Tag Archives: Nostalgia Hindi Poems

मां के हाथ का खाना: हिंदी बाल-कविता माँ के खाने के बारे में

मां के हाथ का खाना: हिंदी बाल-कविता माँ के खाने के बारे में

मां के हाथ का खाना कितना स्वादिष्ट होता है, यह तो हम सभी जानते हैंं। हर कोई अपने मां के हाथ के खाने का स्वाद कभी भी नहीं भुलता है। मां अपने खाने में प्यार डालती है, यही प्यार खाने को सबसे ज्यादा स्वादिष्ट बनाता है। मां को अच्छी तरह से पता रहता है की उसके बच्चे को किस तरह …

Read More »

पिता दिवस पर हिंदी कविता: Fathers Day Special प्रेरणादायक 8 कविताएं

पिता दिवस पर प्रेरणादायक 8 हिंदी बाल-कविताएं

पिता दिवस पर हिंदी कविता: फादर्स डे एक अवसर है जब हम अपने पिताजी के प्रति अपनी गहरी श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं और उनके साथ हमारी समर्थना और प्यार का अभिव्यक्ति करते हैं। यह एक समय होता है जब हम उनकी अनमोल मेहनत और समर्पण को स्वीकार करते हैं, जो हमें हमेशा प्रेरित और सहायक बनाते हैं। इस दिन का …

Read More »

दादी माँ: Short Poem on Grandmother in Hindi Language

दादी माँ – मीनल दधीच ‘मींटू’

दादी माँ: मेरी दादी के सबसे ज़्यादा करीब मैं हूँ। मेरे घर पर नौ सदस्य है। जिनमे माँ, पिताजी, मैं और मेरी बहन, चाचा – चाची और उनके दो बच्चे यानी दो भाई और दादी है, हम दो मंज़िला इमारत में रहते है। दादी सबसे प्यारी है। मैं अपने दादी से बेहद प्यार करता हूँ। वह सभी का समान रूप से …

Read More »

दादी वाला गाँव: Nostalgia Hindi Poem about Ancestral Village Home

इंदिरा गौड़ की लोकप्रिय बाल कविता: दादी वाला गाँव

दादी वाला गाँव: गाँव भारत का हृदय है। कुछ विद्वान कहते हैं कि असली भारत गाँव में है। लगभग 70% आबादी गाँव में रहती है। लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अंत्योदय कार्यक्रम अंतिम पंक्ति में है। गाँव में पंचायती राज संस्थाएँ वह स्तर जहाँ वास्तविक लोकतंत्र की शक्ति का एहसास होता है क्योंकि सत्ता …

Read More »

दादा और दादी जी: Inspirational Short Hindi Poem on Grandparents

दादा और दादी जी: Inspirational Short Hindi Poem on Grandparents

दादा और दादी जी किसी भी परिवार का वह सदस्य होते है, जो परिवार को संभाल कर रखती है और हमेशा सभी को प्यार देती है। ‘दादा और दादी जी‘ हमेशा बच्चों से स्नेह एवम लाड दुलार करते है और उन्हें किसी भी प्रकार से दुखी नहीं कर सकते है। आज तक आपने और हमने ‘दादा और दादी‘ के ऊपर …

Read More »

मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत की कविता

मैं सबसे छोटी होऊं: सुमित्रानंदन पंत

मैं सबसे छोटी होऊं: प्रस्तुत कविता के रचयिता सुमित्रानंदन पंत जी हैं। इस कविता का मुख्य केन्द्र एक छोटी बच्ची हैं। छोटी बच्ची चाहती है की उसका बचपन हमेशा ऐसे ही बना रहे। उसे उसकी माँ का प्रेम ऐसे ही मिलता रहे। कविता में पन्त जी ने बाल सुलभ चेष्टाओं का सुंदर वर्णन किया है। इस कविता में सहज रूप …

Read More »

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत

ऋतुओं की ऋतू बसंत: सुमित्रानंदन पंत – वसंत पञ्चमी या श्रीपंचमी एक हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया …

Read More »

मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: सवा चार साल की मेरी धेवती, सुरभि 19 अप्रैल 22, को अपने पिता के मृत शरीर को देख रही थी और अनेकानेक सगे संबंधियों का रुदन देख रही थी और गंभीरता पूर्वक जो दुखद घटना घटी, उन सब की बातें सुन रहीं थी। उसके अत्यंत कोमल पूछताछ का ताना बाना है, यह शोकगीत। सुरभि का कहना …

Read More »

नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी

New Year Hindi Poem नव वर्ष के स्वागत में

नव वर्ष के स्वागत में: रंजना सोनी – नव वर्ष की प्रणाली ब्रह्माण्ड पर आधारित होती है, यह तब शुरु होता है जब सूर्य या चंद्रमा मेष के पहले बिंदु में प्रवेश करते हैं। आज, चंद्रमा मेष राशि में प्रवेश कर चुका है और दिन बाद अर्थात 13 अप्रैल को सूरज मेष राशि के पहले बिंदु में प्रवेश करेगा, जिस …

Read More »

नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष के कोरे पन्नों पर: नयें साल की कविता

नव वर्ष एक उत्सव की तरह पूरे विश्व में अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग तिथियों तथा विधियों से मनाया जाता है। विभिन्न सम्प्रदायों के नव वर्ष समारोह भिन्न-भिन्न होते हैं और इसके महत्त्व की भी विभिन्न संस्कृतियों में परस्पर भिन्नता है। भारत के विभिन्न हिस्सों में नव वर्ष अलग-अलग तिथियों को मनाया जाता है। प्रायः ये तिथि मार्च और अप्रैल के …

Read More »