Tag Archives: Inspirational poems for Recitation

अधिकार: महादेवी वर्मा की प्रेरणादायक हिंदी कविता

अधिकार - Adhikar by Mahadevi Verma

Those who strive to tirelessly work for others may perish, but here Mahadevi Verma states that she would rather prefer that suffering than become immortal by the grace of God. Be careful to pause at commas to get the true meanings of lines. वे मुस्काते फूल, नही जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीप, नही जिनको भाता ह बुझ …

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Life of Lord Buddha: English Poem for Students and Children

Life of Lord Buddha - English Poem on Gautam Buddha

There arose a Soul princely Before Christ, in the sixth century, To revive the Hindu religion mighty, Of India, the ancient country. He was a great reformer, Born to Suddhodana, his father, And Maya, his devoted mother, To shine on their cap as a feather. Born in a grove, Lumbini At the bank of river, Rohini, Near Kapilavastu, a small …

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मीडिया की सच्चाई: सलीम खान – भारतीय मीडिया पर व्यंग

आज कलम का कागज से मैं दंगा करने वाला हूँ, मीडिया की सच्चाई को मै नंगा करने वाला हूँ। मीडिया जिसको लोकतंत्र का चौंथा खंभा होना था, खबरों की पावनता में जिसको गंगा होना था। आज वही दिखता है हमको वैश्या के किरदारों में, बिकने को तैयार खड़ा है गली चौक बाजारों में। दाल में काला होता है तुम काली …

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बाल-कविताओं का संग्रह: ओमप्रकाश बजाज (भाग 2)

ओमप्रकाश बजाज की बाल-कविताओं का संग्रह

खिचड़ी: ओमप्रकाश बजाज चावल-दाल मिला कर बनती, खिचड़ी घर में सब को भाती। रोगी को डॉक्टर खाने को कहते, हल्की गिजा वे इसे मानते। घी और मसालों का छौंक लगा कर, छोटे-बड़े सब शौक से खाते। बीरबल की खिचड़ी पकाना कहलाती, जब किसी काम में अधिक देर हो जाती। घी खिचड़ी में ही तो रहा, तब कहा जाता, जब घर …

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देश की धरती तुझे कुछ और भी दूँ: राम अवतार त्यागी

देश की धरती, तुझे कुछ और भी दूँ - राम अवतार त्यागी

रामावतार त्यागी का जन्म 17 मार्च 1925 को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद ज़िले की संभल तहसील में हुआ। आप दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर थे। हिन्दी गीत को एक नई ऊँचाई देने वालों में आपका नाम अग्रणीय है। रामधारी सिंह दिनकर सहित बहुत से हिंदी साहित्यकारों ने आपके गीतों की सराहना की थी। ‘नया ख़ून’; ‘मैं दिल्ली हूँ’; ‘आठवाँ स्वर’; ‘गीत …

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हर घट से: चिंतन पर नीरज की प्रेरणादायक हिंदी कविता

Gopal Das Neeraj

This is a famous poem of Niraj. One has to be selective in life, put in sustained efforts and be patient in order to succeed. हर घट से: गोपाल दास नीरज हर घट से अपनी प्यास बुझा मत ओ प्यासे! प्याला बदले तो मधु ही विष बन जाता है! हैं बरन बरन के फूल धूल की बगिया में लेकिन सब ही …

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