Tag Archives: Kids poems for Recitation

Joyous Hanukkah: Hanukkah Festival Kids Poem

Joyous Hanukkah - Eva Grant

At last! At last! Hanukkah is here! The whole house is bursting with holiday cheer. Pancakes are sizzling as hard as they can, Browning delectably crisp in the pan. The dreidels can scarcely wait to be spun; Presents are hidden for Hanukkah fun; And there, on the table, polished and bright, The shining menorah gleams through the night, Like the …

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Happy Hanukkah: A Good Kids Hanukkah Poem

Hanukkah Poems For Jewish Children

Outside, snow is slowly, softly Falling through the wintry night. In the house, the brass menorah Sparkles with the candlelight. Children in a circle listen To the wondrous stories told, Of the daring Maccabeans And the miracles of old. In the kitchen, pancakes sizzle, Turning brown, they’ll soon be done. Gifts are waiting to be opened, Happy Hanukkah’s begun. ∼ Eva …

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बचपन: बाल दिवस स्पेशल नटखट हिंदी कविता

बचपन - बाल दिवस स्पेशल - अवधेश गुप्ता

बचपन के दिन किसी भी व्यक्ति के जीवन के बड़े महत्वपूर्ण दिन होते हैं। बचपन में सभी व्यक्ति चिंतामुक्त जीवन जीते हैं। खेलने उछलने-कूदने, खाने-पीने में बड़ा आनंद आता है। माता-पिता, दादा-दादी तथा अन्य बड़े लोगों का प्यार और दुलार बड़ा अच्छा लगता हैं। हमउम्र बच्चों के साथ खेलना-कूदना परिवार के लोगों के साथ घूमना-फिरना बस ये ही प्रमुख काम …

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भारत महिमा: जयशंकर प्रसाद – भारतवर्ष का गुणगान

भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद (जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। Here is an excerpt from an old classic poem by Jaishankar Prasad. The beautiful rhythm, …

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शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

भारत की आजादी की लड़ाई में यूं तो लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों ने भाग लिया लेकिन कुछ ऐसे सपूत भी थे जो इस आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे। राष्ट्रधर्म की खातिर क्रांति की पहली गोली चलाने वाले को भले ही तोपों से उड़ा दिया गया लेकिन जो चिंगारी उन्होंने लगाई उस आग में तपकर निकले स्वाधीनता सेनानियों ने अपने अहिंसक …

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अपना घर है सबसे प्यारा: प्रेरणादायक बाल-कविता

अपना घर है सबसे प्यारा

Here is a little poem that my mother taught us kids. I do not know who wrote this poem, but it has a lot of truth in it! चिड़ियाँ के थे बच्चे चार निकले घर से पंख पसार पूरब से पश्चिम को आए उत्तर से दक्षिण को धाए उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम देख लिया हमने जग सारा अपना घर है …

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झंडा ऊँचा रहे हमारा: श्यामलाल पार्षद उत्प्रेरक झंडा गीत

झंडा ऊँचा रहे हमारा – श्यामलाल पार्षद

4to40.com has become very popular amongst school children and their parents who find on this site poems to recite in class, or for home-work. It is therefore important that poems well entrenched in public memory should be available on this site. This famous poem of desh prem should be of interest to many readers. We often hear it on Doordarshan on …

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छोटा चूहा: पूर्णिमा वर्मन की हास्यप्रध बाल-कविता

छोटा चूहा: पूर्णिमा वर्मन की हास्यप्रध बाल-कविता

चूहा एक स्तनधारी प्राणी है। यह साधारणतः सभी देशों में विशेषकर उष्ण देशों में पाया जाता है। यह कपड़ा, सूटकेश आदि को काटकर बहुत हानि पहुँचाता है। शरीर बालों से आवृत एवं सिर, गर्दन, धड़ तथा पूँछ में विभक्त होता है। ऊपरी एवं निचली ओठ से घिरा रहता है। सिर में एक जोड़ा नेत्र, दो बाह्यकर्ण, धड़ में दो जोड़े पैर …

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गेंद के खेल से जुडी हिंदी बाल-कविता: पूर्णिमा वर्मन

गेंद के खेल से जुडी हिंदी बाल-कविता: पूर्णिमा वर्मन

खेल, कई नियमों एवं रिवाजों द्वारा संचालित होने वाली एक प्रतियोगी गतिविधि है। खेल सामान्य अर्थ में उन गतिविधियों को कहा जाता है, जहाँ प्रतियोगी की शारीरिक क्षमता खेल के परिणाम (जीत या हार) का एकमात्र अथवा प्राथमिक निर्धारक होती है, लेकिन यह शब्द दिमागी खेल (कुछ कार्ड खेलों और बोर्ड खेलों का सामान्य नाम, जिनमें भाग्य का तत्व बहुत …

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हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू

हरिवंश राय बच्चन वीर रस देश प्रेम कविता: रुके न तू

Here is an exhortation from Harivansh Rai Bachchan to leave inaction and to work with full enthusiasm and vigor. A good poem for children to recite. धरा हिला, गगन गुँजा नदी बहा, पवन चला विजय तेरी, विजय तेरीे ज्योति सी जल, जला भुजा–भुजा, फड़क–फड़क रक्त में धड़क–धड़क धनुष उठा, प्रहार कर तू सबसे पहला वार कर अग्नि सी धधक–धधक हिरन …

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