फकीरा बहुत गरीब था। मेहनत मज़दूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करता था। घर में अधिकतर दाल रोटियां ही बनती थी। एकादि बार प्याज की चटनी भी चल जाती थी। फिर शाम को दाल। कभी कभी हरी सब्ज़ी बनती थी। मीट तो बकरीद के समय ही बन पाता था। कभी खरीदकर लाते थे। कभी किसी के यहाँ से आ …
Read More »घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने: कहानियां कहावतों की
एक गरीब परिवार था। उसका खर्चा जैसे तैसे चल रहा था। घर में कभी दाल रोटी कभी सब्ज़ी रोटी। लेकिन महीने में भी कई दिन ऐसे आते थे जब बिना दाल सब्ज़ी के गुजरा होता था। कभी प्याज नमक से रोटियाँ खाते कभी चटनी के साथ। सभी एकादी आलू बचा लेते तो उसे उबालकर भरता बना लेते। कभी …
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