किसी भी घर में धन-धान्य आने का प्रतीक तो यही है कि घर में बेबात तनाव न हो। परिवार का हर सदस्य अपने-अपने काम से लगा हो। स्वस्थ-प्रसन्न हो। घर इतना दमकता हो कि बीमारियां पास न फटकें। घर में इतना धन हो कि सबकी जरूरतें पूरी हों और किसी बुरे वक्त के लिए पर्याप्त बचत भी हो। घर में सम्पन्नता आने का अर्थ यह भी है कि घर में स्त्री-पुरुष का सामंजस्य हो। ऐसे घर में सुख की रोशनी होगी और समृद्धि की बरसात।
घर में सौभाग्य को न्यौता देने के लिए घर के मुख्य द्वार पर रंगोली सजानी चाहिए, फूलों का गुलदस्ता या छोटी घंटियां लगानी चाहिए। ऐसा करने से सौभाग्य के साथ-साथ महालक्ष्मी के आने का रास्ता भी स्वयं बनता है।
घर के सामने सुंदर और अच्छे तरीके से बना बगीचा हो तो मां लक्ष्मी के आगमन का राह बनता है। झाड़ या झाड़ियां घर के सामने बेतरीके ढंग से उगे होने से पारिवारिक सदस्यों की मानसिक कमजोरी का प्रतिनिधित्व होता है और उन्हें अपने मित्रों की चालाकियों से परेशान रहना पड़ता है साथ ही गलत लोगों के संपर्क में आने से कदम कदम पर हानि का सामना भी करना पड़ता है।
घर के मुख्यद्वार के साथ जुड़े हॉल का फर्श खराब हो या उसमें कबाड़ भर रखा हो तो उस घर के सदस्यों को मानसिक अशांति रहती है। बच्चों और अभिभावको में आपसी समझ की कमी रहती है।
घर के मुख्य द्वार पर व उसके आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई होनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा को घर में प्रवेश करने में किसी प्रकार की रूकावट पैदा न हो। दरवाजा खोलते या बंद करते समय आवाज करता हो तो कब्जों में तेल डाल देना चाहिए नहीं तो परिवार के सदस्यों में खटपट बनी रहती है।
अपनी आस्था के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर बाहर की ओर मांगलिक प्रतिकों को प्रदर्शित करना चाहिए जैसे स्वास्तिक, ओम, त्रिशूल, क्रास इत्यादि। इससे सौभाग्य, समृद्धि व प्रसिद्धि में वृद्धि होती है।
घर के मुख्य द्वार के सामने जूते, चप्पल उतारना अशुभ होता है, जो सकारात्मक ऊर्जा को अंदर आने से रोकता है। इसी प्रकार मुख्य द्वार के पीछे भी किसी प्रकार की कोई चीज लटकाना अशुभ होता है।