Tag Archives: Motivational Hindi Poems

नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी

नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी

नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा …

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मां का जादू टोना: माँ बेटे के अनमोल रिश्ते पर हिंदी बाल-कविता

मां का जादू टोना

मां का जादू टोना: मां बेटा का रिश्ता बेहद खास होता है। कहते हैं अगर बेटियां पापा की गुड़िया होती हैं, तो बेटे भी मां के जिगर का टुकड़ा होते हैं। मां बेटे की हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जरूरतों का ध्यान रखती है और बेटा भी मां के कदमों में दुनिया की सारी खुशियां वारने को …

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योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता

योग का महत्व: योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने …

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दशहरा पर कविता: गोविन्द भारद्वाज – विजयदशमी त्योहार पर हिंदी बाल-कविता

दशहरा पर कविता: गोविन्द भारद्वाज - विजयदशमी त्योहार पर हिंदी बाल-कविता

दशहरा पर कविता: दशहरा का पर्व असत्य की सत्य पर जीत का पर्व है। दशहरा जिसे विजय दशमी भी कहते हैं यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को आता है। विजयदशमी यानी दशहरा नवरात्रि खत्म होने के अगले दिन मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले 9 …

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आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर छोटे बच्चों के लिए हिंदी कविता

Inspirational Hindi Poem about Dussehra आ गया पावन दशहरा (विजय दशमी)

आ गया पावन दशहरा: दशहरा पर हिंदी कविता – भारत में दशहरा का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है, देश के कुछ जगहों पर दशहरा का सेलिब्रेशन बहुत फेमस होता है। आ गया पावन दशहरा: सत्यनारायण सिंह आ गया पावन दशहरा फिर हमे सन्देश देने आ गया …

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लाल बहादुर शास्त्री: कमला प्रसाद चौरसिया बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में

लाल बहादुर शास्त्री - कमला प्रसाद चौरसिया

लाल बहादुर शास्त्री: कमला प्रसाद चौरसिया – Lal Bahadur Shastri was the third (second, and acting, being Gulzarilal Nanda) Prime Minister of Independent India and a significant figure in the Indian independence movement. लाल बहादुर शास्त्री: बाल-कविता शास्त्री जी के बारे में पैदा हुआ उसी दिन,जिस दिन बापू ने था जन्म लिया।भारत-पाक युद्ध में जिसनेतोड़ दिया दुनिया का भ्रम॥ एक रहा …

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हिंदी दिवस Short Poem on Hindi Divas

हिंदी दिवस Short Poem on Hindi Divas

हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस दिन भारत की संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदू भाषा को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा घोषित किया था। भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को अपनाया। हालांकि इसे 26 …

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चारु चंद्र की चंचल किरणें: मैथिलीशरण गुप्त की लोकप्रिय हिंदी कविता

Maithili Sharan Gupt Classic Hindi Poem Panchvati चारु चंद्र की चंचल किरणें

चारु चंद्र की चंचल किरणें: Here is an excerpt from the famous poem Panchvati by Maithili Sharan Gupt. The description is of the cottage in Panchvati forest that was the abode of Ram, Laxman and Sita during the terminal year of their 14 years banvas. As Ram and Sita sleep inside, Laxman is on guard outside. This poem further goes on …

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चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता: भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी

चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता

चंद्रशेखर आजाद पर हिंदी कविता: चंद्रशेखर आजाद (23 जुलाई 1906 – 27 फ़रवरी 1931) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के स्वतंत्रता सेनानी थे। वे शहीद राम प्रसाद बिस्मिल व शहीद भगत सिंह सरीखे क्रान्तिकारियों के अनन्यतम साथियों में से थे। चंद्रशेखर आजाद: सुशील कुमार शर्मा की हिंदी कविता तुम आजाद थे, आजाद हो, आजाद रहोगे, भारत की जवानियों के तुम खून में …

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जनसंख्या: Hindi Poem about Over Population

Hindi Poem about Over Population जनसंख्या

भारत की अनेक समस्याओं का कारण यहाँ की तेजी से बढती हुई Population है। स्थिति इतनी भयावह हो गई है कि इसे सख्या विस्फोट की संज्ञा दी जाती है। अर्थशारित्रयों का मत है कि भारत के लिए इस बढती हुई जनसंख्या की जरूरतो को पूरा करने के लिये पर्याप्त साधन नहीं हैं। आज हमारी जनसख्या लगभग एक अरब पाच करोड …

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