गगनभेदी प्राणायाम करने की विधि और लाभ

गगनभेदी प्राणायाम करने की विधि और लाभ

गगनभेदी प्राणायाम: विधि

वज्रासन में बैठें। एक हस्ती मुद्रा लगाएं अर्थात् बाएं हाथ के अंगूठे का ऊपरी भाग छोटी अंगुली की जड़ में रख कर मुट्ठी बन्द करके उसे बाएं घुटने से 4 अंगुल की दूरी पर रखें। हथेली की गद्दी का स्पर्श अच्छी तरह से होता रहे।

वज्रासन

वज्र का अर्थ होता है कठोर। इसीलिए इसका नाम वज्रासन है क्योंकि इसे करने शरीर मजबूत और स्थिर बनता है। यही एक आसन है, जिसे भोजन के बाद भी कर सकते हैं। इसके अभ्यास से पाचन शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलती है। जठराग्नि प्रदीप्त होती है, उदर वायु विकार दूर होते हैं। रीढ़ की हड्डी और कंधे सीधे होते हैं और शरीर में रक्त-संचार सही ढंग से होता है। यह टांगों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाता है। साथ ही गैस और कब्ज की समस्या नहीं होती है।

यह ध्यानात्मक आसन हैं। मन की चंचलता को दूर करता है। भोजन के बाद किया जानेवाला यह एक मात्र आसन हैं।

इसके करने से अपचन, अम्लपित्त, गैस, कब्ज की निवृत्ति होती है। इस आसन को सबसे पहले 10 सेकेंड करें, फिर 20 सेकेंड तक बढ़ाएँ। कुछ दिन तक लगातार अभ्यास करने पर आप एक मिनट तक वज्रासन करने लगेंगे। भोजन के बाद 5 से लेकर 15 मिनट तक करने से भोजन का पाचक ठीक से हो जाता है। वैसे दैनिक योगाभ्यास मे 1-3 मिनट तक करना चाहिए। घुटनों की पीड़ा को दूर करता है। यह ध्यानात्मक आसन भी है। इसमें कुछ समय तक अपनी सुविधानुसार बैठना चाहिए।

दाएं हाथ की मुट्ठी बंद करके उसके अंगूठे की कोमल भाग दाईं नासिका के नीचे रख कर नासापुट को अच्छी तरह बन्द कर लें। मुख से सांस भरें। होंठ अन्दर की ओर खींच कर रखें। ॐ के अर्ध चन्द्राकार का ध्यान करते हुए गुंजन करें। जैसे ही सांस नाक से बाहर निकलती जाए, वैसे ही पेट अन्दर की ओर सिकोड़ते जाएं। 5 मीनट दाएं नासाछिद्र से करें, फिर 5 मिनट बाएं नासा छिद्र को बंद करके अभ्यास करें।

गगनभेदी प्राणायाम: लाभ

  • नेत्रों की ज्योति बढती है।
  • कपाल की शुद्धि होती है तथा सिरदर्द दूर होता है।
  • मानसिक रोग दूर होते हैं। तनाव नष्ट होता है।
  • मिर्गी रोग में लाभ मिलता है।
  • मणिपुर चक्र प्रभावित होता है।
  • मेधा बुद्धि व स्मृति विकास होता है।
  • आकाश तत्व की पूर्ति होती है।
  • उच्च व निम्न रक्तचाप ठीक होता है।
  • शरीर के किसी अंग में कम्पन हो, वह दूर होता है। यह रोग पार्किंसन कहलाता है।

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