Tag Archives: Inspirational Hindi Poems

वीरों का कैसा हो वसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान की वीर रस हिंदी कविता

Republic Day Parade

Here is an old classic poem by Subhadra Kumari Chauhan, who also wrote the evergreen poem – Jhansi Ki Rani. Her writing career unfortunately came to an early end as she died at the age of 42, in a road accident. That happened before the country attained freedom. That explains the last stanza of this poem where she says that …

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खड़ा हिमालय बता रहा है: सोहनलाल द्विवेदी की गाँधी जी पर कविता

खड़ा हिमालय बता रहा है - सोहनलाल द्विवेदी

Albert Einstein said about him, “Generations to come will scarcely believe that such a one as this walked the earth in flesh and blood”. What a phenomenon our Father of the nation was! He took on an empire about which it was said that the “sun never sets on it”, and lead a whole subcontinent to freedom. That too while …

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खग उड़ते रहना जीवन भर: नीरज की एक प्रेरक हिंदी कविता

खग उड़ते रहना जीवन भर: नीरज प्रेरक हिंदी कविता

In this poem, Neeraj exhorts us to keep making efforts and not lose hope. These lines are very similar to what Lord Krishna told Arjuna in Kurukshetra (Geeta Chapter 2, shlokas 35, 36 and 37) खग उड़ते रहना जीवन भर: गोपाल दास नीरज खग! उड़ते रहना जीवन भर! भूल गया है तू अपना पथ‚ और नहीं पंखों में भी गति‚ किंतु …

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छिप छिप अश्रु बहाने वालों: नीरज की कविता जो हमेशा हौसला देगी

छिप छिप अश्रु बहाने वालों: गोपाल दास नीरज

This poem is quite in contrast to the previous one “Kaarvan Gujar Gaya” by Gopal Das Neeraj, even its answer in a way. Here is a more optimistic view on life. It exhorts us to take things in stride and carry on even if life brings onto us some nasty surprises. Another beautiful poem of Neeraj… छिप छिप अश्रु बहाने वालों, …

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धर्म है: गोपाल दास नीरज की प्रेरणादायक हिंदी कविता

धर्म है: गोपाल दास नीरज

Here is a lovely poem of Gopal Das Neeraj that tells us that challenges must be met head-on and are not to be avoided. जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है। जिस वक्त जीना गैर मुमकिन सा लगे उस वक्त जीना फ़र्ज है इन्सान का लाज़िम लहर के साथ है तब खेलना जब हो समुन्दर …

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बाल श्रमिक: भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल श्रमिक - भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। ये एक दबावपूर्णं व्यवहार है जो अभिवावक या मालिकों द्वारा किया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह …

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माँ की ममता: मातृ दिवस पर हिंदी कविताएँ

माँ की ममता - Mother's Day Special Hindi Bal Kavita

माँ की ममता जब मैं छोटी बच्ची थी, माँ की प्यारी दुलारी थी, माँ तो हमको दूध पिलाती, माँ भी कितनी भोली-भाली। माखन-मिश्री घोल खिलाती, बड़े मज़े से गोद में सुलाती, माँ तो कितनी अच्छी है, साड़ी दुनिया उसमें है। ∼ सुप्रीता झा

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माँ: दिल छू जाने वाली हिंदी कविता

माँ - दिल छू जाने वाली हिंदी कविता

मै तेरा गुनेहगार हूँ माँ मै तुझे भूल गया उन झूठे रिश्तो के लिए जो मैंने बाहर निभाए उन झूठे नातो के लिए जो मेरे काम ना आये मै तेरा गुनेहगार हूँ माँ बॉस के कुत्ते को कई बार डॉक्टर को दिखाना पड़ा पुचकार कर उसे खुद अपना हाथ भी कटवाना पड़ा पर तेरा चश्मा न बनवा पाया तुझे दवा …

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मां, मेरी मां, प्यारी मां मम्मा: कैलाश खेर का दसविदानिया फिल्म से गीत

मां, मेरी मां, प्यारी मां मम्मा - कैलाश खेर Hindi Film Song on Mother

Dasvidaniya (दसविदानिया) is a Bollywood film released on 7 November 2008. The name of the movie is a pun on the list of ten things to be done before death made by Vinay Pathak, and is a play on the Russian phrase до свидания (do svidaniya), meaning good bye. Amar Kaul (Vinay Pathak) is a 37-year-old accounts manager at a …

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जन गण मन: भारत का राष्ट्रगान – रबीन्द्रनाथ टैगोर

Rabindranath Tagore Jayanti

जन गण मन, भारत का राष्ट्रगान है जो मूलतः बंगाली में गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर (ठाकुर) द्वारा लिखा गया था। भारत का राष्ट्रीय गीत वन्दे मातरम्‌ है। राष्ट्रगान के गायन की अवधि लगभग 52 सेकेण्ड है। कुछ अवसरों पर राष्ट्रगान संक्षिप्त रूप में भी गाया जाता है, इसमें प्रथम तथा अन्तिम पंक्तियाँ ही बोलते हैं जिसमें लगभग 20 सेकेण्ड का समय …

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