Tag Archives: Wisdom Poems in Hindi

बचपन: बाल दिवस स्पेशल नटखट हिंदी कविता

बचपन - बाल दिवस स्पेशल - अवधेश गुप्ता

बचपन के दिन किसी भी व्यक्ति के जीवन के बड़े महत्वपूर्ण दिन होते हैं। बचपन में सभी व्यक्ति चिंतामुक्त जीवन जीते हैं। खेलने उछलने-कूदने, खाने-पीने में बड़ा आनंद आता है। माता-पिता, दादा-दादी तथा अन्य बड़े लोगों का प्यार और दुलार बड़ा अच्छा लगता हैं। हमउम्र बच्चों के साथ खेलना-कूदना परिवार के लोगों के साथ घूमना-फिरना बस ये ही प्रमुख काम …

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सयानी बिटिया – हिंदी कविता: बेटियां होती है पराया धन

सयानी बिटिया: बेटियां होती है पराया धन

जबसे हुई सयानी बिटिया भूली राजा-रानी बिटिया बाज़ारों में आते-जाते होती पानी-पानी बिटिया जाना तुझे पराये घर को मत कर यों मनमानी बिटिया किस घर को अपना घर समझे जीवन-भर कब जानी बिटिया चॉकलेट भैया को भाये पाती है गुड़धानी बिटिया सारा जीवन इच्छाओं की देती है कुर्बानी बिटिया चौका, चूल्हा, झाडू, बर्तन भूल गई शैतानी बिटिया हल्दी, बिछूए, कंगल …

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मेघ आये बड़े बन ठन के, सँवर के: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

मेघ आये बड़े बन ठन के, सँवर के - सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

भारत में मॉनसून हिन्द महासागर व अरब सागर की ओर से हिमालय की ओर आने वाली हवाओं पर निर्भर करता है। जब ये हवाएं भारत के दक्षिण पश्चिम तट पर पश्चिमी घाट से टकराती हैं तो भारत तथा आसपास के देशों में भारी वर्षा होती है। ये हवाएं दक्षिण एशिया में जून से सितंबर तक सक्रिय रहती हैं। वैसे किसी …

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हमारा तुम्हारा वतन एक है: वर्षा दीक्षित

हमारा तुम्हारा वतन एक है: वर्षा दीक्षित

भारत के प्राचीन और हिन्दू ग्रंथों में सिंधु नामक देश के बारे में उल्लेख मिलता है। इस सिंधु देश के बारे में ग्रंथों में विस्तार से लिखा हुआ है। सिंधु घाटी की सभ्यता का केंद्र स्थान है पाकिस्तान। इसी सभ्यता के दो नगर चर्चित है – मोहनजोदड़ो और हड़प्पा। यह सभ्यता बलूचिस्तान के हिंगलाज मंदिर से भारत के राजस्थान और …

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विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

विजय भेरी: राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त देश प्रेम कविता

Here is an old classic poem by Rashtra Kavi Mathilisharan Gupt, praising the great and ancient motherland India. विजय भेरी: देश प्रेम कविता जीवन रण में फिर बजे विजय की भेरी। भारत फिर भी हो सफल साधना तेरी। आत्मा का अक्षय भाव जगाया तू ने, इस भाँति मृत्यु भय मार भगाया तू ने। है पुनर्जन्म का पता लगाया तू ने, …

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भारत महिमा: जयशंकर प्रसाद – भारतवर्ष का गुणगान

भारत महिमा - जयशंकर प्रसाद

जयशंकर प्रसाद (जन्म: 30 जनवरी, 1889, वाराणसी, उत्तर प्रदेश – मृत्यु: 15 नवम्बर, 1937) हिन्दी नाट्य जगत् और कथा साहित्य में एक विशिष्ट स्थान रखते हैं। कथा साहित्य के क्षेत्र में भी उनकी देन महत्त्वपूर्ण है। भावना-प्रधान कहानी लिखने वालों में जयशंकर प्रसाद अनुपम थे। Here is an excerpt from an old classic poem by Jaishankar Prasad. The beautiful rhythm, …

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शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

शत् शत् नमन: उर्मिलेश की देश भक्ति कविता

भारत की आजादी की लड़ाई में यूं तो लाखों-करोड़ों हिंदुस्तानियों ने भाग लिया लेकिन कुछ ऐसे सपूत भी थे जो इस आजादी की लड़ाई के प्रतीक बनकर उभरे। राष्ट्रधर्म की खातिर क्रांति की पहली गोली चलाने वाले को भले ही तोपों से उड़ा दिया गया लेकिन जो चिंगारी उन्होंने लगाई उस आग में तपकर निकले स्वाधीनता सेनानियों ने अपने अहिंसक …

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गंगा की विदाई: गंगा नदी पर देश भक्ति कविता

Desh Prem Poem About Holy River Ganga गंगा की विदाई

Indian civilization owes its existence to the mighty Ganges originating in Himalaya. Ganga is the daughter of Himalaya. Here is an excerpt from a lovely poem by Makhanlal Chaturvedi, telling how the river transforms the great northern Indian planes as it flows to the ocean. Poet exhorts Himalaya to give Ganga to Saagar in Kanyadaan… शिखर–शिखरियों में मत रोको‚ उसकी …

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अपना घर है सबसे प्यारा: प्रेरणादायक बाल-कविता

अपना घर है सबसे प्यारा

Here is a little poem that my mother taught us kids. I do not know who wrote this poem, but it has a lot of truth in it! चिड़ियाँ के थे बच्चे चार निकले घर से पंख पसार पूरब से पश्चिम को आए उत्तर से दक्षिण को धाए उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम देख लिया हमने जग सारा अपना घर है …

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झंडा ऊँचा रहे हमारा: श्यामलाल पार्षद उत्प्रेरक झंडा गीत

झंडा ऊँचा रहे हमारा – श्यामलाल पार्षद

4to40.com has become very popular amongst school children and their parents who find on this site poems to recite in class, or for home-work. It is therefore important that poems well entrenched in public memory should be available on this site. This famous poem of desh prem should be of interest to many readers. We often hear it on Doordarshan on …

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