दिवाली पर प्रेरणादायक कहानी: फैली रोशनी – दीपावली की रात जगमगा रही थी। सभी बच्चे गली-मोहल्लों में बम-पटाखे फोड़ रहे थे। राहुल की दीदी अनु गली में फुलझड़ियां चलाती हुई खुशी से चिल्ला रही थी, लेकिन राहुल का मन कहीं और था। मम्मी ने पूछा, “राहुल बेटा, जाओ तुम भी दीदी के साथ आतिशबाजी जला लो। तुम्हारा मन नहीं कर …
Read More »ईमानदारी का सबक: ईमानदार गरीब ठेले वाले की प्रेरणादायक बाल-कहानी
ईमानदारी का सबक: गिरधारी चाचा हमारे विद्यालय की बगल में ही चाट-पकौड़ी का ठेला लगाते थे जिस पर वह गर्मा-गर्म पूरियां, छोले, गोलगप्पे और चाट बेचते जिनकी प्रसिद्धि बहुत दूर-दूर तक थी। वह सुबह उठकर ठेला लगाते थे। उनके ठेला लगाने भर की बस देर होती, ग्राहक उन्हें चीटियों की मानिद घेर लेते। हमारे स्कूल के नजदीक ही बस स्टैंड …
Read More »देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा (प्रेमचंद की सबसे छोटी कहानी)
देवी: उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लघुकथा – रात भीग चुकी थी। मैं बरामदे में खड़ा था। सामने अमीनुद्दौला पार्क नींद में डूबा खड़ा था। सिर्फ एक औरत एक तकियादार बेंच पर बैठी हुई थी। पार्क के बाहर सड़क के किनारे एक फ़कीर खड़ा राहगीरों को दुआयें दे रहा था – खुदा और रसूल का वास्ता… राम और भगवान का …
Read More »पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी
पूस की रात: कथा सम्राट प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानी – कथा सम्राट प्रेमचंद (31 जुलाई 1880 लमही, उत्तर प्रदेश, भारत – 8 अक्टूबर 1936 वाराणसी, उत्तर प्रदेश, भारत) ने हिन्दी के खजाने में कई अनमोल रत्न जोड़े हैं। महज आठ साल की उम्र में प्रेमचंद की मां का स्वर्गवास होने और पिता द्वारा दूसरी शादी करने के चलते उनके बाल …
Read More »दो बैलों की कथा: मुंशी प्रेमचंद की लोकप्रिय हिंदी कहानी
कथाकार मुंशी प्रेमचंद भारत के ही नहीं, दुनियाभर में विख्यात हुए और ‘कथा सम्राट‘ कहलाए। प्रेमचंद की जयंती 31 जुलाई को बड़े ही उत्साह से मनाई जाती है। इस खास मौके पर उनकी कहानी ‘दो बैलों की कथा‘ पढ़कर अपनी यादें ताजा कर लीजिए… दो बैलों की कथा [1]: हीरा और मोती जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता …
Read More »बड़े घर की बेटी: ग्रामीण घर गृहस्थी पर मुंशी प्रेमचंद की अमर कहानी
बड़े घर की बेटी मुंशी प्रेमचंद जी द्वारा लिखित प्रसिद्ध कहानी है। इस कहानी में उन्होंने संयुक्त परिवार में उत्पन्न होने वाली समस्याओं, कलहों, बात का बतंगड़ बन जाने और फिर आपसी समझदारी से बिगड़ती परिस्थिति को सामान्य करने का हुनर को दर्शाया है। बड़े घर की बेटी में कहानीकार ने पारिवारिक मनोविज्ञान को बड़ी ही सूक्ष्मता से बेनीमाधव सिंह, …
Read More »गुल्लक: दिल को छू लेने वाली बाल-कहानी
गुल्लक: कानू चाचा ठेले पर इमली की लाल चटनी बेचा करते थे। उनके ठेले पर कच्चे आम के टुकड़े भी बिकते, जिसमें लाल मिर्च डाल कर कानू चाचा हमें देते थे। उस समय आज की तरह चीजें महंगी नहीं हुआ करती थीं। चवन्नी या अठन्नी ही हमें रोज घर से मिला करती थी। कानू चाचा पुराने पीपल के पेड़ के …
Read More »Spirit of Diwali: Inspirational story of a Dhaba boy
Spirit of Diwali: Chandan put his hands on his ears trying to shut off the sounds. It was Diwali night. The entire city was lit up. Fire crackers were exploding everywhere. Chandan was lying on a dirty wooden bench in one corner of a dhaba in which he worked, trying to shut off the world and sleep. Diwali – the …
Read More »The Bailiff’s Bootsoles: Story From Urals
The Bailiff’s Bootsoles: There was a bailiff in Polevaya once called Severyan Kondratych. Eh, what a ruffian he was, what a ruffian! They’d never known the like since there’d been mines and mills there. A hound, he was, and worse. A wild beast. The Bailiff’s Bootsoles: Pavel Bazhov He knew little enough about the work, but when it came to …
Read More »A Balloon Seller’s Story
A Balloon Seller’s Story – I am sorry – I am a little late in realizing that a new year has already arrived! Like always my priorities were wrong. In the hallucinations and deliriums I began to celebrate the 26th of January before 1st January at Pusa Road, New Delhi. Did you ever come across the word ‘Rain basera‘? No? …
Read More »