रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …
Read More »Everyday Is Like Mother’s Day: Shirley Caesar
Everyday Is Like Mother’s Day: Mother’s Day is a celebration honoring the mother of the family or individual, as well as motherhood, maternal bonds, and the influence of mothers in society. It is celebrated on different days in many parts of the world, most commonly in the months of March or May. It complements similar celebrations, largely pushed by commercial …
Read More »परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर की कविता
परशुराम की प्रतीक्षा: रामधारी सिंह दिनकर – A just society does not occur spontaneously. It has to be nurtured and protected with valor. Here is a poem so characteristic of Ramdhari Singh Dinkar. Compare with his other works like “Shakti Aur Kshma“, “Vijayi Ki Sadrish Jiyo Re” and Rashmirathi in this collection. Before the contemporary poem evolved as an expression …
Read More »शिवा-बावनी: कवि भूषण द्वारा शिवाजी की शौर्यगाथा
शिवा बावनी भूषण द्वारा रचित बावन (52) छन्दों का काव्य है जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन है। इसमें इस बात का वर्णन है कि किस प्रकार उन्होंने हिन्दू धर्म और राष्ट्र की रक्षा की। शिवा बावनी: महाकवि भूषण द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज के शौर्य, पराक्रम आदि का ओजपूर्ण वर्णन भूषण वैसे तो रीति काल …
Read More »Good Old Days: Nostalgia by Akshay B. Singh
Good Old Days: The Indian independence movement consisted of efforts by individuals and organizations from a wide spectrum of society to obtain political independence from British, French and Portuguese rule through the use of a variety of methods. Post-independence, the term “freedom fighter” was officially recognized by the Indian government for those who took part in the movement; people in …
Read More »Going to School: Short Poetry by Arshia Sheikh
Going to School: Short poem – Since the world is facing pandemic, little children misses, the school in lockdown. They are eager to meet their lovely friends and teachers. They enjoy the daily class lesson and activities of the school. Schools give them immense delight. School is a place where you get proper education in a disciplined environment. Children unite …
Read More »भारत के त्यौहार Hindi Poem on Indian Festivals
भारत के त्यौहार: भारत त्यौहारों की भूमि है। भारतवर्ष में प्राचीन काल से ही उत्सव और त्यौहारों की परम्परा रही हैं। इसमें विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के लोग रहते है और इस प्रकार यहाँ कई धार्मिक त्यौहार मनाये जाते हैं। उत्सव धर्म का एक अभिन्न अंग हैं। भारत में तीन राष्ट्रीय त्यौहार भी मनाए जाते है। उत्सव के मौसम के …
Read More »ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा
ये सुबह तुम्हारी है: प्रदीप मिश्रा – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा पर हर …
Read More »नूतन वर्ष: राजीव रंजन प्रसाद
नूतन वर्ष: राजीव रंजन प्रसाद – यानि नए साल को हर कोई अपने अपने तरीके से मनाता है, लेकिन सबके लिए नया साल नए उम्मीदे ले आता है, जो की बहुत ही आनंदित करने वाला होता है, तो ऐसे मे नया साल का उत्सव हर कोई सुंदर और शानदार तरिके से मनाते है, पूरी दुनिया मे 31 दिसंबर की रात …
Read More »नए वर्ष का हो अभिनंदन: गौरव ग्रोवर
नए वर्ष का हो अभिनंदन: गौरव ग्रोवर – प्राचीन रोमन कैलेंडर में 10 महीने और 304 दिन होते थे और वसंत ऋतू के प्रारंभ में नया साल मनाया जाता था। इस परंपरा को रोम के संस्थापक रोमुलस द्वारा आठवीं शताब्दी ईसा पूर्व में बनाया गया था। 1713 ईसा पूर्व के दौरान, रोम के दूसरे राजा नुमा पोम्पिलियस ने रोमन कैलेंडर …
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