पेट कम करने के आसन: ज्यादा फैटी खाना, खराब लाइफस्टाइल, पूरी नींद न लेना, एक्सर्साइज के लिए टाइम नहीं… इन सब वजहों से धीरे-धीरे चर्बी हमारे शरीर पर बढ़ने लगती है जिसका सबसे ज्यादा असर हमारे पेट के आसपास नजर आता है। स्विमिंग, रनिंग, जॉगिंग समेत कई वेट ट्रेनिंग एक्सर्साइज हैं जिसके जरिए आप अपने बाहर निकले पेट को कम कर फ्लैट टमी पा सकते हैं। लेकिन इन सबके अलावा योग में भी कुछ ऐसे आसान हैं जिसके जरिए बेहद कम समय में आपको बेहतर नतीजे मिलने लगेंगे। योग का कोई भी आसन करने से पहले ध्यान रखें कि आप इन आसनों को खाली पेट करें और आसन करने के बाद उचित मात्रा में खाना और नींद लें। तभी योग का फायदा मिलेगा।
कपालभाती आसन: पेट कम करने के आसन #1
कपालभाति प्राणायाम नहीं बल्कि षट्कर्म का अभ्यास है। इसके लिए पालथी लगाकर सीधे बैठें, आंखें बंदकर हाथों को ज्ञान मुद्रा में रख लें। ध्यान को सांस पर लाकर सांस की गति को अनुभव करें और अब इस क्रिया को शुरू करें। इसके लिए पेट के निचले हिस्से को अंदर की ओर खींचे व नाक से सांस को बल के साथ बाहर फेंके। यह प्रक्रिया बार-बार इसी प्रकार तब तक करते जाएं जब तक थकान न लगे। फिर पूरी सांस बाहर निकाल दें और सांस को सामान्य करके आराम से बैठ जाएं।
सूर्य नमस्कार: पेट कम करने के आसन #2
सूर्य नमस्कार एक संपूर्ण एक्सर्साइज है। इसे करने से बॉडी के सभी हिस्सों की एक्सर्साइज हो जाती है। इसे करने से मानसिक तनाव से भी मुक्ति मिलती है। साथ ही मोटापा घटाने में भी सूर्य नमस्कार लाभकारी है। इसके कुल 12 आसन होते हैं जिनका शरीर पर अलग-अलग तरह से प्रभाव पड़ता है। सूर्य नमस्कार सुबह के समय खुले में उगते सूरज की ओर मुंह करके करना चाहिए। इससे शरीर को ऊर्जा मिलती है और विटामिन डी मिलता है।
नौकासन: आसन #3
इस आसन में शरीर की आकृति नाव के समान हो जाती है। इसीलिए इसे नौकासन कहा जाता है। इसके लिए पेट के बल ही लेटे हुए दोनों हाथों को सिर के सामने सीधा फैला दें। पैरों को पीछे मिला लें। हथेलियों को सामने आपस में इस प्रकार जोड़ें, जैसे नमस्ते करते हैं। माथा जमीन पर लगा रहेगा। अब सांस भरते हुए हाथों को आगे व पैरों को पीछे की ओर खींच कर आगे व पीछे से शरीर को ऊपर की ओर उठाएं। आगे से दोनों हाथ, सिर व छाती को उठाएं और पीछे से पैरों के पंजों, घुटनों व जंघाओं को उठा लें। जमीन पर केवल पेट का हिस्सा टिका रहेगा। अब सांस की गति को सामान्य रखते हुए हाथों को आगे व पैरों को पीछे की ओर यथाशक्ति खींचें। यथाशक्ति रोकने के पश्चात धीरे से वापस आ जाएं। इस आसन में पूरे शरीर का भार पेट पर आ जाता है। बाकी शरीर आगे-पीछे से ऊपर उठ जाता है, जिससे पेट की मांसपेशियों की ताकत बढ़ती है।
सर्वांगासन या शोल्डर स्टैंड: आसन #4
इस आसन को क्वीन ऑफ आसन के तौर पर जाना जाता है और इसमें भी रक्त का संचार पैर से सिर की ओर होता है। सपाट जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को शरीर के साइड में रखें। दोनों पैरो को धीरे-धीरे ऊपर उठाइए। पूरा शरीर गर्दन से समकोण बनाते हुए सीधा लगाएं और ठोड़ी को सीने से लगाएं। इस पोजीशन में 10 बार गहरी सांस लें और फिर धीरे-धीरे नीचे आएं। इस आसन से शरीर का पूर्ण विकास होता है।