अंग से अंग लगाना: डर: ए वायलेंट लव स्टोरी 1993 की भारतीय हिंदी भाषा की मनोवैज्ञानिक थ्रिलर फिल्म है, जिसका निर्देशन और निर्माण यश चोपड़ा ने अपने बैनर यश राज फिल्म्स के तहत किया है। फिल्म में सनी देओल, जूही चावला, शाहरुख खान मुख्य भूमिका में हैं, अन्नू कपूर, तन्वी आजमी और अनुपम खेर सहायक भूमिकाओं में हैं, और दलीप ताहिल …
Read More »गणपति अपने गाँव चले: गीतकार आनंद बक्षी का गीत फिल्म अग्निपथ से
गणपति अपने गाँव चले: The cult movie of 1990, Agneepath, starring the legendary actor Amitabh Bachchan is still etched in the minds of his fans. Agneepath Amitabh Bachchan movie showcases the rise of Vijay Dinanath Chauhan played by Amitabh Bachchan in the world of crime in Bombay. Vijay, is the son of Master Dinanath Chauhan (Alok Nath) who is a …
Read More »आनंद बक्षी का देश भक्ति गीत: वतन पे जो फ़िदा होगा (फूल बने अंगारे)
वतन पे जो फ़िदा होगा: Here is an immortal poem of Anand Bakshi that was written for the 1963 movie “Phool Bane Angaare”. Such powerful and moving words never fail to moisten eyes. It is appropriate to refresh the memory of this song on this 15th of August. वतन पे जो फ़िदा होगा: आनंद बक्षी हिमाला की बुलंदी से, सुनो आवाज …
Read More »संग बसंती अंग बसंती: आनंद बक्षी
संग बसंती अंग बसंती: Raja Aur Runk is the story of a prince and a pauper. Two children, born on the same day at the same time: one to the king, Raja Sahib, and one to a poor man, Hariya (Ajit). The king is thrilled at the birth of Yuvraj, the heir to the throne, while Hariya is cynical about …
Read More »चंदा है तू, मेरा सूरज है तू: आनंद बक्षी
चंदा है तू, मेरा सूरज है तू: आराधना 1969 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है जिसके निर्माता एवं निर्देशक शक्ति सामंत थे। इस फ़िल्म को 1969 में फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार के साथ दो अन्य फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों से नवाज़ा गया था। फ़िल्म में संगीत दिया है ऍस. डी. बर्मन ने और गीतकार हैं आनन्द बख़्शी। DO YOU KNOW: शर्मिला …
Read More »चिट्ठी आई है: Anand Bakshi Nostalgic Hindi Song
चिट्ठी आई है: आप सभी को दिवाली की ढेर सारी बधाईयाँ। आज के दौर में दिवाली को लोग बम पटाखों से मनाते है, अपने रिश्तेदारों के यहां मिठाइयाँ पहुंचाते है। लेकिन पुराने जमाने में ऐसा नहीं होता था। लोग अपनी दिवाली मनाने के लिए बम पटाखों के इस्तेमाल की बजाय आपस के लोगों को दिवाली पर कविता भेजते थे। लोगों …
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