Tag Archives: Inspirational Poems for Students

नारी: सुमित्रानंदन पंत की लोकप्रिय हिंदी कविता

नारी: सुमित्रानंदन पंत की लोकप्रिय हिंदी कविता

We human beings are one of the animal species. Yet with our newfound ability to think and plan, we have created a very artificial world around us. Men the problem solvers are essentially responsible for creating this artificial world whereas women have remained much closer to nature and natural emotions. Latter remains a much more powerful force and if a …

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अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर हिंदी कविता: मैं नारी

मैं नारी - अंतरराष्ट्रीय नारी दिवस पर एक कविता

1933 से 1945 के बीच अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहीं एलियानोर रूजवेल्ट ने कहा था, ‘महिला एक टीबैग की तरह है, जब तक आप उसे गर्म पानी में न डालें तब तक पता ही नहीं चलता कि वह कितनी स्ट्रॉन्ग है।‘ उसने मां, बेटी, बहन और दोस्त जैसे न जाने कितने किरदारों में खुद को हर बार साबित किया है, …

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योग पर आधारित हिंदी कविता संग्रह

Sanskrit Poem on Importance of Yoga योगस्य महत्त्वम्

योग क्या है? संस्कृत धातु ‘युज‘ से निकला है, जिसका मतलब है व्यक्तिगत चेतना या आत्मा का सार्वभौमिक चेतना या रूह से मिलन। योग, भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है। हालांकि कई लोग योग को केवल शारीरिक व्यायाम ही मानते हैं, जहाँ लोग शरीर को मोडते, मरोड़ते, खींचते हैं और श्वास लेने के जटिल तरीके अपनाते हैं। …

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विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

Here is an old classic poem by Rashtra Kavi Mathilisharan Gupt, praising the great and ancient motherland India. विजय भेरी: देश प्रेम कविता जीवन रण में फिर बजे विजय की भेरी। भारत फिर भी हो सफल साधना तेरी। आत्मा का अक्षय भाव जगाया तू ने, इस भाँति मृत्यु भय मार भगाया तू ने। है पुनर्जन्म का पता लगाया तू ने, …

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झंडा ऊँचा रहे हमारा: श्यामलाल पार्षद उत्प्रेरक झंडा गीत

झंडा ऊँचा रहे हमारा – श्यामलाल पार्षद

4to40.com has become very popular amongst school children and their parents who find on this site poems to recite in class, or for home-work. It is therefore important that poems well entrenched in public memory should be available on this site. This famous poem of desh prem should be of interest to many readers. We often hear it on Doordarshan on …

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भारतमाता ग्रामवासिनी: सुमित्रानंदन पंत

भारतमाता ग्रामवासिनी - सुमित्रानंदन पंत

Soul of India resides in her villages. Agyeya said so in his poem “Hamara Desh” and in this famous poem Sumitranandan Pant Ji makes the point that the gentle, compassionate, enduring and caring Bharatmata lives in villages. भारतमाता ग्रामवासिनी: सुमित्रानंदन पंत भारत माता ग्रामवासिनी। खेतों में फैला है श्यामल, धूल भरा मैला सा आँचल, गंगा यमुना में आँसू जल, मिट्टी …

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हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

हमारा अतीत (भारत–भारती से): मैथिली शरण गुप्त

Bharat-Bharati is a classic Maha-Kavya (epic) written by Rashtra Kavi Methili Sharan Gupt. It traces the rise and fall of Indian civilization and gives prescription for regaining the heights that the civilization had once achieved in the past. The book has three chapters on the past, present and future of India. There are 703 verses in all. I have presented …

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विजयी के सदृश जियो रे: रामधारी सिंह दिनकर

Why did India need to bury Netaji Subhash Chandra Bose before his death?

World is run by people who live a life full of actions. Geeta teaches Karma-yoga to us. The same thought prevails in this poem by Dinkar. It is one of those poems that fill us with enthusiasm and a will to achieve some thing in life. Only Ramdhari Singh Dinkar can exhort like this. A lovely poem indeed. दिनकर जी …

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लक्ष्य: योगी सारस्वत – हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता

लक्ष्य: योगी सारस्वत - हौसला बढ़ाने वाली प्रेरक कविता

डॉ. कलाम कहते थे – जिंदगी बदलनी है तो बड़े लक्ष्य रखो, छोटे लक्ष्य तो अपराध हैं लक्ष्य: योगी सारस्वत लक्ष्य हमेशा बड़े रखो, लक्ष्य पर हमेशा चले-चलो। संभव है इसमें बाधाएं भी आएं, पर बाधाओं से लड़ते चलो॥ लक्ष्य हमेशा बड़े रखो॥ कोई गरीब है तो कोई अमीर, पर सबकी अपनी-अपनी तकदीर। हर मंजिल तुमको अपनी मिल जायेगी, गर …

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Hindi Poem on Yoga अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: 21 जून

Hindi Poem on Yoga अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस - 21 जून

हे मानव! अपने जीवन में, यदि नित्यदिन करोगे योगा। तो बिना रुपइया खर्च किए, शत प्रतिशत लाभ तुम्हें होगा। हर कोई इसे कर सकता है, छोटा, बड़ा, अमीर, गरीब। न औषधि की आवश्यकता है, न ही बीमारी आये करीब। भांति-भांति के आसन हैं, और भिन्न-भिन्न हैं नाम। शरीर के हर एक हिस्से को, मिलता इससे बहुत आराम। आभार प्रकट करता …

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