- जिस घर में पूजा के दो स्थान होते हैं, उस घर के मुखिया के पास एक से अधिक सम्पत्ति होती है और उस घर के बेटे की आमदनी के स्रोत भी दो होते हैं।
- जिन घरों में भोजन बनाने के साधन एक से अधिक जैसे गैस, स्टोव्ह, माइक्रोवेव, ओवन इत्यादि होते हैं ऐसे घरों में आय के साधन भी एक से अधिक होते हैं।
- भवन एवं प्लाट का ईशान कोण वाला भाग नैऋत्य कोण के भाग की तुलना में नीचा होना चाहिए। ईशान ऊंचा होने से गृहस्वामी को आर्थिक संकट आते रहते हैं।
- भवन की उत्तर, पूर्व दिशा एवं ईशान कोण में भूमिगत पानी की टंकी, कुंआ या बोर होना बहुत शुभ होता है, इससे आर्थिक संपन्नता आती है। उपरोक्त दिशाओं के अलावा अन्य किसी भी दिशा मे या कोण में होना अशुभ होकर आर्थिक कष्ट का कारण बनता है। भवन के मध्य मे तो किसी भी प्रकार का गड्ढा, कुआ, बोरिंग इत्यादि होने से गृहस्वामी भयंकर आर्थिक संकट में आ जाता है। अतः दोषपूण गड्ढों को जितना जल्दी हो सके भर देना चाहिए।
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