दिवस, मातृ और दिवस शब्दों से मिलकर बना है जिसमें मातृ का अर्थ है मां और दिवस यानि दिन। इस तरह से मातृ दिवस का मतलब होता है मां का दिन। पूरी दुनिया में मई माह के दूसरे रविवार को मातृ दिवस मनाया जाता है। मातृ दिवस मनाने का प्रमुख उद्देश्य मां के प्रति सम्मान और प्रेम को प्रदर्शित करना …
Read More »माँ तो माँ होती है: मातृ दिवस पर कविता
मातृ दिवस माता को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। एक मां का आँचल अपनी संतान के लिए कभी छोटा नहीं पड़ता। माँ का प्रेम अपनी संतान के लिए इतना गहरा और अटूट होता है कि माँ अपने बच्चे की खुशी के लिए सारी दुनिया से लड़ लेती है। एक मां का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, …
Read More »मेरी माँ: मातृ दिवस पर बाल-कविता
मातृ दिवस मनाने का शुरुआत सर्वप्रथम ग्रीस देश में हुई थी, जहां देवताओं की मां को पूजने का चलन शुरु हुआ था। इसके बाद इसे त्योहार की तरह मनाया जाने लगा। हर मां अपने बच्चों के प्रति जीवन भर समर्पित होती है। मां के त्याग की गहराई को मापना भी संभव नहीं है और ना ही उनके एहसानों को चुका …
Read More »Happy New Year Wish: Joanna Fuchs
The new year is celebrated all over the world with great enthusiasm and fun. Earlier, it was a Roman calendar which was having only ten months and designated 1st march as the new year. In the Gregorian calendar, there are 12 months in every year and the new year falls on January 1st which is widely accepted and celebrated the festival. It …
Read More »सयानी बिटिया – हिंदी कविता: बेटियां होती है पराया धन
जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे जीवन-भर कब जानी बिटिया चॉकलेट भैया को भाये पाती है गुड़धानी बिटिया सारा जीवन इच्छाओं की देती है कुर्बानी बिटिया चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन भूल गई शैतानी बिटिया हल्दी, बिछूए, कंगल …
Read More »छोटी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बाल-कविताएँ
बाल-कविताएँ की सूची इम्तिहान: नितिन शर्मा बेटी की मां से फरियाद: विजय कुमार अग्रवाल आसमान छू लेंगी: डॉ. कविता विकास आलू: ओम प्रकाश बजाज फूल: ओम प्रकाश बजाज पिता: संतोष शैलजा बेटी: संतोष शैलजा पतंगबाजी: जया मिश्रा मेहनत वाले: सुगन धीमान चिंटू मेरा अच्छा दोस्त: पूर्णिमा वर्मन एक गीत और कहो: पूर्णिमा वर्मन बाल-कविताएँ [1] – इम्तिहान: नितिन शर्मा इम्तिहान …
Read More »माँ: ओम व्यास ओम – माँ पर मार्मिक कविता
माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है माँ, माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है माँ। माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है माँ, माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है माँ। माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है माँ, माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है माँ। माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा …
Read More »माँ की ममता: मातृ दिवस पर कविता
मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। बच्चे इस दिन पर बहुत खुश होते है और अपनी माँ को सम्मान …
Read More »मातृ दिवस स्पेशल हिंदी कविता: जैसी माँ – निदा फ़ाज़ली
Nida Fazli, the son of Murtaza Hasan Baidi was born on October 12, 1938 in Delhi, to a Kashmiri family. At the time of partition, his parents migrated to Pakistan while Nida preferred to stay in India. He moved to Mumbai at an early age in search of job and started working for ‘Blitz’ and ‘Dharamyug’. He has also written …
Read More »स्नेह निर्झर बह गया है: सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
Love is the essence. As retreating water leaves the sand dry, so does lost love leave a person drained and lifeless. Here is a beautiful expression by Suryakant Tripathi Nirala. स्नेह निर्झर बह गया है: सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ स्नेह निर्झर बह गया है, रेत सा तन रह गया है। आम की यह डाल जो सूखी दिखी‚ कह रही है – अब …
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