Tag Archives: Top 10 Life And Time Poems in Hindi

दादी माँ: Short Poem on Grandmother in Hindi Language

दादी माँ – मीनल दधीच ‘मींटू’

दादी माँ: मेरी दादी के सबसे ज़्यादा करीब मैं हूँ। मेरे घर पर नौ सदस्य है। जिनमे माँ, पिताजी, मैं और मेरी बहन, चाचा – चाची और उनके दो बच्चे यानी दो भाई और दादी है, हम दो मंज़िला इमारत में रहते है। दादी सबसे प्यारी है। मैं अपने दादी से बेहद प्यार करता हूँ। वह सभी का समान रूप से …

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दादी वाला गाँव: Nostalgia Hindi Poem about Ancestral Village Home

इंदिरा गौड़ की लोकप्रिय बाल कविता: दादी वाला गाँव

दादी वाला गाँव: गाँव भारत का हृदय है। कुछ विद्वान कहते हैं कि असली भारत गाँव में है। लगभग 70% आबादी गाँव में रहती है। लोगों के कल्याण के लिए भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया अंत्योदय कार्यक्रम अंतिम पंक्ति में है। गाँव में पंचायती राज संस्थाएँ वह स्तर जहाँ वास्तविक लोकतंत्र की शक्ति का एहसास होता है क्योंकि सत्ता …

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दादा और दादी जी: Inspirational Short Hindi Poem on Grandparents

दादा और दादी जी: Inspirational Short Hindi Poem on Grandparents

दादा और दादी जी किसी भी परिवार का वह सदस्य होते है, जो परिवार को संभाल कर रखती है और हमेशा सभी को प्यार देती है। ‘दादा और दादी जी‘ हमेशा बच्चों से स्नेह एवम लाड दुलार करते है और उन्हें किसी भी प्रकार से दुखी नहीं कर सकते है। आज तक आपने और हमने ‘दादा और दादी‘ के ऊपर …

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सृष्टि: सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर हिंदी कविता

सृष्टि: सुमित्रानंदन पंत की प्रकृति पर हिंदी कविता

सृष्टि: सुमित्रानंदन पंत (Sumitranandan Pant, जन्म: 20 मई 1900; मृत्यु: 28 दिसंबर, 1977) हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार स्तंभों में से एक हैं। सुमित्रानंदन पंत नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए। सुमित्रानंदन पंत ऐसे साहित्यकारों में गिने जाते हैं, जिनका प्रकृति चित्रण समकालीन कवियों में सबसे बेहतरीन था। आकर्षक व्यक्तित्व के …

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मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत

मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत

मौन निमंत्रण: सुमित्रानंदन पंत को प्रकृति का सुकुमार कवि कहा जाता है। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से प्रकृति के विभिन्न उपादानों का बड़ी सुंदरता से वर्णन किया है। ‘मौन निमंत्रण‘ कविता की शुरुआत भी रात की प्रकृति से हुई है। कविता आरंभ में वे लिखते हैं कि रात में चांदनी फैली हुई थी। चांदनी में किसी की तरह चंचलता …

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बसंती हवा: केदार नाथ अग्रवाल

बसंती हवा - केदार नाथ अग्रवाल

बसंती हवा: केदारनाथ अग्रवाल (१ अप्रैल १९११ – २२ जून २०००) प्रमुख हिन्दी कवि थे। १ अप्रैल १९११ को उत्तर प्रदेश के बांदा जनपद के कमासिन गाँव में हनुमान प्रसाद गुप्ता व घसीटो देवी के घर हुआ था। केदार जी के पिताजी स्वयं कवि थे और उनका एक काव्य संकलन ‘मधुरिम’ के नाम से प्रकाशित भी हुआ था। केदार जी …

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आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी की बाल-कविता

आया वसंत - सोहनलाल द्विवेदी

आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी – Here is a simple poem on spring for children. The scenery described comprising the mustard fields and flowering of mango trees is something that many urban children today would not be familiar with. For old timers, these things arouse nostalgia. आया वसंत: सोहनलाल द्विवेदी आया वसंत आया वसंत छाई जग में शोभा अनंत सरसों खेतों …

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होकर मगन आया है बसंत: वसंत ऋतु पर कविता

होकर मगन आया है बसंत: विवेल हिरदे

होकर मगन आया है बसंत: माघ महीने की पंचमी तिथि से ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। वसंत पंचमी पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से …

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मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: हृदय विदारक शोक गीत

मेरे पापा मेरे अपने: सवा चार साल की मेरी धेवती, सुरभि 19 अप्रैल 22, को अपने पिता के मृत शरीर को देख रही थी और अनेकानेक सगे संबंधियों का रुदन देख रही थी और गंभीरता पूर्वक जो दुखद घटना घटी, उन सब की बातें सुन रहीं थी। उसके अत्यंत कोमल पूछताछ का ताना बाना है, यह शोकगीत। सुरभि का कहना …

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डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता

डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता

डस्टबिन: एक नारी की पीड़ा पर हिंदी कविता – वैसे तो प्राचीन काल से ही दुनिया भर में महिलाओ को पुरुषों की अपेक्षा निम्न स्थान दिया जाता रहा है, परन्तु शिक्षा और ओद्योगिक विकास के साथ साथ विकसित देशो में महिलाओ के प्रति सोच में परिवर्तन आया और नारी समाज को पुरुष के बराबर मान सम्मान और न्याय प्राप्त होने …

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