सर्वांगासन
इस आसन में शरीर के सभी अंगों का व्यायाम एक साथ हो जाता है, इसलिए इसे सर्वांगासन कहते हैं।
कैसे करें: सपाट जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को शरीर के साइड में रखें। दोनों पैरो को धीरे-धीरे ऊपर उठाइए। पूरा शरीर गर्दन से समकोण बनाते हुए सीधा रखें और ठोड़ी को सीने से लगाएं। इस पोजिशन में 10 बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे पैर को नीचे करें।
यह आसन आपकी आंखों के आसपास की मांसपेशियों में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे आंखों की रोशनी हमेशा अच्छी बनी रहती है।
शवासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं। अब अपने पैरों को ढीला छोड़ दें और अपने हाथों को शरीर से सटाकर रख लें। इस आसन को शवासन इसलिए कहते हैं, क्योंकि इसमें आपको अपना शरीर बिल्कुल शव की तरह जमीन पर छोड़ देना पड़ता है। इस आसन को करने से थकावट दूर होती है। सांस और नब्ज़ की गति सामान्य हो जाती है। इस आसान से आंखों को काफी आराम मिलता है और साथ ही आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
प्राणायाम
हममें से कई लोग ऐसे हैं जो कंप्यूटर पर लगातार 10-12 घंटे काम करते हैं, जिससे उनकी आंखें धीरे-धीरे उनका साथ छोड़ने लगती हैं। प्राणायाम आंखों की रोशनी को लंबे समय तक सही बनाए रखता है।
कैसे करें: इसे करने के लिए आप सबसे पहले ध्यान की मुद्रा में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और पीठ सीधी रखें। अब आंखें बंद रखकर लंबी सांस लें और फिर छोड़ें। इस क्रिया को लगातार करें। ध्यान रखें कि जहां आप यह आसान कर रहे हों वहां का वातावरण एकदम शांत हो।
अनुलोम विलोम
आसन की मुद्रा में बैठ जाएं। कमर व गर्दन को सीधा कर आंखें बंद कर लें। अब सीधे हाथ की प्राणायाम मुद्रा बना लें और नासारन्ध्रों पर ले जाएं। प्राणायाम मुद्रा के लिए तर्जनी और मध्यमा अंगुलियों को सीधा रखते हुए अंगूठे से दाएं नासारन्ध्र को बंद कर लें। यहां पर तर्जनी और मध्यमा अंगुलियों को माथे के बीचों-बीच आज्ञाचक्र स्थान पर रखें। अब बाएं नासारन्ध्र से धीरे-धीरे सांस को बाहर की ओर निकालें। संपूर्ण सांस निकालने के पश्चात सांस को पुन: बाएं नासारन्ध्र से ही भरना प्रारंभ करें। अधिक से अधिक सांस भरने के बाद बाएं नासारन्ध्र को अनामिका और कनिष्ठा अंगुलियों से बंद कर लें व अंगूठे को दाएं नासारन्ध्र से हटाकर दाईं नासिका से सांस धीरे-धीरे बाहर निकालें।