Tag Archives: Wisdom Poems in Hindi

होकर मगन आया है बसंत: वसंत ऋतु पर कविता

होकर मगन आया है बसंत: विवेल हिरदे

होकर मगन आया है बसंत: माघ महीने की पंचमी तिथि से ऋतुराज बसंत का आगमन होता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। वसंत पंचमी पर्व भारतीय जनजीवन को अनेक तरह से प्रभावित करता है। प्राचीनकाल से इसे ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का जन्मदिवस माना जाता है। जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से …

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जलियाँवाला बाग में बसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान

जलियाँवाला बाग में बसंत - सुभद्रा कुमारी चौहान

जलियाँवाला बाग में बसंत: सुभद्रा कुमारी चौहान – Jallianwala Bagh (जलियाँवाला बाग) is a public garden in Amritsar, and houses a memorial of national importance, established in 1951 by the Government of India, to commemorate the massacre of peaceful celebrators including unarmed women and children by British occupying forces, on the occasion of the Punjabi New Year (Baisakhi) on 13 …

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सुभाष चन्द्र बोस: गोपाल प्रसाद व्यास

सुभाष चन्द्र बोस - गोपाल प्रसाद व्यास: देश भक्ति कविता

सुभाष चन्द्र बोस: गोपाल प्रसाद व्यास – 23 जनवरी 1897 का दिन विश्व इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है। इस दिन स्वतंत्रता आंदोलन के महानायक सुभाषचंद्र बोस का जन्म कटक (Cuttack, Odisha) के प्रसिद्ध वकील जानकीनाथ तथा प्रभावतीदेवी के यहां हुआ। 12 सितंबर 1944 को रंगून के जुबली हॉल में शहीद यतीन्द्र दास के स्मृति दिवस पर नेताजी ने अत्यंत …

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हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर: हरजीत निषाद

हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर Hindi poem on Netaji Subhash Chandra Bose

हैं सुभाष चन्द्र बोस अमर: हरजीत निषाद – सुभाष चंद्र बोस भारत के सबसे प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे. वह युवाओं के करिश्माई प्रभावक थे और स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान भारतीय राष्ट्रीय सेना (INA) की स्थापना और नेतृत्व करके ‘नेताजी‘ की उपाधि प्राप्त की। हालाँकि शुरुआत में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधन किया गया था लेकिन …

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समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना

समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना – Love is not easy. Emotional turmoil and tiffs take their toll. Heightened sensitivity and expectations cause misunderstandings with which the lovers have to deal with constantly. Talking the problems over is not great help because language is too crude a medium to communicate feelings. Here are some suggestions… समाधान: राजीव कृष्ण सक्सेना प्रिये यह अनमनापन …

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15 अगस्त 1947: सुमित्रानंदन पंत की कविता

15 अगस्त 1947 - सुमित्रानंदन पंत

15 अगस्त 1947 कविता: सुमित्रानंदन पंत (मई 20, 1900 – दिसंबर 28, 1977) हिंदी में छायावाद युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं। उनका जन्म अल्मोड़ा ज़िले के कौसानी नामक ग्राम में मई 20, 1900 को हुआ। जन्म के छह घंटे बाद ही माँ को क्रूर मृत्यु ने छीन लिया। शिशु को उसकी दादी ने पाला पोसा। शिशु …

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हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव

हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव

हर घर तिरंगा: आजादी का अमृत महोत्सव – साल 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit Mahotsav) मनाया जा रहा है। इस मौके पर डाक विभाग ने तिरंगे झंडे (Tricolour) की विकास यात्रा डाक टिकट पर दिखाई है। इस स्मारक डाक टिकट की कीमत 75 रुपये रखी गई है। …

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तिरंगा प्यारा: भारतीय ध्वज पर हिंदी कविता

तिरंगा प्यारा: भारतीय ध्वज पर हिंदी कविता

तिरंगा प्यारा! भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के एक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। इसकी अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इसे 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता के कुछ ही दिन पूर्व 22 जुलाई, 1947 को आयोजित भारतीय संविधान-सभा की बैठक में अपनाया …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रविन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविता का हिंदी अनुवाद: रवीन्द्रनाथ टैगोर ज्यादातर अपनी पद्य कविताओं के लिए जाने जाते है, टैगोर ने अपने जीवनकाल में कई उपन्यास, निबंध, लघु कथाएँ, यात्रावृन्त, नाटक और हजारों गाने भी लिखे हैं। टैगोर की गद्य में लिखी उनकी छोटी कहानियों को शायद सबसे अधिक लोकप्रिय माना जाता है; इस प्रकार इन्हें वास्तव में बंगाली भाषा …

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रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद

रवीन्द्रनाथ टैगोर की प्रसिद्ध कविताओं का हिंदी अनुवाद: बचपन से ही रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविता, छन्द और भाषा में अद्भुत प्रतिभा का आभास लोगों को मिलने लगा था। उन्होंने पहली कविता आठ साल की उम्र में लिखी थी और 1877 में केवल सोलह साल की उम्र में उनकी लघुकथा प्रकाशित हुई थी। भारतीय सांस्कृतिक चेतना में नई जान फूँकने वाले …

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