कष्ट न हो औरों को ऐसे जीएं जीवन रस बाटें सबको, खुद दुख पीएं। निर्मल करो ज्ञान को अपने त्यागो मोह, भय और अज्ञान राग द्वेष को नष्ट करो मिले मोक्ष सुख खान जीओ और जीने दो: भगवान महावीर भगवान महावीर का दार्शनिक दृष्टिकोण इसी आधार पर निर्मित हुआ था जो उनके युग में जितना प्रासंगिक था, आज भी उतना …
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