ऋषि-मुनियों ने बिना तोड़-फोड़ के वास्तु दोषों को दूर करने के उपाय बताए हैं। जिन्हें अपनाकर विभिन्न दिशाओं से जुड़े दोषों को दूर किया जा सकता है। शीशे के भीतर सौभाग्य, धन, वैभव और खुशहाली को आकर्षित करने की ताकत होती है लेकिन अगर घर के जिस कोने में आपने शीशा रखा है और वह वास्तु के अनुकूल नहीं है तो इसका उलटा परिणाम भी हो सकता है। यहां तक की घर के बाहर भी शीशे का उचित ढग से प्रयोग करके धन-संपत्ति और खुशहाली को बढ़ाया जा सकता है, अन्यथा ये नकारात्मक ऊर्जा का बड़ा स्रोत बन जाता है।
- घर अथवा कार्य स्थान के मुख्यद्वार के सामने कोई भी ऊंचा खंबा, पेड़ और धारदार किनारा नहीं होना चाहिए क्योंकि इससे घर के सदस्य प्रगती नहीं कर पाते।
- जिस घर के सामने सड़क पर अधिक ट्रैफिक रहता है वहां के लोगों की आमदनी अठन्नी और खर्चा रूपया होता है। उन्हें धन संचय करने में बहुत परेशानी आती है। इस समसेया से बचने के लिए सड़क वाली दिशा में मुख्यद्वार न बना कर किसी अन्य दिशा में बनाएं यदि ऐसा करना संभव न हो तो मुख्यद्वार के बाहर शीशा लगा दें।
- घर का दरवाजा और लिफ्ट बिल्कुल आमने-सामने हो तो मेन गेट के ऊपर आईना लगाएं और लगभग पांच सेंटीमीटर की देहरी अवश्य बनाएं। ऐसा करने से यह नकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर समेटकर उस स्थान को किसी भी प्रकार की नकारात्मकता से मुक्त करेगा।
- आपके घर के सामने 4 गुना बड़ी इमारत हो तो घर के मुख्यद्वार के सामने कॉन्वेक्स मिरर लगाएं क्योंकि ऐसे घर वाले लोगों के साथ कभी भी धोखा हो सकता है। धोखे से बचने का ये सर्वोत्तम माध्यम है।