प्रभुदयाल श्रीवास्तव की प्रसिद्ध बाल-कविताएँ तितली उड़ती, चिड़िया उड़ती कुछ न कुछ करते रहना दादाजी की बड़ी दवात गरमी की छुट्टी का मतलब होगी पेपर लेस पढ़ाई सूरज चाचा पानी बनकर आऊँ नदी बनूँ शीत लहर फिर आई जीत के परचम पर्यावरण बचा लेंगे हम हँसी-हँसी बस, मस्ती-मस्ती खुशियों के मजे कंधे पर नदी बूंदों की चौपाल अपना फर्ज निभाता …
Read More »माँ-बाप: बुजुर्ग माता पिता पर हिंदी कविता
देखते ही देखते जवान, माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं… सुबह की सैर में, कभी चक्कर खा जाते है, सारे मौहल्ले को पता है, पर हमसे छुपाते है… दिन प्रतिदिन अपनी, खुराक घटाते हैं, और तबियत ठीक होने की, बात फ़ोन पे बताते है… ढीली हो गए कपड़ों, को टाइट करवाते है, देखते ही देखते जवान, माँ-बाप बूढ़े हो जाते हैं…! …
Read More »आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है: कैफ़ी आज़मी
आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है: कैफ़ी आज़मी आओ आओ तुम्हे बताऊ के माँ क्या है माँ एक ज्योति जीवन है बाकी सब अन्धियारा है माँ एक ज्योति जीवन है बाकी सब अन्धियारा है साच्ची उसके दुनिया में भगवान ने प्यार उतारा है माँ का दूजा नाम है प्यार मेरे साथी मेरे यार आओ आओ तुम्हे बताऊ के माँ …
Read More »सयानी बिटिया – हिंदी कविता: बेटियां होती है पराया धन
जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे जीवन-भर कब जानी बिटिया चॉकलेट भैया को भाये पाती है गुड़धानी बिटिया सारा जीवन इच्छाओं की देती है कुर्बानी बिटिया चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन भूल गई शैतानी बिटिया हल्दी, बिछूए, कंगल …
Read More »छोटी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बाल-कविताएँ
बाल-कविताएँ की सूची इम्तिहान: नितिन शर्मा बेटी की मां से फरियाद: विजय कुमार अग्रवाल आसमान छू लेंगी: डॉ. कविता विकास आलू: ओम प्रकाश बजाज फूल: ओम प्रकाश बजाज पिता: संतोष शैलजा बेटी: संतोष शैलजा पतंगबाजी: जया मिश्रा मेहनत वाले: सुगन धीमान चिंटू मेरा अच्छा दोस्त: पूर्णिमा वर्मन एक गीत और कहो: पूर्णिमा वर्मन बाल-कविताएँ [1] – इम्तिहान: नितिन शर्मा इम्तिहान …
Read More »Sanskrit Poem on Importance of Yoga योगस्य महत्त्वम्
योगस्य महत्त्वम् योगः भारतस्य आधारः अस्ति। योगं विना वयं स्वस्थः सानन्दः च भवितुम नशक्नुमः। सर्वप्रथम महर्षि पतञ्जलिः योगसुक्तम् प्रतिपादितम। अस्मिन् ग्रन्थे अष्टांग-योगस्य वर्णनम् अस्ति। सम्प्रति महानगरे प्रदूषणस्य समस्या अस्ति। ध्वनि, वायुः एवम् जलप्रदूषण: महानगरस्य जीवनस्य विकटसमस्या अस्ति। एकल परिवारः महानगरस्य यथार्थ: एतेन कारणेन जनाः रुग्नाः भविन्त। समयाभावेन जनेषु परस्परम् प्रेमः स्नेहः च न अस्ति। वयम् सर्वे तनावग्रस्ताः भवामः। अतएववयम् नूनं योगः करणीय:। प्रतिदिनम् प्रातः सायं योगम् पूजनीयम्। केवलम् योगेन वयम् स्वस्थः …
Read More »जब इस धरती पर राजपूत आया: राजपूतों का शौर्य गान
राजपूत भारतीय उपमहाद्वीप की बहुत ही प्रभावशाली जाति है, जो शासन और सत्ता के सदैव निकट रही है। अपनी युद्ध-कुशलता और शासन-क्षमता के कारण राजपूतों ने पर्याप्त ख्याति अर्जित की। राजपूत उत्तर भारत का एक क्षत्रिय कुल माना जाता है जो कि ‘राजपुत्र’ का अपभ्रंश है। राजस्थान को ब्रिटिशकाल में ‘राजपुताना’ भी कहा गया है। ‘Rajput’ is derivative of a …
Read More »पन्ना दाई: सत्य नारायण गोयनका की वीर रस कविता
Panna Dhai (also spelled Panna Dai “पन्ना दाई“) was a 16th-century nursemaid to Udai Singh II, the fourth son of Maharana Sangram Singh (12 April 1484 – 17 March 1527). Her name, Panna means emerald, and dai means a nurse in Hindi language. She had been given charge of young Udai Singh, breastfeeding him virtually from his birth in 1522, along …
Read More »माँ: ओम व्यास ओम – माँ पर मार्मिक कविता
माँ संवेदना है, भावना है, अहसास है माँ, माँ जीवन के फूलों में खुशबू का वास है माँ। माँ रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है माँ, माँ मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है माँ। माँ लोरी है, गीत है, प्यारी सी थाप है माँ, माँ पूजा की थाली है, मंत्रों का जाप है माँ। माँ आँखों का सिसकता हुआ किनारा …
Read More »माँ की ममता: मातृ दिवस पर कविता
मातृ-दिवस हर बच्चे और विद्यार्थी के लिये वर्ष का अत्यधिक यादगार और खुशी का दिन होता है। मदर्स डे साल का खास दिन होता है जो भारत की सभी माताओं के लिये समर्पित होता है। मातृ-दिवस हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है। बच्चे इस दिन पर बहुत खुश होते है और अपनी माँ को सम्मान …
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