Tag Archives: Top 10 Life And Time Poems in Hindi

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे: फैज अहमद ‘फैज’

हम मेहनतकश जग वालों से जब अपना हिस्‍सा मांगेंगे - फैज अहमद 'फैज'

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ – भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे जिनको अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव (इंक़लाबी और रूमानी) के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्म, ग़ज़ल लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी (तरक्कीपसंद) दौर की रचनाओं को सबल किया। उन्हें नोबेल …

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तनखा दे दो बाबूजी: मजदूर दिवस पर हिंदी कविता

तनखा दे दो बाबूजी - Labour Day Hindi Poem

अबके तनखा दे दो सारी बाबूजी अब के रख लो बात हमारी बाबूजी इक तो मार गरीबी की लाचारी है उस पर टी.बी. की बीमारी बाबूजी भूखे बच्चों का मुरझाया चेहरा देख दिल पर चलती रोज़ कटारी बाबूजी नूण-मिरच मिल जाएँ तो बडभाग हैं हमने देखी ना तरकारी बाबूजी दूधमुंहे बच्चे को रोता छोड़ हुई घरवाली भगवान को प्यारी बाबूजी …

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मुरझाया फूल: महादेवी वर्मा जी की हिंदी कविता

मुरझाया फूल - महादेवी वर्मा

World loves you till the time you have some thing to give. After that you are forgotten. This bitter truth is described metaphorically in this lovely poem by Mahadevi Verma. था कली के रूप शैशव में‚ अहो सूखे सुमन हास्य करता था‚ खिलाती अंक में तुझको पवन खिल गया जब पूर्ण तू मंजुल‚ सुकोमल पुष्पवर लुब्ध मधु के हेतु मंडराते …

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धूप सा तन दीप सी मैं: महादेवी वर्मा जी की हिंदी कविता

धूप सा तन दीप सी मैं: महादेवी वर्मा

महादेवी वर्मा का जन्म फर्रुखाबाद में हुआ। प्रयाग विश्वविद्यालय से संस्कृत में एम.ए. किया तथा प्रयाग महिला विद्यापीठ की प्रधानाचार्या बनीं और आजीवन वहीं रहीं। महादेवी वेदना की गीतकार हैं, जिसकी अभिव्यक्ति छायावादी शैली में प्रकृति के माध्यम से हुई है। काव्य संकलन “यामा” के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार, 1979 में साहित्य अकादमी फेलोशिप, 1956 में पद्म भूषण और 1988 में …

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दीप मेरे जल अकम्पित (दीप शिखा): महादेवी वर्मा

दीप मेरे जल अकम्पित (दीप शिखा): महादेवी वर्मा

Here is another famous poem by Mahadevi Ji. I love the first lines “clouds are the breath of ocean and lightening the restless thoughts of darkness”. दीप मेरे जल अकम्पित, घुल अचंचल। सिन्धु का उच्छवास घन है, तड़ित, तम का विकल मन है, भीति क्या नभ है व्यथा का आँसुओं से सिक्त अंचल। स्वर-प्रकम्पित कर दिशायें, मीड़, सब भू की …

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अधिकार: महादेवी वर्मा की प्रेरणादायक हिंदी कविता

अधिकार - Adhikar by Mahadevi Verma

Those who strive to tirelessly work for others may perish, but here Mahadevi Verma states that she would rather prefer that suffering than become immortal by the grace of God. Be careful to pause at commas to get the true meanings of lines. वे मुस्काते फूल, नही जिनको आता है मुरझाना, वे तारों के दीप, नही जिनको भाता ह बुझ …

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हर घट से: चिंतन पर नीरज की प्रेरणादायक हिंदी कविता

Gopal Das Neeraj

This is a famous poem of Niraj. One has to be selective in life, put in sustained efforts and be patient in order to succeed. हर घट से: गोपाल दास नीरज हर घट से अपनी प्यास बुझा मत ओ प्यासे! प्याला बदले तो मधु ही विष बन जाता है! हैं बरन बरन के फूल धूल की बगिया में लेकिन सब ही …

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