Dasvidaniya (दसविदानिया) is a Bollywood film released on 7 November 2008. The name of the movie is a pun on the list of ten things to be done before death made by Vinay Pathak, and is a play on the Russian phrase до свидания (do svidaniya), meaning good bye. Amar Kaul (Vinay Pathak) is a 37-year-old accounts manager at a …
Read More »माँ: अनिल शर्मा की मातृ दिवस स्पेशल हिंदी कविता
Mother is the most lovable and adorable person. No love can exceed or even match the love of a mother for her child. She is the best trainer and guide of her child, no less than God, always the first person whom we think of in our happy and not so happy times. She has been blessed with the power …
Read More »माँ का रूप: माँ पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी कविता
हर एक के जीवन में माँ एक अनमोल इंसान के रुप में होती है जिसके बारे शब्दों से बयाँ नहीं किया जा सकता है।ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने माँ को बनाया हालाँकि माँ के साथ कुछ महत्वपूर्ण क्षणोँ को वर्णित किया जा सकता है। एक माँ हमारे जीवन की हर …
Read More »माँ भूखी रहती है: माँ पर हिंदी कविता
इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी …
Read More »मैंने माँ को देखा है: आनंद बक्षी का मातृ दिवस स्पेशल फ़िल्मी गीत
Mastana is a 1970 Bollywood comedy film directed by Adurthi Subba Rao. The film stars Mehmood and Vinod Khanna. The film premiered on 16 October 1970 in Bombay. The film is remake of the Telugu film Sattekalapu Satteya (1969), directed by K. Balachander, starring Chalam and was remade in Kannada Language in 1980 as Manku Thimma by Dwarakish. मैंने माँ …
Read More »एषा मम धन्या माता: Sanskrit Poem on Mother
एषा मम धन्या माता एषा मम धन्या माता । एषा मम धन्या माता।। ध्रुवपदम्। या मां प्रातः शय्यातः जागरयति सम्बोधनतः। हरस्मिरणं या कारयति। आलस्यं मम नाश्यति।। एषा मम…। कुरु दत्तं ग्रहकार्यम् त्वम्, कुरु सुत! पाठभ्यासं त्वम्। आदेश ददती एवम् योजयते कार्ये नित्यम्।। एषा मम…। मधुरं दुग्धं ददाति या स्वादु फलं च ददाति या। यच्छति महां मिष्टान्नम् यच्दति महां लवणत्राम्।। एषा …
Read More »कौन तुम मेरे हृदय में? महादेवी वर्मा की खूबसूरत प्रेम कविता
Here is excerpt from a famous poem of Mahadevi Verma. Love takes root in the heart and suddenly the world looks so different! कौन मेरी कसक में नित मधुरता भरता अलक्षित? कौन प्यासे लोचनों में घुमड़ घिर झरता अपरिचित? स्वर्ण सपनों का चितेरा नींद के सूने निलय में! कौन तुम मेरे हृदय में? अनुसरण निःश्वास मेरे कर रहे किसका निरंतर? …
Read More »