Tag Archives: Mother Poems for Students

माँ का रूप: माँ पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए हिंदी कविता

माँ का रूप - शाहीन अवस्थी Mother's Day Special Hindi Poem

हर एक के जीवन में माँ एक अनमोल इंसान के रुप में होती है जिसके बारे शब्दों से बयाँ नहीं किया जा सकता है।ऐसा कहा जाता है कि भगवान हर किसी के साथ नहीं रह सकता इसलिए उसने माँ को बनाया हालाँकि माँ के साथ कुछ महत्वपूर्ण क्षणोँ को वर्णित किया जा सकता है। एक माँ हमारे जीवन की हर …

Read More »

माँ भूखी रहती है: माँ पर हिंदी कविता

माँ भूखी रहती है Mother's Day Special Hindi Poem

इस दुनिया में किसी भी चीज को माँ के सच्चे प्यार और परवरिश से नहीं तौला जा सकता। वो हमारे जीवन की एकमात्र ऐसी महिला है जो बिनी किसी मंशा के अपने बच्चे को ढ़ेरा सारा प्यारा परवरिश देती है। एक माँ के लिये बच्चा ही सबकुछ होता है। जब हम मजबूर होते है तो वो हमेशा जीवन में किसी …

Read More »

मैंने माँ को देखा है: आनंद बक्षी का मातृ दिवस स्पेशल फ़िल्मी गीत

मैंने माँ को देखा है – आनंद बक्षी Mother’s Day Hindi Film Song

Mastana is a 1970 Bollywood comedy film directed by Adurthi Subba Rao. The film stars Mehmood and Vinod Khanna. The film premiered on 16 October 1970 in Bombay. The film is remake of the Telugu film Sattekalapu Satteya (1969), directed by K. Balachander, starring Chalam and was remade in Kannada Language in 1980 as Manku Thimma by Dwarakish. मैंने माँ …

Read More »

बाप की जगह माँ ले सकती है: आनंद बक्षी की एक दर्द भरी लोरी

बाप की जगह माँ ले सकती है - आनंद बक्षी Mother's Day Hindi Film Song

दर्द का रिश्ता 1982 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। यह एक डॉक्टर दंपत्ति पर आधारित है जिसमे पत्नी न्यूयार्क में रहकर कैंसर के इलाज की कशिश करती है वह पति मुंबई में कार्य करने के लिए भारत लोट आते है, इसी कारण वोह तलाक ले लेते है। बाद में उनकी बेटी खुद कैंसर रोग से घिर जाती है। …

Read More »

माँ: श्रेया गौर – बाल भेदभाव पर हिंदी बाल-कविता

माँ - श्रेया गौर Request from a girl child to her mother

माँ! मैं कुछ कहना चाहती हूँ, माँ! मैं जीना चाहती हूँ। तेरे आँगन की बगिया में चाहती हूँ मैं पलना, पायल की छमछम करती, चाहती मैं भी चलना। तेरी आँखों का तारा बन चाहती झिलमिल करना, तेरी सखी सहेली बन चाहती बातें करना। तेरे आँगन की तुलसी बन, तुलसी सी चाहती मैं हूँ बढ़ना, मान तेरे घर का बन माँ! …

Read More »

माँ तुझे सलाम – वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

माँ तुझे सलाम - वन्दे मातरम्: महबूब ख़ान

ओ ओ… वन्दे मातरम् x 8 यहाँ वहां सारा जहाँ देख लिया है कहीं भी तेरे जैसा कोई नहीं है अस्सी नहीं सौ दिन दुनिया घूमा है नहीं कहीं तेरे जैसा कोई नहीं मैं गया जहाँ भी बस तेरी याद थी जो मेरे साथ थी मुझको तड़पाती रुलाती सबसे प्यारी तेरी सूरत प्यार है बस तेरा प्यार ही माँ तुझे …

Read More »

एषा मम धन्या माता: Sanskrit Poem on Mother

Poem on Mother in Sanskrit Language एषा मम धन्या माता

एषा मम धन्या माता एषा मम धन्या माता । एषा मम धन्या माता।। ध्रुवपदम्। या मां प्रातः शय्यातः जागरयति सम्बोधनतः। हरस्मिरणं या कारयति। आलस्यं मम नाश्यति।। एषा मम…। कुरु दत्तं ग्रहकार्यम् त्वम्, कुरु सुत! पाठभ्यासं त्वम्। आदेश ददती एवम् योजयते कार्ये नित्यम्।। एषा मम…। मधुरं दुग्धं ददाति या स्वादु फलं च ददाति या। यच्छति महां मिष्टान्नम् यच्दति महां लवणत्राम्।। एषा …

Read More »

स्कूल मैगज़ीन से ली गयी बाल-कविताएँ

अलगाव में लगाव: सुजाता भट्टाचार्या एक थे बापू, एक थे नेताजी ‘सुभाष’ विचारों ने जिनके हलचल मचा दी। एक ने कहा ‘अहिंसा’ परमोधर्म, दूजा बोला स्वराज पाकर लेंगे दम।। एक करता आंदोलन सारी, दूजा बनता फौज भारी। दोनों ने देखा एक ही सपना, पर ढंग था, दोनों का अपना-अपना।। मंजिल एक, रास्ते अलग, ना रुके पहुँचे फलक। बापू बोले तुम …

Read More »

संस्कृत कविताएं विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

संस्कृत कविताएं विद्यार्थियों और बच्चों के लिए

मां माँ, माँ त्वम्  संसारस्य अनुपम् उपहार, न त्वया सदृश्य कस्याः स्नेहम्, करुणा-ममतायाः त्वम् मूर्ति, न कोअपि कर्त्तुम् शक्नोति तव क्षतिपूर्ति। तव चरणयोः मम जीवनम् अस्ति, ‘माँ’शब्दस्य महिमा अपार, न माँ सदृश्य कस्याः प्यार, माँ त्वम् संसारस्य अनुपम् उपहार। ~ केसिया कुन्जुमौन, दशवीं-बी, St. Gregorios School, Sector 11, Dwarka, New Delhi – 75 जय वृक्ष! जय वृक्ष श्रूयताम् सर्वे वृक्षपुराणम्, …

Read More »