स्फिंगक्स पोज़ या भुजंगासन
इस आसन में शरीर की आकृति फन उठाए हुए भुजंग यानी सांप जैसी बनती है। यह पूरे शरीर में सिर से लेकर पैर की अंगुलियों तक फायदा पहुंचाता है।
कैसे करें – पेट के बल लेट जाएं और अपनी कोहनी को कंधे के सीध में रखें। दोनों पैरों, एड़ियों और पंजों को आपस में मिलाइए और पूरी तरह जमीन के साथ चिपका लीजिए। 3 से 5 मिनट तक इसी पोजिशन में रहें।
रिक्लाइन लन्ज पोज़ या वीरभद्रासन
यह आसन शरीर को शक्ति और दृढ़ता प्रदान करने वाला व्यायाम है। इस मुद्रा के अभ्यास से शरीर में आत्मविश्वास और शक्ति का संचार होता है।
कैसे करें – सबसे पहले अपने दोनों पैरों पर सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों के बीच कम से कम 3 से 4 फीट की दूरी रहे। अब अपने बाएं पैर को सीधा रखें, इसे हल्का बाएं ओर ही घुमाए रखें। दाएं पैर को थोड़ा आगे बढ़ाएं और इसके बाद दोनों पैरों को ठीक उतना ही मोड़ें जितना तस्वीर में नजर आ रहा है। अपने हाथों को नमस्ते का आकार देते हुए ऊपर की ओर रखें।
कैमल पोज़ या उस्तरासन
इस आसन का अभ्यास करते समय शरीर की मुद्रा ऊंट के समान प्रतीत होती है।
कैसे करें – इस आसन में हमारी पीठ स्ट्रेच होती है, सिर थोड़ा झुका हुआ रहता है और पेट उठा हुआ रहता है, इसलिए इस आसन की मदद से पेट और पीठ के निचले हिस्से का परिमार्जन होता है।
पिजन पोज़ या कपोतासन
इस आसन में कबूतर के समान शारीरिक मुद्रा का संचालन किया जाता है। इस आसन के क्रम में कंधे, जंघाओं, घुटनों सहित पेट और कंधो का भी व्यायाम हो जाता है।
कैसे करें – घुटनों और हथेलियों के सहारे मेज की मु्द्रा में बैठ जाएं। अपने दाएं घुटने को मोड़कर शरीर के बीचों बीच लाने की कोशिश करें। दाएं पैर को बायीं दिशा में लाएं। बाएं पैर को धीरे धीरे पीछे ले जाएं। इस अवस्था में बाएं पैर का ऊपरी हिस्सा ज़मीन से लगा होना चाहिए। पेट को धीरे धीरे नीचे लाएं।
चाइल्ड पोज़ या बालासन
इसका अभ्यास आप अपने शरीर को आरामदायक स्थिति में लाने के लिए कर सकते हैं। इससे मेरूदंड और कमर में खिंचाव होता है और इनमें मौजूद तनाव दूर होता है।
कैसे करें – अपनी ऐड़ियों पर बैठें और शरीर के ऊपरी भाग को जंघाओं पर टिका कर सिर को जमीन से लगाएं। उसके बाद अपने हाथों को सिर से लगाकर आगे की ओर सीधा रखें और फिर हथेलियों को ज़मीन से लगते हुए अपने हिप्स को ऐड़ियों की ओर ले जाते हुए सांस छोड़ें।