Tag Archives: Top 10 Life And Time Poems in Hindi

मजदूर दिवस पर हिंदी कविता: मैं एक मजदूर हूं

मजदूर दिवस पर हिंदी कविता - मैं एक मजदूर हूं

विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस “1 मई” के दिन मनाया जाता है। किसी भी देश की तरक्की उस देश के किसानों तथा कामगारों (मजदूर / कारीगर) पर निर्भर होती है। एक मकान को खड़ा करने और सहारा देने के लिये जिस तरह मजबूत “नीव” की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, ठीक वैसे ही किसी समाज, देश, उद्योग, संस्था, व्यवसाय को …

Read More »

दुनिया जगर-मगर है कि मजदूर दिवस है: हिंदी कविता

दुनिया जगर-मगर है कि मजदूर दिवस है - ओमप्रकाश यती

एक मई को दुनिया के कई देशों में लेबर डे मनाया जाता है और इस दिन देश की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। भारत ही नहीं दुनिया के करीब 80 देशों में इस दिन राष्‍ट्रीय छुट्टी होती है। हालांकि इस साल हरियाणा सरकार ने लेबर डे नहीं मनाने का फैसला किया है। भारत में मजदूर दिवस कामकाजी लोगों …

Read More »

मातृ दिवस स्पेशल हिंदी कविता: जैसी माँ – निदा फ़ाज़ली

जैसी माँ - निदा फाज़ली

Nida Fazli, the son of Murtaza Hasan Baidi was born on October 12, 1938 in Delhi, to a Kashmiri family. At the time of partition, his parents migrated to Pakistan while Nida preferred to stay in India. He moved to Mumbai at an early age in search of job and started working for ‘Blitz’ and ‘Dharamyug’. He has also written …

Read More »

दिवाली के त्यौहार पर कविता: आई रे आई दिवाली

आई रे आई दिवाली - टीना जिंदल

आई रे आई दिवाली पटाखे तोहफे लायी दिवाली दिल को खुश करने आई दिवाली आई रे आई दिवाली आई रे आई दिवाली मज़े करते हुए बच्चे देखो मम्मी का ना पापा का डर है स्कूल का ना टीचर का डर है बल्ब फूल लगते पापा मंदिर सजाती देखो मम्मी बच्चे हैं खेलते कूदते पटाखों में एकदम मस्त हैं खाना देखो …

Read More »

गरीब की दिवाली: एक हृदय विदारक कविता

गरीब की दिवाली

पटाखों कि दुकान से दूर हाथों में, कुछ सिक्के गिनते मैंने उसे देखा। एक गरीब बच्चे कि आखों में, मैने दिवाली को मरते देखा। थी चाह उसे भी नए कपडे पहनने की, पर उन्ही पूराने कपडो को मैने उसे साफ करते देखा। हम करते है सदा अपने ग़मो कि नुमाईश, उसे चूप-चाप ग़मो को पीते देखा। जब मैने कहा, “बच्चे, …

Read More »

हम तो मस्त फकीर: गोपाल दास नीरज

Gopal Das Neeraj

Life is a temporary phase. We come into this world and leave one day. In between, many get too pre-occupied with hording wealth and name. Indian thought has always considered this tendency madness. Detachment with material things and love for humanity has always been the saintly advice in India. Here is reinforcement of this thought by Neeraj. हम तो मस्त …

Read More »

जीवन कट गया: जीवन से रची बसी नीरज की कविता

Gopal Das Neeraj

A life ends, just like millions of lives end. Nothing very important from a wider perspective. One can analyze all one wants, but the basic fact remains that one life ended just as millions do. A lovely poem by Neeraj. जीवन कट गया: गोपाल दास नीरज जीवन कटना था, कट गया अच्छा कटा, बुरा कटा यह तुम जानो मैं तो यह …

Read More »

छिप छिप अश्रु बहाने वालों: नीरज की कविता जो हमेशा हौसला देगी

छिप छिप अश्रु बहाने वालों: गोपाल दास नीरज

This poem is quite in contrast to the previous one “Kaarvan Gujar Gaya” by Gopal Das Neeraj, even its answer in a way. Here is a more optimistic view on life. It exhorts us to take things in stride and carry on even if life brings onto us some nasty surprises. Another beautiful poem of Neeraj… छिप छिप अश्रु बहाने वालों, …

Read More »

धर्म है: गोपाल दास नीरज की प्रेरणादायक हिंदी कविता

धर्म है: गोपाल दास नीरज

Here is a lovely poem of Gopal Das Neeraj that tells us that challenges must be met head-on and are not to be avoided. जिन मुश्किलों में मुस्कुराना हो मना उन मुश्किलों में मुस्कुराना धर्म है। जिस वक्त जीना गैर मुमकिन सा लगे उस वक्त जीना फ़र्ज है इन्सान का लाज़िम लहर के साथ है तब खेलना जब हो समुन्दर …

Read More »

बाल श्रमिक: भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल श्रमिक - भारत के बाल मजदूरों पर हिंदी कविता

बाल मजदूरी बच्चों से लिया जाने वाला काम है जो किसी भी क्षेत्र में उनके मालिकों द्वारा करवाया जाता है। ये एक दबावपूर्णं व्यवहार है जो अभिवावक या मालिकों द्वारा किया जाता है। बचपन सभी बच्चों का जन्म सिद्ध अधिकार है जो माता-पिता के प्यार और देख-रेख में सभी को मिलना चाहिए, ये गैरकानूनी कृत्य बच्चों को बड़ों की तरह …

Read More »