दशहरा के त्यौहार पर हिंदी कविता – होगा तभी दशहरा किस्सा एक पुराना बच्चों, लंका में था रावण, राजा एक महा-अभिमानी, काँपता जिससे कण-कण। उस अभिमानी रावण ने था, सबको खूब सताया, रामचन्द्र जब आये वन में, सीता को हर लाया। झिलमिल झिलमिल सोने की, लंका पैरो पे झुकती, और काल की गति भी भाई, उसके आगे रूकती। सुन्दर थी लंका, लंका …
Read More »जय सरस्वती माता: सरस्वती माँ की आरती
Goddess Saraswati: The name Saraswati came from “saras” (meaning “flow”) and “wati” (meaning “she who has …”), i.e. “she who has flow” or can mean sara meaning “essence” and swa meaning “self”. So, Saraswati is symbol of knowledge; its flow (or growth) is like a river and knowledge is supremely alluring, like a beautiful woman. She is depicted as beautiful …
Read More »विद्यालय मैगजीन से हिंदी बाल-कविताएँ
गुरु: प्रभलीन कौर गुरु अनहद का नाद है, गुरु बोध का स्वाद है। गुरु शरणागत की शक्ति है, गुरु स्नेह की पवित्र धारा है।। गुरु बेसहारों का सहारा है, गुरु अनंत कृपाओं का सागर है। गुरु अनुभव की छलकती गागर है, गुरु नवजीवन की भोर है।। गुरु प्रेम की सुंदर डोर है, गुरु सत्य का सुखद स्पर्श है। गुरुदेव है, …
Read More »प्रेरक हिंदी कविता: कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
कई लोग इस रचना को हरिवंशराय बच्चन जी द्वारा रचित मानते हैं। लेकिन श्री अमिताभ बच्चन ने अपनी एक फ़ेसबुक पोस्ट में स्पष्ट किया है कि यह रचना सोहनलाल द्विवेदी जी की है। कोशिश करने वालों की हार नहीं होती: सोहनलाल द्विवेदी जी की प्रेरक हिंदी कविता लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार …
Read More »मानवता और धर्मयुद्ध (रश्मिरथी): रामधारी सिंह दिनकर
Here is a gem taken from the all-time classic “Rashmirathi”. Dinkar Ji abhors the animal instincts that linger just under the surface of humanity. He abhors the glorification of war by the society. No right thinking human being would want the death and destruction that invariably occurs in a war, but still at times war gets all out support from societies. …
Read More »मॉर्डन रसिया: अल्हड़ बीकानेरी की हास्य व्यंग्य कविता
Alhad Bikaneri (17 May 1937 – 17 June 2009) was a renowned Hindi and Urdu poet of Hasya Ras (Humor) of India. His original name was Shyamlal Sharma. He was born on 17 May 1937 in a small village named Bikaner, Rewari district, Haryana, India. Honored with “Hasya Ratna” he is considered as one of the most famous Hindi humor …
Read More »राजीव कृष्ण सक्सेना की धार्मिक कविता: मैं ही हूं
We humans see the world and interpret it as per our mental capacities. We try to make a sense out of this world by giving many hypotheses. But reality remains beyond us, a matter of constant speculation. मैं ही हूँ प्रभु पुत्र आपका, चिर निष्ठा से चरणों में नित बैठ नाम का जप करता हूँ मैं हीं सिक्का खरा, कभी …
Read More »गंगा मैया हो एक भाई दे दो: बहन की भगवान से प्रार्थना
Gender Discrimination: Gender based discrimination against female children is pervasive across the world. It is seen in all the strata of society and manifests in various forms. As per the literature, female child has been treated inferior to male child and this is deeply engraved in the mind of the female child. Some argue that due to this inferior treatment …
Read More »यह है भारत देश हमारा: सुब्रह्मण्य भारती की देश प्रेम कविता
सुब्रह्मण्य भारती (जन्म: 11 दिसम्बर, 1882 – मृत्यु: 11 सितम्बर, 1921) भारत के महान् कवियों में से एक थे, जिन्होंने तमिल भाषा में काव्य रचनाएँ कीं। इन्हें महाकवि भरतियार के नाम से भी जाना जाता है। भारती एक जुझारू शिक्षक, देशप्रेमी और महान् कवि थे। आपकी देश प्रेम की कविताएँ इतनी श्रेष्ठ हैं कि आपको भारती उपनाम से ही पुकारा …
Read More »भारत गुण–गौरव: शमशेर बहादुर सिंह देश प्रेम बाल-कविता
Here is an old poem of Shamsher Bahadur Singh, in praise of ancient motherland India. शमशेर बहादुर सिंह (जन्म: 13 जनवरी, 1911 – मृत्यु: 12 मई, 1993) आधुनिक हिंदी कविता के प्रगतिशील कवि हैं। ये हिंदी तथा उर्दू के विद्वान हैं। प्रयोगवाद और नई कविता के कवियों की प्रथम पंक्ति में इनका स्थान है। इनकी शैली अंग्रेज़ी कवि एजरा पाउण्ड …
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