क्रिसमस गिफ्ट: हर साल की तरह इस बार भी सब तरफ क्रिसमस के नज़दीक आते ही चारो ओर ही जोरो शोरो से तैयारियां शुरू हो चुकी थी। नन्हा जेम्स भी अपनी खिड़की से बाहर बाज़ार की ओर झाँककर खुश हो रहा था। आज सन्डे था और उसके पापा ने चर्च ले जाने का वादा किया था और उसके बाद उसे …
Read More »चुन्नू की इको फ्रेंडली दिवाली: जन जागरूकता पर प्रेरक हिंदी बाल कहानी
इको फ्रेंडली दिवाली: सात साल का चुन्नू सुबह से ही पटाखे खरीदने की जिद कर रहा था। वह पापा के पास आते हुए बोला – “पटाखे लेने चलो, मेरे सब दोस्त ले आये है”। “अरे, बेटा, तुम पहले अपना होमवर्क तो खत्म कर लो फ़िर समय नहीं मिलेगा”। “अभी तो स्कूल खुलने में चार दिन है, आप पहले पटाखे लेने …
Read More »शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: एक बहादुर चरवाहे की कहानी
शिबू ने लालटेन जलाई – सबने दिवाली मनाई: बहुत समय पहले की बात है… एक गाँव था शिवपुर। उसी गाँव में एक चरवाहा रहता था, बहुत ही सीधा और भोला-भाला बिना किसी लालच और बिना किसी स्वार्थ के सबके दुःख सुख में एक पैर से खड़ा रहता था। गाँव वाले भी उसकी निश्चलता के कारण उसे बहुत प्यार करते थे। …
Read More »दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: दिवाली
दिवाली के पटाखों की बाल-कहानी: एक दुकान में ढेर सारे पटाखे सजे हुए रखे थे, जो दुकानदार ने दिवाली पर बेचने के लिए रखे हुए थे। पटाखों को यह देखकर बहुत दुःख होता था की जो बच्चे अच्छे कपड़े पहनकर अपने मम्मी पापा के साथ पटाखे लेने आते, उन्हें तो दुकानदार बड़े ही प्यार से पटाखे दिखता और बेचता पर …
Read More »राष्ट्रगान से प्रेम: कुत्ते बंदर का राष्ट्रगान जन गण मन से प्रेम पर हिंदी कहानी
राष्ट्रगान से प्रेम: बंदर और कुत्ता दोनों बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों दिन भर घूमते रहते थे, कभी इस गली, कभी उस गली। कभी बाजार, कभी स्कूल के आगे घूमते रहते थे। वे घूम कर-घूम कर जिंदगी का भरपूर आनंद लेते थे। उनको बच्चों से बहुत प्यार था। बच्चे जब सज-धज कर यूनिफार्म पहन कर स्कूल जाते, तो वे उन्हें …
Read More »पेड़ों की रक्षा: खेजड़ी का पेड़ – रेगिस्तान का गौरव व राजस्थान का कल्पवृक्ष
पेड़ों की रक्षा: गगन के घर के पास खेजड़ी का एक विशाल वृक्ष था, जिसे उसके दादाजी ने उसके पिताजी के जन्म पर लगाया था। खेजड़ी का यह पौधा वह अपने गांव से लाए थे और कहते थे कि यह बहुत ही अमूल्य पेड़ है। इसे बचाने के लिए अमृता देवी ने खेजड़ी के साथ कट कर प्राण दे दिए …
Read More »अनोखा दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद कहानी सोने के पत्तों की
अनोखा दशहरा: बहुत समय पहले की बात हैं। उदयपुर राज्य में एक राजा राज्य करता था माधोसिंघ। उसके दिमाग में रह रह कर तरह तरह के फ़ितूर आते रहते थे। इस कारण कभी तो उसकी हरकतों पर लोग हँसते हँसते लोटपोट हो जाते तो कई बार उसे सबके साथ इसका खामियाज़ा भी भुगतना पड़ता पर वो अपनी पुरानी गलतियों से …
Read More »Unforgettable Dussehra: Street Food Moral Story
Unforgettable Dussehra: Dipu was in a mood to go around for some fun and enjoyment so he accompanied his brother along with their dog Romi to a nearby park. They spent some time playing with a ball when Dipu suddenly announced, “It is Dussehra today and we can go and watch burning of Ravan in the Dussehra ground. We can …
Read More »राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन
जब भी राखी का त्यौहार आता था, मुन्नी का दिल भर आता था। वह दिन भर घर के अंदर और बाहर चक्कर लगाया करती थी कि शायद उसका भाई लौट आये। पर एक राखी के बाद दूसरी और फिर तीसरी और फ़िर बहुत सारी राखी आई पर उसका भाई नहीं आया। आज राखी थी और हर साल की तरह मुन्नी …
Read More »The Pram That Walked: Short Mystery Story
The Pram That Walked: “Ma! Ma! Give me something to eat, quick, then I am off,” I said breathlessly as I rushed home from school. I stopped at mother’s bedroom door. I could see her in the mirror, coiling her hair into a bun. She was wearing a cream-colored sari with a dark purple border. “That is a going-out sari, …
Read More »