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एषा मम धन्या माता: Sanskrit Poem on Mother

Poem on Mother in Sanskrit Language एषा मम धन्या माता

एषा मम धन्या माता एषा मम धन्या माता । एषा मम धन्या माता।। ध्रुवपदम्। या मां प्रातः शय्यातः जागरयति सम्बोधनतः। हरस्मिरणं या कारयति। आलस्यं मम नाश्यति।। एषा मम…। कुरु दत्तं ग्रहकार्यम् त्वम्, कुरु सुत! पाठभ्यासं त्वम्। आदेश ददती एवम् योजयते कार्ये नित्यम्।। एषा मम…। मधुरं दुग्धं ददाति या स्वादु फलं च ददाति या। यच्छति महां मिष्टान्नम् यच्दति महां लवणत्राम्।। एषा …

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कौन तुम मेरे हृदय में? महादेवी वर्मा की खूबसूरत प्रेम कविता

कौन तुम मेरे हृदय में? - महादेवी वर्मा

Here is excerpt from a famous poem of Mahadevi Verma. Love takes root in the heart and suddenly the world looks so different! कौन मेरी कसक में नित मधुरता भरता अलक्षित? कौन प्यासे लोचनों में घुमड़ घिर झरता अपरिचित? स्वर्ण सपनों का चितेरा नींद के सूने निलय में! कौन तुम मेरे हृदय में? अनुसरण निःश्वास मेरे कर रहे किसका निरंतर? …

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