मन्नत की दीवाली: मैं आपसे कब से कह रही हूँ, पर आप मुझे इस दिवाली पर नई पेंसिल, नए पेन और नया बस्ता दिलवा ही नहीं रही है… मन्नत ने गुस्से से अपनी माँ से कहा। माँ भी दिवाली नज़दीक आने के कारण घर की साफ़ सफ़ाई कर रही थीI सुबह से लगातार काम करते हुए वो भी बुरी तरह …
Read More »दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: शिक्षाप्रद कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: “ऑनलाइन शॉपिंग का क्या बुखार चढ़ा है तुम्हें”? रोहित आशीष के कमरे में घुसता हुआ बोला। “हा हा… कितने आराम से सभी चीज़े घर बैठे मिल जाती है और वो भी बहुत सस्ती” आशीष हँसते हुए बोला। दिवाली की ऑनलाइन शॉपिंग: मंजरी शुक्ला “वो तो ठीक है, पर इसका मतलब ये तो नहीं कि तू पेन …
Read More »दिवाली की सच्ची रोशनी: प्रेरक लघुकथा विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली की सच्ची रोशनी: पुराने समय की बात है। महीप नगर में रतनचंद और माणिकदत्त नामक दो व्यापारी रहते थे। दोनों ही नगर के सबसे अमीर व्यक्ति थे। वहां के राजा महीपाल बड़े ही न्यायप्रिय एवं प्रजा बत्सल थे। राजा को तरह-तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करने का विशेष शौक था। एक बार दिवाली के समय उन्होंने घोषणा करवाई कि दिवाली …
Read More »दिवाली के दिए: दिल छू लेने वाली कहानी विद्यार्थियों और बच्चों के लिए
दिवाली के दिए: पखवाड़े बाद दिवाली थी। सारा शहर दीवाली के स्वागत में रोशनी से झिलमिला रहा था। कहीं चीनी मिटटी के बर्तन बिक रहे थे तो कहीं मिठाई की दुकानो से आने वाली मन भावन सुगंध लालायित कर रही थी। दिवाली के दिए उसका दिल दुकान में घुसने का कर रहा था और मस्तिष्क तंग जेब के यथार्थ का बोध …
Read More »बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी
बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी – बहुत सारे पटाखे, मिठाई और नए नए कपड़े चाहिए मुझे इस दिवाली पर… कहता हुआ नन्हा बिट्टू पैर पटककर माँ के सामने जमीन पर ही लोट गया। उसकी मम्मी ने अपनी हँसी को दबाते हुए कहा – “हाँ – हाँ, सब ले आयेंगे”। यह सुनकर बिट्टू बड़े ही लाड़ से माँ के गले में …
Read More »पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ – रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष
पेड़ों की रक्षा: गगन के घर के पास खेजड़ी का एक विशाल वृक्ष था, जिसे उसके दादाजी ने उसके पिताजी के जन्म पर लगाया था। खेजड़ी का यह पौधा वह अपने गांव से लाए थे और कहते थे कि यह बहुत ही अमूल्य पेड़ है। इसे बचाने के लिए अमृता देवी ने खेजड़ी के साथ कट कर प्राण दे दिए …
Read More »Unforgettable Dussehra: Street Food Moral Story
Unforgettable Dussehra: Dipu was in a mood to go around for some fun and enjoyment so he accompanied his brother along with their dog Romi to a nearby park. They spent some time playing with a ball when Dipu suddenly announced, “It is Dussehra today and we can go and watch burning of Ravan in the Dussehra ground. We can …
Read More »ईमानदारी का सबक: ईमानदार गरीब ठेले वाले की प्रेरणादायक बाल-कहानी
ईमानदारी का सबक: गिरधारी चाचा हमारे विद्यालय की बगल में ही चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते थे जिस पर वह गर्मा-गर्म पूरियां, छोले, गोलगप्पे और चाट बेचते जिनकी प्रसिद्धि बहुत दूर-दूर तक थी। वह सुबह उठकर ठेला लगाते थे। उनके ठेला लगाने भर की बस देर होती, ग्राहक उन्हें चीटियों की मानिद घेर लेते। हमारे स्कूल के नजदीक ही बस स्टैंड …
Read More »Adventures Of A Magic Turtle: English Short Story For Children
Adventures Of A Magic Turtle: English Short Story – One winter afternoon, a little boy sat below a ‘neem‘ tree, next to a river. He was returning from school, and carried a large bag on his back. He looked very sad. And as he sat staring at the water, big fat tears started dripping from his eyes creating little round …
Read More »हैप्पी टीचर्स डे: डॉ. मंजरी शुक्ला – दिल को छू लेने वाली हिंदी बाल-कहानी
आज जब रोहित स्कूल के लिए निकला तो उसे घर के सामने वाली सड़क पर उसी की उम्र का बच्चा फूल बेचते हुए दिखा। रोहित को लगा कि उसने उस लड़के को पहले भी कहीं देखा है। वह बहुत गौर से उसे देखने लगा पर बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आया। कई बार रोहित सड़क पर …
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