चूहों की दिवाली: जब से चूहों को पता चला था कि दिवाली आने वाली है तो उनमें कानाफूसी शुरू हो गई थी। सबने मिलकर एक शाम को एक मीटिंग करने का निश्चय किया। छोटा चूहा, मोटा चूहा, लम्बा चूहा, नाटा चूहा, कोई भी नहीं छूटा… सब भागते हुए मीटिंग अटेंड करने जा पहुँचे थे। मीटिंग की राय देने वाले नाटू चूहे की तो ख़ुशी …
Read More »बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी
बिट्टू की दिवाली: प्रेरणादायक हिंदी बाल-कहानी – बहुत सारे पटाखे, मिठाई और नए नए कपड़े चाहिए मुझे इस दिवाली पर… कहता हुआ नन्हा बिट्टू पैर पटककर माँ के सामने जमीन पर ही लोट गया। उसकी मम्मी ने अपनी हँसी को दबाते हुए कहा – “हाँ – हाँ, सब ले आयेंगे”। यह सुनकर बिट्टू बड़े ही लाड़ से माँ के गले में …
Read More »ऐसे मना दशहरा: मंजरी शुक्ला की हास्यप्रद बाल-कहानी दशहरा के त्योहार पर
ऐसे मना दशहरा: “दशहरे पर मैं रावण देखने जाऊंगी” दस साल की चित्राणी ने एलान कर दिया। “और मैं हमेशा की तरह नहीं ले जाऊँगा” पापा ने अखबार पढ़ते हुए ही जवाब दिया। “क्या हो जाएगा, अगर हम लोग रावण देखने चले जाएँगे… पूरी दुनिया तो जाती है” मम्मी ने हर साल की तरह रटा रटाया वाक्य दोहराया। मम्मी की …
Read More »संकल्प: हिंदुस्तान के सैनिक की बहादुर बेटी के दृड़ निश्चय पर शिक्षाप्रद कहानी
संकल्प: नेहा की आयु 5 वर्ष थी। एक दिन जब स्कूल में Parent-Teacher meeting हुई तो किसी कारण उसकी मम्मी स्कूल न आ पाईं। नेहा को मन ही मन मम्मी पर गुस्सा आ रहा था। आखिर स्कूल में छुट्टी हुई तो नेहा सीधी घर आई। जब वह कमरे में आई तो देखा कि उसकौ मम्मी बिस्तर पर पड़ी हैं और …
Read More »हैप्पी टीचर्स डे: डॉ. मंजरी शुक्ला – दिल को छू लेने वाली हिंदी बाल-कहानी
आज जब रोहित स्कूल के लिए निकला तो उसे घर के सामने वाली सड़क पर उसी की उम्र का बच्चा फूल बेचते हुए दिखा। रोहित को लगा कि उसने उस लड़के को पहले भी कहीं देखा है। वह बहुत गौर से उसे देखने लगा पर बहुत याद करने पर भी उसे कुछ याद नहीं आया। कई बार रोहित सड़क पर …
Read More »राखी का त्यौहार और चश्में वाली पतंग: हास्यप्रद कहानी
राखी का त्यौहार और चश्में वाली पतंग: अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिये हर बहन रक्षा बंधन के दिन का इंतजार करती है। वैसे ही भाई भी बहन की राखी का बेसब्री से इंतज़ार करता है। यह त्यौहार बहन-भाई के प्यार का पर्याय बन चुका है, कहा जा सकता है कि यह भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को और …
Read More »राखी: रक्षा और बंधन का संगम है रक्षाबंधन
जब भी राखी का त्यौहार आता था, मुन्नी का दिल भर आता था। वह दिन भर घर के अंदर और बाहर चक्कर लगाया करती थी कि शायद उसका भाई लौट आये। पर एक राखी के बाद दूसरी और फिर तीसरी और फ़िर बहुत सारी राखी आई पर उसका भाई नहीं आया। आज राखी थी और हर साल की तरह मुन्नी …
Read More »अनोखे जवाब: अध्यापक शिष्य के बीच हास्य वार्ता
अनोखे जवाब: शर्मा मैडम सत्रह का पहाड़ा पूछ रही थी और बच्चों का दिल बैठा जा रहा था। जिन बच्चों को पहाड़ा आता था वे उचक-उचक कर हाथ उठा रहे थे। कुछ बेहद उत्साही बच्चे तो, मिस मैं… मिस मैं… कहते हुए मेज पर लटक कर औंधे हो गए थे। अमित जानता था कि जो बच्चे पहाड़ा बोलने के लिए …
Read More »चुग्गी मुर्गी और लोमड़ी: दिन में सपने देखने वाली मुर्गी की कहानी
चुग्गी मुर्गी और लोमड़ी की कहानी: चुग्गी मुर्गी खाने की तलाश में जंगल में इधर उधर घूम रही थी। तभी उसे उस कुछ सुनहरे रंग के गोल बीज घास के पास पड़े दिखाई दिए। वे सभी बीज सुनहरे रंग के थे और उनके हलकी सी रोशनी निकल रही थी। सुनहरे रंग की उनकी रौशनी आस-पास की घास तक बिख़र रही …
Read More »अप्पू घर: चार घंटे चुप रहने की मजेदार कॉमेडी कहानी
“क्या बात है, तुम आज कुछ भी बोल क्यों नहीं रही हो” निफ़्टी ने बुलबुल से धीरे से पूछा? बुलबुल ने निफ़्टी की ओर देखा और वापस ब्लैकबोर्ड की तरफ़ देखने लगी। निफ़्टी ने मुस्कुराते हुए बुलबुल के हाथ से पेंसिल छीन ली। बुलबुल ने तुरंत अपने पेंसिल बॉक्स से दूसरी पेंसिल निकाल ली और सवाल हल करने लगी। निफ़्टी …
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