नया वर्ष द्वार पर: राकेश खण्डेलवाल – ‘नव वर्ष‘ प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी को मनाया जाता है। यह सम्पूर्ण विश्व में एक बड़े उत्सव की तरह मनाया जाता है। अलग-अलग स्थानों पर नव वर्ष अलग-अलग विधियों से मनाया जाता है। स्थानीय कैलेण्डर के अनुसार विभिन्न देश एवं सम्प्रदाय के लोग अपना-अपना नव वर्ष अलग-अलग तिथियों पर मनाते हैं किन्तु अधिकांश …
Read More »नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी
नया साल आएगा एक और संकल्प: वीणा सिंह चौधरी – भारत में नव वर्ष का आयोजन सभी लोग अपने धर्म के हिसाब से अलग-अलग दिनों में मनाते है लेकिन पश्चिमी सभ्यता के प्रभाव के कारण ज्यादातर लोग अब 1 जनवरी को भी नव वर्ष का आयोजन करते है। हिन्दुओं का नया साल चैत्र नव रात्रि के प्रथम दिन यानी गुड़ी पड़वा …
Read More »योग का महत्व: योग के लाभ एवं फायदों पर हिंदी बाल-कविता
योग का महत्व: योग – अभ्यास का एक प्राचीन रूप जो भारतीय समाज में हजारों साल पहले विकसित हुआ था और उसके बाद से लगातार इसका अभ्यास किया जा रहा है। इसमें किसी व्यक्ति को सेहतमंद रहने के लिए और विभिन्न प्रकार के रोगों और अक्षमताओं से छुटकारा पाने के लिए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं। यह ध्यान लगाने …
Read More »चारु चंद्र की चंचल किरणें: मैथिलीशरण गुप्त की लोकप्रिय हिंदी कविता
चारु चंद्र की चंचल किरणें: Here is an excerpt from the famous poem Panchvati by Maithili Sharan Gupt. The description is of the cottage in Panchvati forest that was the abode of Ram, Laxman and Sita during the terminal year of their 14 years banvas. As Ram and Sita sleep inside, Laxman is on guard outside. This poem further goes on …
Read More »सृष्टि: सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर हिंदी कविता
सृष्टि: सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant, जन्म: 20 मई 1900; मृत्यु: 28 दिसंबर, 1977) हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। आकर्षक व्यक्तित्व के …
Read More »बसंती हवा: केदार नाथ अग्रवाल
बसंती हवा: केदारनाथ अग्रवाल (१ अप्रैल १९११ – २२ जून २०००) प्रमुख हिन्दी कवि थे। १ अप्रैल १९११ को उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के कमासिन गाँव में हनुमान प्रसाद गुप्ता व घसीटो देवी के घर हुआ था। केदार जी के पिताजी स्वयं कवि थे और उनका एक काव्य संकलन ‘मधुरिम’ के नाम से प्रकाशित भी हुआ था। केदार जी …
Read More »आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी की बाल-कविता
आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी – Here is a simple poem on spring for children. The scenery described comprising the mustard fields and flowering of mango trees is something that many urban children today would not be familiar with. For old timers, these things arouse nostalgia. आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी आया वसंत आया वसंत छाई जग में शोभा अनंत सरसों खेतों …
Read More »होकर मगन आया है बसंत: वसंत ऋतु पर कविता
होकर मगन आया है बसंत: माघ महीने की पंचमी तिथि से ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। वसंत पंचमी पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से …
Read More »रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद
रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविता का हिंदी अनुवाद: रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा …
Read More »रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद
रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …
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