गुल्लक: कानू चाचा ठेले पर इमली की लाल चटनी बेचा करते थे। उनके ठेले पर कच्चे आम के टुकड़े भी बिकते, जिसमें लाल मिर्च डाल कर कानू चाचा हमें देते थे। उस समय आज की तरह चीजें महंगी नहीं हुआ करती थीं। चवन्नी या अठन्नी ही हमें रोज घर से मिला करती थी। कानू चाचा पुराने पीपल के पेड़ के …
Read More »पुनर्मिलन: कहानियों के विशेषज्ञ जोहान पीटर हेबेल
जोहान पीटर हेबेल (1760-1826) जर्मन लेखकों में अपनी छोटी-छोटी कहानियों के लिए विशेष रूप से जाने जाते हैं। प्रस्तुत कहानी प्रेम की एक अखिण्डत प्यास और एक ऐसे विश्वास की कहानी है, जिसके सहारे आदमी अपनी तमाम भावी सम्भावनाओं के प्रति समर्पित हो जाता है। कोई पचास बरसों से भी पहले की बात है कि फालुन में – जो कि …
Read More »रिश्ता: बनते बिगड़ते रिश्तों की अनकही कहानी
शानू, असलम चाचू आये है जरा दो कप चाय तो बनाकर लाना। “अदरक वाली… कड़क…” असलम चाचा बोले, जिन्हें मैं प्यार से चाचू बोलती थी। “घर में तो अदरक की फैक्टरी लगी है ना… अभी अभी कई देशों में भेजी है हमने…” कहते हुए दादी के पूजा घर में घंटे और घड़ियाल जोरों से घर में बजने लगे थे। मैंने …
Read More »बच्चों के लिए रोचक हास्यप्रद बाल कहानी: जंपी मेंढक
“दिन भर उछल कूद करते रहते हो। थोड़ी देर शांति से नहीं बैठ सकते” पीहू चिड़िया ने पानी से भीगे हुए पँख फड़फड़ाते हुए कहा। जंपी मेंढक कुछ कहता, इससे पहले ही घोंदू मगरमच्छ बोला – “इसके उछलने कूदने से मैं परेशान हो चुका हूँ। कल तो मेरी आँख ही फूटते हुए बची थी”। जंपी मेंढक सकपकाता हुआ बोला – …
Read More »फूलों का नगर: दो दोस्तों की प्रेरणादायक कहानी
गुरु वशिष्ठ के यहाँ बहुत से राजकुमार शिक्षा प्राप्त करने के लिए दूर दूर से आते थे और गुरुकुल में रहा करते थे। गुरूजी सभी शिष्यों को समान रूप से प्रेम करते थे, और उनमें किसी तरह का कोई भेदभाव नहीं करते थे। यू तो सभी उनकी बहुत सेवा करते थे पर अमृत और शांतनु दिन रात की परवाह किये …
Read More »चाँद और लम्बू जिराफ़ की दोस्ती पर हिंदी बाल-कहानी
रोज़ की तरह आज फ़िर खेल-खेल में चाँद सितारों की आपस में लड़ाई हो गई थी। चाँद बेचारा क्या करता, वह एक तरफ़ अकेला पड़ जाता और ढेर सारे सितारे एक तरफ़… आख़िर चाँद रूठ गया और बोला – “मैं जा रहा हूँ, धरती की ओर…” सितारे यह सुनकर घबरा गए। उन्होंने उसे बहुत मनाया। उसकी बड़ी खुशामद की, पर …
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