्धाओं ने की थी सिख गुरुओं की रक्षा
हिन्दू योद्धाओं ने की थी गुरुओं की रक्षा, औरंगजेब से जा मिला था सिख गुरु का बेटा: हिन्दू राजा ने दान की हवेली, तब बना गुरुद्वारा बँगला साहिब हिन्दुओं ने तो हमेशा सिख गुरुओं का साथ दिया, उनका आदेश माना और उनकी सहायता की। लेकिन, सिखों में ही कुछ ऐसे लोग हो गए थे जिन्होंने अपनी ही कौम के खिलाफ …
Read More »हिन्दू-सिख इतिहास 1: गुरु नानक से गुरु ग्रन्थ साहिब तक
पिता से अलग रास्ते चले थे गुरु नानक के बेटे: ‘भक्ति आंदोलन’ से निकला था सिख धर्म, गुरु ग्रन्थ साहिब में हिन्दू संतों की रचनाएँ भक्ति युग के कवियों कबीर, नामदेव और रैदास की रचनाएँ हमें पवित्र गुरु ग्रन्थ साहिब में मिलती हैं। ये सभी हिन्दू कवि व संत थे, सिख नहीं थे। सिखों में सिमरन और सेवा का महत्व …
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