Accepting the demand of step-mother Kaikeyi for a 14 year banvaas, Ram along with wife Sita and brother Lakshmana, made abode in the forest of Chitrakoot, Madhya Pradesh. One day Lakshmana saw from a distance, Bharat approaching with an army and thought that he wanted to kill Ram in order to permanently get the kingdom of Ayodhya (Uttar Pradesh, India). In …
Read More »क्रिसमस आया क्रिसमस आया: छोटे बच्चों की कविता
क्रिसमस आया क्रिसमस आया,बच्चों का है मन ललचाया।सैंटा क्लॉज आएंगे,नए खिलौने लाएंगे।सैंटा क्लॉज ने दी आवाज,एनी आओ, पेनी आओ,जॉनी आओ, जॉन आओ,यीशु की ये याद का दिन है,बच्चों का ये प्यार का दिन है। ∼ वर्षा रस्तोगी
Read More »आया है भाई हैप्पी क्रिसमस: बड़े दिन पर हिंदी बाल-कविता
गोलू, सोनू छोड़ो असमंजस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस।लो आई मस्ती की बहार,मांगो क्या चाहिए उपहार,सांता क्लॉज़ उनको ही देंगे,जिनका होगा सद्व्यवहार,किस उधेड़-बुन में गए फंस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस।ईसा मसीह का जन्मदिन,क्रिसमस ट्री सजाने का दिन,सभी मिल गाओ ताक-धिना-धिन,तोहफों का आनंद लो हंस हंस,आया है भाई हैप्पी क्रिसमस। ∼ विपिन
Read More »सांता आओ: क्रिसमस पर बाल-कविता
सांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओचॉकलेट टॉफियां हुई पुरानीदेश प्रेम का सन्देश लाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओआतंकवाद बढ़ा है देश मेंउसको दूर भगाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओन्यारी प्यारी दुनिया सारीआतंकवाद से बिगड़ रही हैसबको प्यार का पाठ पढ़ाओसांता आओ सांता आओशांति और खुशहाली लाओ ∼ शिवांगी गोस्वामी [रॉयन इंटरनेशनल स्कूल, कक्षा – ५ ‘अ’ – जयपुर, राजस्थान]
Read More »राजीव कृष्ण सक्सेना की धार्मिक कविता: मैं ही हूं
We humans see the world and interpret it as per our mental capacities. We try to make a sense out of this world by giving many hypotheses. But reality remains beyond us, a matter of constant speculation. मैं ही हूँ प्रभु पुत्र आपका, चिर निष्ठा से चरणों में नित बैठ नाम का जप करता हूँ मैं हीं सिक्का खरा, कभी …
Read More »वह कौन है: हंस कुमार तिवारी की गुमनाम अमर शहीदों पर कविता
He who died unsung, unheard, for the Motherland, who was he? Countless people gave their lives for the freedom of the country India. We only know about a handful. Others contributed their lives and faded away unsung and forgotten. Here is a touching poem by Hanskumar Tiwari. वह कौन है: हंस कुमार तिवारी मिट्टी वतन की पूछती वह कौन है‚ …
Read More »कैसे भेंट तुम्हारी ले लूँ: बच्चन जी की निराश प्रेम कविता
Love requires great deal of efforts and full involvement. It exhausts the lovers. Then if one has to go through the whole process again! It is very difficult to revisit the old lanes and by lanes of love. कैसे भेंट तुम्हारी ले लूँ: हरिवंश राय बच्चन कैसे भेंट तुम्हारी ले लूँ क्या तुम लाई हो चितवन में, क्या तुम लाई हो …
Read More »जनम दिन: नीरज की निराशा से भरी प्रेम कविता
Here is an excerpt from a poem expressing the wishes of a poor poet for his love on her birthday. आज है तेरा जनम दिन, तेरी फुलबगिया में फूल एक और खिल गया है किसी माली का आज की रात तेरी उम्र के कच्चे घर में दीप एक और जलेगा किसी दिवाली का। आज वह दिन है किसी चौक पुरे …
Read More »धूम्रपान विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता: क्यों मौत बुला रहे हो?
वर्तमान में धूम्रपान की सबसे प्रचलित विधि सिगरेट है, जो मुख्य रूप से उद्योगों द्वारा निर्मित होती है किन्तु खुले तम्बाकू तथा कागज़ को हाथ से गोल करके भी बनाई जाती है। धूम्रपान के अन्य साधनों में पाइप, सिगार, हुक्का एवं बॉन्ग शामिल हैं। ऐसा बताया जाता है कि धूम्रपान से संबंधित बीमारियां सभी दीर्घकालिक धूम्रपान करने वालों में से …
Read More »धूम्रपान है दुर्व्यसन: धूम्रपान आदत पर विद्यार्थियों और बच्चों के लिए कविता
धूम्रपान है दुर्व्यसन, मुँह में लगती आग स्वास्थ्य, सभ्यता, धन घटे, कर दो इसका त्याग। बीड़ी-सिगरेट पीने से, दूषित होती वायु छाती छननी सी बने, घट जाती है आयु। रात-दिन मन पर लदी, तम्बाकू की याद अन्न-पान से भी अधिक, करे धन-पैसा बरबाद। कभी फफोले भी पड़ें, चिक जाता कभी अंग छेद पड़ें पोशाक में, आग राख के संग। जलती …
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