ध्यान कैसे करें: अगर मैं आपको ध्यान के बारे में विस्तृत रूप से बताने का प्रयास करूं तो मैं खुद भी आपको इसका अनुभव देने में समर्थ नहीं हो पाउंगा, लेकिन अब तक इस पृथ्वी पर कुछ भी ऐसा नहीं है जो आपको इससे अधिक संतोष दे। ध्यान ही केवल वह अनुभव ला सकता है। ध्यान कैसे किया जाता है, इसे सिखाने की बजाय मेरी भूमिका यह है कि मैं आपको इस बात के लिए प्रेरित करूं कि आप इसकी तलाश कैसे करें।
शुरुआती दौर में ध्यान करने के सरल उपाय तकनीक:
एक गहरे ध्यान के अनुभव के लिए यह आसान सुझाव अत्यंत ही प्रभावशाली है:
- समय एवं स्थान का चयन करें।
- पेट को थोड़ा खाली रखें और आराम से बैठें।
- कुछ व्यायाम एवं गहरी साँस के साथ प्रारंभ करें।
- अधिक मुस्कान रखें। और पढ़ें ..
क्या आपको पता है, बस थोड़ा समय अपने ध्यान के तैयारी में खर्च करके ध्यान का गहरा अनुभव प्राप्त सकते हैं?
शुरुआती दौर में “ध्यान कैसे करें” कुछ सुझाव दिए गए हैं, जिससे आपको घर पर ध्यान करने के लिए मदद मिल सकती है।
क्या आँखे बंद करके शांत बैठना कठिन लगता है ? – इसके लिये चिंता न करें आप ऐसे अकेले नहीं है। जो व्यक्ति “ध्यान कैसे करें” सीखना चाहते हैं, उनके लिए नीचे कुछ सरल उपाय हैं। इन अभ्यासों में जैसे-जैसे आप नियमित होंगे, आप निश्चित ही ध्यान की गहराई में जायेंगे।
शुरुआत इन 8 सरल सुझावों को अपनाकर करें:
- सुविधाजनक समय को चुनें। Choose a Convenient Time
- शांत स्थान चुनें। Choose a Quiet Place
- आराम से बैठें। Sit in a Comfortable Posture
- पेट को खाली रखे। Keep a Relatively Empty Stomach
- इसे वार्मअप से शुरू करें। Start With a Few Warm-ups
- कुछ लंबी गहरी साँसें लीजिये। Take a Few Deep Breaths
- अपने चेहरे पर सौम्य मुस्कान बना कर रखें। Keep a Gentle Smile on Your Face
- अपनी आँखों को धीरे धीरे सौम्यता से खोलें। Open Your Eyes Slowly and Gently
ध्यान कैसे करें: How To Meditate
इस राह में हमारा उद्देश्य यह है कि किस प्रकार चीजों से ऊपर उठकर हम अपने निराकार शुद्ध रूप में लौट सकें। हममें से हर कोई एक खोल में बंद है और यह खोल हमारा शरीर है। इस खोल के भीतर एक सार्वभौमिक और असीम प्रकृति की अभिव्यक्ति है। हममें से हर कोई यहां बौद्धिक रूप में इस चेतना को तलाशने आया है।
किसी वस्तु की एकाग्रता पर पूरी तरह विचार करने के लिए जब हम खुद को केन्द्रित करने में सफल हो जाते हैं तो उसके बाद की अस्तित्व की अवस्था ही ध्यान कहलाती है। एकाग्रता तीन आयामों का आखिरी पड़ाव है और इसका लक्ष्य आत्मा के आयाम के सच होने से पहले भौतिक और मानसिक आयामों से गुजरना है, लेकिन अगर एक बार जब हम ध्यान की अवस्था प्राप्त कर लेते हैं तो हमारा अस्तित्व पूरी तरह से आत्मा के दायरे में होता है जो कि खुद तक की एक यात्रा है।
Basic Meditation Session – Sandeep Maheshwari | How to Meditate for Beginners | Hindi
किसी भी चीज के प्रति आपकी सोच ज्यादा लंबे समय तक केन्द्रित नहीं रह सकती है, लेकिन पूरी तरह से सोच के अभाव से यह स्थिति बेहतर है। जब आत्मा मुक्त होती है तो वहां अहंकार भी नहीं रहता। हर व्यक्ति का अनुभव थोड़ा अलग होता है भले ही वह अनुभव एक ही स्रोत से क्यों ना मिला हो। आत्मा की उपस्थिति एक संतुलन को जन्म देती है और यह हमारे आस-पास की शांति का एक महत्वपूर्ण स्रोत होती है।