छोटी और गहरे लंबे श्वास: मस्तिष्क में चार महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन का संतुलन

छोटी और गहरे लंबे श्वास: मस्तिष्क में चार महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन का संतुलन

छोटी और गहरे लंबे श्वास: आजकल अधिकतर लोगों की श्वास उखड़ी और बिखरी होती है। ज्यादातर उथली रहती है। श्वास तेजी से चलती है, जो अनेक रोगों को जन्म देती है। लोगों को ज्यादातर यह पता ही नहीं चलता कि उनकी श्वास किस प्रकार चल रही है। हम सभी अधिकतर जाने-अनजाने में “छोटी श्वास” (Short Breath) लेते हैं। यही छोटी श्वास हमारे शरीर को नुकसान पहुँचा रही है। हमारे शरीर के अनेक रोगों का कारण बन रही है।

छोटी और गहरे लंबे श्वास

हमारे शरीर को 90% ऊर्जा (Energy) ऑक्सीजन से श्वासों के माध्यम से मिलती है, जो प्राण वायु का ही रूप है। मात्र 10% ऊर्जा “भोजन और पानी” से मिलती है। जब हम छोटी श्वास लेते हैं तो हमारे शरीर को पूरी ऊर्जा नहीं मिलती। इसी कारण हमारे शरीर की प्रणालियाँ गड़बड़ा जाती हैं। हमारे फेफड़ों में लगभग 8 करोड़ के करीब हवा की थेलियाँ (Air Sacks) हैं। परंतु जब हम छोटी श्वास लेते हैं तो हमारे फेफड़ों में 1½ से 2 करोड़ Air Sacks ही प्रभावित होते हैं। मात्र 20% से 30% फेफड़े फैलाव में आते हैं। इनमें से कार्बबडाइ-ऑक्साइड तथा विषैली गैसें बाहर नहीं निकल पातीं तथा ऑक्सीजन पूरी तरह से ग्रहण नहीं होती। 70% से ज्यादा फेफड़ों को ताजा प्राण वायु नहीं पहुँच पाती, जिससे हमारे शरीर को लगातार नुकसान पहुँचता रहता है। इसी कारण हम अनेकों बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इसी कारण, हमारे फेफड़े रक्त को शुद्ध नहीं कर पाते। रक्त में Toxins की विषाक्तता बढ़ती जाती है, जो रोगों का मूल कारण है।

वास्तव में, जब हम श्वास लेते हैं तो हमारे तीन मुख्य अंग प्रभावित होने चाहिएं – (1) पेट, (2) मध्य भाग (3) फेफड़े। जब हम श्वास लेते हैं और अगर ये तीनों अंग प्रभावित नहीं होते तो वह हमारी छोटी श्वास (Short breath) बन जाती है। इसी को Shallow breath, हल्की श्वास या मंद श्वास भी कहते हैं। यह उथली श्वास का ही रूप बन जाती है।

हमारे शरीर में मस्तिष्क में चार महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन का संतुलन सबसे ज्यादा खराब “छोटी श्वास” के कारण होता है। ये चार महत्त्वपूर्ण हॉर्मोन निम्नलिखित हैं:

  • डोपामाइन हॉर्मोन (Dopamine Hormone)
  • ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन (Oxytocin Hormone)
  • सेरोटोनिन हॉर्मोन (Serotonin Hormone)
  • एंडोर्फिन हॉर्मोन (Endorphin Hormone)

छोटी श्वास लेने से मस्तिष्क (Brain) के इन चारों हॉर्मोन की पूरी तरह पूर्ति नहीं हो पाती। मस्तिष्क का पूरा तंत्र बिगड़ जाता है, जिससे हमारे शरीर की अनेकों प्रणालियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ये चारों हॉर्मोन हमारे मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए सही मात्रा में रहने जरूरी हैं। इनके स्राव को संतुलित करने के लिए श्वास को गहरा-लंबा करना होगा।

आइये, इन चारों हॉर्मोन को संक्षेप में जानने का प्रयास करते हैं।

डोपामाइन हॉर्मोन (Dopamine Hormone):

डोपामाइन हॉर्मोन को “Motivational Hormone” कहते हैं। यह ‘खुश’ रखने वाला हॉर्मोन है। यह हॉर्मोन प्रेरणा और मानसिक एकाग्रता देता है। यह न्यूरो ट्रांसमीटर के रूप में कार्य करता है। मस्तिष्क को संदेश भेजने का कार्य भी करता है। यह Nervous System को बढ़िया बनाता है और भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करने में मदद करता है। इस हॉर्मोन की ज्यादा कमी होने से “पार्किन्सन” जैसे रोग होने लगते हैं। गहरे-लंबे श्वास के लगातार अभ्यास से यह हॉर्मोन प्रचुर मात्रा में बनने लगता है, जिससे मन शांत, एकाग्र एवं प्रसन्‍नचित्त बनता है।

ऑक्सीटोसिन हॉर्मोन (Oxytocin Hormone):

इस हॉर्मोन को “Love Hormone” भी कहते हैं। यौन प्रजनन, सामाजिक संबंधों, शिशु के जन्म, महिलाओं के मासिक धर्म संबंधी रोगों को ठीक करने में इस हॉर्मोन की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। यह हॉर्मोन “प्रेम और वासना” से जुड़ा है तथा Relationship और Emotional attachment बढ़ाने में अहम्‌ भूमिका निभाता है। गहरे-लंबे श्वास के अभ्यास से इसका संतुलन बनता है।

सेरोटोनिन हॉर्मोन (Serotonin Hormone):

इस हॉर्मोन को “Feel Good” हॉर्मोन भी कहते हैं। यह मूड नियंत्रित करता है। इसी से sound sleep आती है। यह हॉर्मोन “ब्रेन केमिकल” है। यह नेतृत्व क्षमता (Leadership) बढ़ाता है। इसकी कमी से Depression का रोग, नकारात्मक सोच बनती है। गहरे श्वास का अभ्यास इस हॉर्मोन का संतुलन बहुत जल्दी बनाता है।

एंडोर्फिन हॉर्मोन (Endorphin Hormone): छोटी और गहरे लंबे श्वास

यह एक “Good Hormone” कहलाता है। इसे “Happy Hormone” भी कहते हैं। इस हॉर्मोन का मस्तिष्क में संतुलन होने पर Natural Pain Killer का काम करता है। यह दर्द निवारक हॉर्मोन के नाम से जाना जाता है। “थकान और दर्द” शरीर से खत्म करता है। यह ज्ञान बढ़ाता है। गहरे श्वास के लगातार अभ्यास से इसका श्राव प्रचुर मात्रा में बनता है। जब भी तनाव ज्यादा हो, तीन मिनट गहरे-लंबे श्वास का अभ्यास करें। तुरंत आश्चर्यजनक लाभ मिलेगा।

इस प्रकार गहरे-लंबे श्वास हमारे निरोगी जीवन का आधार हैं। हमारा पूरा “योग विज्ञान” श्वासों को गहरा करने पर सबसे ज्यादा जोर देता है। यदि हम श्वासों को गहरा तथा लंबा करना सीख जाते हैं तो हमारा जीवन जादू की तरह बदल जाता है। नित्यप्रति 10 मिनट गहरे-लंबे श्वास का अभ्यास अवश्य करें। जीवन नीरोगी एवं प्रसन्‍नचित्त बनाएँ।

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