Labour in India refers to employment in the economy of India. In 2012, there were around 487 million workers in India, the second largest after China. Of these over 94 percent work in unincorporated, unorganized enterprises ranging from pushcart vendors to home-based diamond and gem polishing operations. The organised sector includes workers employed by the government, state-owned enterprises and private …
Read More »Pray to What Earth: Henry David Thoreau
Henry David Thoreau (July 12, 1817 – May 6, 1862) was an American naturalist, essayist, poet, and philosopher. A leading transcendentalist, he is best known for his book Walden, a reflection upon simple living in natural surroundings, and his essay “Civil Disobedience” (originally published as “Resistance to Civil Government”), an argument for disobedience to an unjust state. Thoreau’s books, articles, …
Read More »Our Earth: Mother Earth Day Poem For Kids
Our Earth: Mother Earth is clearly urging a call to action. Nature is suffering. Oceans filling with plastic and turning more acidic. Extreme heat, wildfires and floods, as well as a record-breaking Atlantic hurricane season, have affected millions of people. Now we face COVID-19, a worldwide health pandemic link to the health of our ecosystem. Climate change, man-made changes to …
Read More »वीर शिवाजी: छत्रपति शिवाजी पर वीर रस कविता
वीर शिवाजी भोसले का जन्म 19 फरवरी 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में हुआ था। उनके पिता शाहजी भोसले सेनापति थे और उनकी माता जीजाबाई एक धार्मिक महिला थीं। मां से ही शिवाजी को धर्म और आध्यात्म की शिक्षा मिली थी। वीर शिवाजी बचपन से ही सामंती प्रथा के खिलाफ थे और मुगल शासकों द्वारा प्रजा के प्रति क्रूर …
Read More »खण्डकाव्य चंद्रशेखर आजाद कुछ चुनिंदा अंश: श्रीकृष्ण सरल
श्रीकृष्ण सरल उन भारतीय कवियों और लेखकों में से एक हैं जिन्होंने भारतीय क्रांतिकारियों पर अनेक पुस्तकें लिखीं, जिनमें पन्द्रह महाकाव्य हैं। सरल जी ने अपना सम्पूर्ण लेखन भारतीय क्रांतिकारियों पर ही किया है। उन्होंने लेखन में कई विश्व कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सर्वाधिक क्रांति-लेखन और सर्वाधिक महाकाव्य (पन्द्रह) लिखने का श्रेय सरलजी को ही जाता है। 1 जनवरी 1919 …
Read More »मिठाई: ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता
भारतीय मिठाई पर ओम प्रकाश बजाज की बाल-कविता भारतीय मिठाइयाँ या मिष्ठान्न शक्कर, अन्न और दूध के अलग अलग प्रकार से पकाने और मिलाने से बनती हैं। खीर और हलवा सबसे सामान्य मिठाइयाँ हैं जो प्रायः सभी के घर में बनती हैं। ज्यादातर मिठाइयाँ बाज़ार से खरीदी जाती हैं। मिठाइयाँ बनाने वाले पेशेवर बावर्चियों को ‘हलवाई’ कहते हैं। भारत की संस्कृति …
Read More »चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता
चश्मा (Glasses या eyeglasses या spectacles) आँखों के सुरक्षा या उनकी क्षमता को बढ़ाने वाले उपकरण हैं जो काँच या कठोर प्लास्टिक के लेंसों से बने होते हैं। ये लेंस धातु या प्लास्टिक के एक ढाँचे (फ्रेम) में मढ़े हुए होते हैं। चश्मा: ओम प्रकाश बजाज जी की बाल-कविता दादा जी जब चश्मा लगाते, तभी वह अखबार पढ़ पाते। मुन्ना …
Read More »कदम मिलाकर चलना होगा: अटल की देशभक्ति कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एक अच्छे राजनेता के साथ ही बहुत अच्छे कवि भी थे। संसद से लेकर अन्य मौकों पर अपनी चुटीली बातों को कहने के लिए अक्सर कविताओं का इस्तेमाल करते थे। उनका मौकों के हिसाब से कविताओं का चयन उम्दा रहता था, जिसको अक्सर विरोधी भी सराहा करते थे। कदम मिलाकर चलना होगा: अटल …
Read More »झुक नहीं सकते: अटल बिहारी वाजपेयी की यादगार कविता
देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी की आधारशिला माने जाने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी अपनी हाजिर जवाबी से हमेशा सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने न केवल एक बेहतरीन राजनेता बल्कि एक अच्छे कवि, पत्रकार और लेखक के रूप में नाम कमाया बल्कि एक शानदार वक्ता के रूप में भी लोगों का दिल जीता। अटल …
Read More »मेरा परिचय: अटल जी की हिंदुत्व पर देश प्रेम कविता
महाकवि डॉ. गोपालदास नीरज जितने साहित्य के मर्मज्ञ थे, उतने ही ज्योतिष शास्त्र में भी पारंगत। गुरुवार को अटलजी के निधन के साथ महाकवि की भविष्यवाणी भी सच साबित हो गई। दरअसल, नीरजजी ने नौ साल पहले 2009 में यह भविष्यवाणी की थी कि मेरे और अटलजी के निधन में 30 दिन से ज्यादा का अंतर न रहेगा। हुआ भी …
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